अहमद किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत बतौर कोरियोग्राफर की है। इसके बाद उन्होंने फिल्मों में बतौर निर्देशक काम किया है। हाल ही में उन्होंने इंटरव्यू में अपने करियर के शुरुआत के बारे में बताया। अहमद ने कहा कि मैंने इंडस्ट्री में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट काम शुरू किया था। मेरी पहली फिल्म 'मिस्टर इंडिया' थी जिसमें मैं भी उन बच्चों में शामिल था। उसी दौरान मैं सरोज खान जी से पहली बार मिला था। मैं बचपन में ही अच्छा डांस करता था तो सरोज जी मुझे बहुत पसंद करती थीं।
अहमद ने अपनी जर्नी के बारे में बात करते हुए कहा कि मैं 16 साल की उम्र में सरोज जी का असिस्टेंट बन गया था। शुरुआत में तो मुझसे समझे नहीं आता था कि करना क्या है, वहां मुझे लगता किसी को मेरी जरूरत नहीं थी। ऐसे में मुझे एहसास हुआ कि अपनी जगह बनानी पड़ेगी। मैंने फिर सेट धीरे-धीरे बाकी चीजें चलाना सीख ली जैसे ट्रॉली कैसे खींचते हैं, लैंस कैसे लगाते हैं।
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'रंगीला' से मिली पहचान
उन्होंने आगे कहा कि सरोज जी को राम गोपाल वर्मा ने अपनी फिल्म 'रंगीला' के लिए साइन किया था लेकिन उनके पास समय नहीं था। ऐसे में सरोज जी ने मुझे कहा कि मैं चले जाऊं। मैं गया रामगोपाल की फिल्म 'रंगीला के सेट पर वहां मुझसे उन्होंने कहा कि तुम इस फिल्म की कोरियोग्राफर हो। मुझे यकीन नहीं हुआ तो मैंने पहले सरोज जी को पूछा क्या मैं ये फिल्म कर लूं। उन्होंने कहा, हां, तुम कर लो वैसे भी मुझे साउथ का कु'छ समय नहीं आता। इस फिल्म के गीत ए आर रहमान ने लिखे थे। इस फिल्म से मुझे पहचान मिली।
अहमद बन गए महंगे कोरियोग्राफर
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उन्होंने आग बताया कि 'रंगीला' के लिए मुझे 25 हजार रुपये मिले थे। ये फिल्म सुपरहिट हो गई। मुझे इस फिल्म के पहला फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला। उस समय मेरी उम्र 20 साल थी। लोग मुझे जानने लगे थे। मेरे पास काम आ गया। मैंने अपनी फीस 50 हजार कर दी। उस समय में मुझे बाकी बड़े कोरियोग्राफर से अच्छे पैसे मिलने लगे। इसके बाद मैंने कई बड़े- बड़े स्टार्स के साथ काम किया।