नई दिल्ली, जंगपुरा, ग्रेटर कैलाश, राजेंद्र नगर, शकूर बस्ती, मालवीय नगर और पटपड़गंज विधानसभा दिल्ली की ये वो वीवीआईपी सीटें हैं जहां आम आदमी पार्टी की पूरी टॉप लीडरशिप धराशायी हो चुकी है। इसमें नई दिल्ली सीट से आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री सहित जंगपुरा से पार्टी में नंबर दो की हैसियत रखने वाले नेता पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया शामिल हैं।
इसके अलावा दिल्ली सरकार में ग्रेटर कैलाश से मंत्री सौरभ भारद्वाज और शकूर बस्ती से पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन चुनाव हारे हैं। पार्टी के मालवीय नगर से दिग्गज विधायक सोमनाथ भारती, राजेंद्र नगर से 'आप' के बड़े नेता और संगठन मंत्री दुर्गेश पाठक और पटपड़गंज से प्रख्यात शिक्षाविद अवध ओझा भी चुनाव हार गए हैं। हार के इन झटकों ने आम आदमी पार्टी को ऐसा जख्म दिया है, जिससे पार्टी को संभलने में बहुत वक्त लग सकता है।
इन सबके बीच एक सवाल ये उठ रहा है कि आखिर आम आदमी पार्टी के इन हैविवेट्स को हराने वाले कौन हैं। आइए जानते हैं उन नेताओं के बारे में जिन्होंने पूरी 'आप' की जमीन हिला दी है।
अरविंद केजरीवाल (नई दिल्ली )
नई दिल्ली विधानसभा से अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा। उनके सामने बीजेपी के पूर्व सांसद प्रवेश वर्मा ने चुनाव लड़ते हुए उन्हें कड़े मुकाबले में 4089 वोटों के अंतर से हरा दिया। प्रवेश वर्मा को कुल 30,088 वोट मिले, जबकि इसके मुकाबले में केजरीवाल को 25,999 वोट ही मिले। इसके अलावा नई दिल्ली से कांग्रेस के संदीप दीक्षित ने चुनाव लड़ा। उनको महज 4568 वोट मिले।
मनीष सिसोदिया (जंगपुरा)
मनीष सिसोदिया जंगपुरा से 'झाड़ू' के निशान पर चुनाव लड़ा, लेकिन वह मात्र 675 वोट से इलेक्शन हार गए हैं। उन्हें बीजेपी के तरविंदर सिंह मारवाह ने हराया है। मारवाह को 38,859 वोट मिले, जबकि उनके मुकाबले में सिसोदिया को 38,184 वोट ही प्राप्त हुए। इसमें ध्यान देने वाली बात ये है कि कांग्रेस के फरहाद सूरी को 7350 वोट मिले हैं, जो आम आदमी पार्टी की हार में एक प्रमुख वजह है।
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सौरभ भारद्वाज (ग्रेटर कैलाश)
सौरभ भारद्वाज टीम केजरीवाल के मेंबर के साथ में दिल्ली सरकार में बड़े मंत्री हैं। वह ग्रेटर कैलाश से बीजेपी की शिखा रॉय से चुनाव हार गए हैं। सौरभ भारद्वाज को शिखा रॉय ने कड़े मुकाबले में 3188 वोटों से हराया। बीजेपी की शिखा को 49,594 वोट मिले हैं, जबकि सौरभ भारद्वाज को 46,406 वोट मिले। वहीं,कांग्रेस के गर्वित सिंघवी को 6711 वोट मिले, जो सौरभ भारद्वाज की हार से ज्यादा वोट हैं।
सत्येंद्र जैन (शकूर बस्ती)
सत्येंद्र जैन केरजीवाल सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे हैं। वह टीम केजरीवाल के मेंबर हैं। शकूर बस्ती विधानसभा से जैन 20,998 के भारी अंतर से चुनाव हार गए हैं। उनको बीजेपी के करनैल सिंह ने हराया है। करनैल सिंह को 56,869 वोट मिले हैं, जबकि सत्येंद्र जैन को महज 35,871 वोट ही प्राप्त हुए। कांग्रेस के उम्मीदवार सतीश कुमार लुथरा को 5784 वोट मिले।
राजेंद्र नगर (दुर्गेश पाठक)
टीम केरजीवाल के सदस्य दुर्गेश पाठक को बीजेपी के उमंग बजाज ने कड़े मुकाबले में 1231 वोटों के अंतर से हरा दिया। उमंग बजाज को 46,671 वोट मिले, बजाज के मुकाबले में दुर्गेश पाठक को 45,440 ही वोट मिले। वहीं, कांग्रेस के विनीत यादव को 4015 वोट प्राप्त हुए हैं, जो दुर्गेश पाठक की हार के वोटों से ज्यादा है।
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सोमनाथ भारती (मालवीय नगर)
सोमनाथ भारती आम आदमी पार्टी के दिग्गज विधायक हैं। वह पेशे से वकील हैं और कई मौकों पर पार्टी का पक्ष कोर्ट में रखा है। सोमनाथ भारती ने अपनी सीट मालवीय नगर गंवा दी है। वह मालवीय नगर से साल 2013 से लगातार 'आप' के विधायक थे, लेकिन इस बार बीजेपी के सतीश उपाध्याय ने कड़े मुकाबले में 2131 वोटों के अंतर से हरा दिया। सतीश उपाध्याय दिल्ली बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष रहे हैं।
मालवीय नगर के नए विधायक सतीश उपाध्याय को 39,564 वोट मिले, जबकि उनके मुकाबले में भारती को 37,433 वोट ही मिले। वहीं, मालवीय नगर में कांग्रेस के जितेंद्र कुमान कोचर को 6770 वोट प्राप्त हुए हैं, जो सोमनाथ भारती की हार से ज्यादा है।
अवध ओझा (पटपड़गंज)
अवध ओझा को पटपड़गंज से मनीष सिसोदिया की जगह उतारा गया था। उनको बीजेपी के रविंद्र सिंह नेगी ने 28,072 वोटों के बड़े मार्जिन से हराया है। रविंद्र नेगी को 74,060 वोट मिले हैं, जबकि अवध ओझा को उनके मुकाबले में महज 45,988 वोट ही मिले। वहीं, दिल्ली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अनिल कुमार को 16,549 मत प्राप्त हुए।
बता दें कि दिल्ली में बीजेपी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। बीजेपी को दिल्ली की 70 में से 48 सीटें मिली हैं। आम आदमी पार्टी को महज 22 सीट ही जीत पाई, जबकि कांग्रेस अपना खाता भी नहीं खोल पाई।