आमिर खान पिछले 3 दशक से इंडस्ट्री में काम कर रहे हैं। उन्होंने अपने करियर में एक से बढ़कर एक फिल्में दी हैं। वह हाल ही में सिनेमा के जादुगर फिल्म फेस्टिवल के इवेंट में शामिल हुए थे। उन्होंने इस इवेंट में भारतीय सिनेमा के योगदान के बारे में बात की। पिछले कुछ समय से साउथ और हिंदी सिनेमा को लेकर लगातार बहस हो रही है। उनसे पूछा गया कि आखिर क्यों हिंदी फिल्में साउथ के मुकाबले पीछे हो रही है। 'पीके' अभिनेता ने जवाब देते हुए कहा कि हिंदी सिनेमा अपनी जड़े भूल गया है। वहीं, साउथ के निर्देशक अपनी भावनाओं को कहानी के जरिए दर्शकों तक पहुंचा रहे हैं। मुझे लगता है नॉर्थ के फिल्म मेकर्स ये बात भूल गए हैं।
 
वेटरन लिरिसिस्ट और लेखक जावेद अख्तर ने आमिर से पूछा कि साउथ के मुकाबले हिंदी फिल्मों को बॉक्स ऑफिस पर संघर्ष क्यों करना पड़ रहा है। इसका जवाब देते हुए आमिर ने कहा, हिंदी फिल्ममेकर्स अपनी जड़े भूल गए हैं। फिर चाहे गुस्सा, प्यार या बदला हो, हम किसी भी भावना को मजबूती के साथ नहीं दिखा पा रहे हैं। साउथ के लोग ये काम कर पा रहे हैं।

 

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हिंदी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर क्यों हो रही है पीछे

 

आमिर खान का अपना प्रोडक्शन हाउस भी है। उनका कहना है कि साउथ के लोग सिंगल स्क्रीन्स पर फिल्मों को रिलीज करते हैं। हालांकि हिंदी फिल्म मेकर्स अपनी फिल्मों को मल्टी प्लेक्स में रिलीज करते हैं जहां ऑडियंस बेस कम होता है। जब मल्टीप्लेक्स का दौरा आया तो इंडस्ट्री में इस तरह की बातें चलने लगी कि दोनों की ऑडियंस अलग है। 

 

ये मल्टीप्लेक्स फिल्म है और ये सिंगल स्क्रीन फिल्म है। साउथ की फिल्में आज भी सिंगल स्क्रीन पर रिलीज होती है जो मास ऑडियंस को टारगेट करते हैं।

 

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जावेद और आमिर ने साथ में इस समय 'लाहौर 1947' पर काम कर रहे हैं। इस फिल्म में सनी देओल और प्रीति जिंटा लीड रोल में है। फिल्म का निर्देशन राजकुमार संतोषी कर रहे हैं। इस फिल्म के रिलीज का फैंस बेसब्री से इंतजार है। आमिर इस फिल्म का निर्माण कर रहे हैं।