शिवरात्रि हो या होली, भांग को लोग भगवान शिव का प्रसाद समझकर पी लेते हैं। होली के त्योहार में ठंडाई में कुछ लोग भांग का इस्तेमाल करते हैं। इसे पीने से नशा होता है। पहले लोग कम मात्रा में इसका सेवन करते हैं लेकिन यह कब ज्यादा हो जाता है, लोगों को पता ही नहीं चलता है। आपको भले ही यह पीने और खाने में अच्छा लगता हो लेकिन यह आपकी सेहत पर बुरा असर डालता है। कई लोग भांग के आदती हो जाते हैं। भांग का ज्यादा सेवन आपके शरीर और मस्तिष्क दोनों के लिए हानिकारक हो सकता है।

भांग को और भी कई नामों से जाना जाता है। अंग्रेजी में भांग को कैनाबिस या मारिजुआना भी कहते हैं। आमतौर पर भांग पीने के बाद बहुत से लोग खुशी महसूस करते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि भांग से डोपामीन हार्मोन बढ़ जाता है। इसे हैप्पी हार्मोन भी कहा जाता है, जो हमारे मूड को रिफ्रेश कर देता है। मगर क्या भांग पीने से हमारे मस्तिष्क पर भी इसका कुछ असर होता है? इस बार भांग का सेवन करने से पहले इससे होने वाले नुकसान के बारे में जरूर जान लेना चाहिए।

 

क्या असर पडता है?
इंसान को भांग का नशा तुरंत नहीं, बल्कि कुछ देर बाद शुरू होता है। धीरे- धीरे नशा दिमाग पर असर करने लगता है। भांग खाने के बाद लोग खुद को मानसिक तौर पर ज्यादा सक्रिय मानने लगते हैं। भांग खाने से इंसान एक ही काम को बार-बार करने लगता है जैसे अगर इंसान हंसता है, तो हंसता ही जाता है। रोता है, तो रोता ही जाता है। इसका सीधा असर नर्वस सिस्टम पर पड़ता है। भांग ज्यादा मात्रा में खाने से हार्ट अटैक की आशंका बढ़ जाती है।

 

क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स? 
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, भांग में कैनाबिडिओल होता है। इससे शरीर में कई तरह की समस्याएं पैदा हो सकती हैं, जैसे भूख कम लगना, बेहोशी, थकान आदि। भांग दिमाग की कनेक्टिविटी को कम कर देता है। ज्यादा मात्रा में इसका सेवन करने से यह समस्या और भी बढ़ सकती है। नियमित रूप से भांग का सेवन करने से स्किज़ोफ्रेनिया विकसित होने का जोखिम बढ़ जाता है। खास तौर पर उन लोगों के लिए जो कम उम्र में भांग का सेवन शुरू करते हैं। भांग का सेवन मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ा सकता है, जैसे कि चिंता, डिप्रेशन और स्किज़ोफ्रेनिया। भांग का धूम्रपान सांस संबंधी समस्याओं का कारण भी बन सकता है।

डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारियों और सामान्य बातचीत पर आधारित है। खबरगांव इसकी पुष्टि नहीं करता है। विस्तृत जानकारी के लिए पोषक विशेषज्ञ से मिलें।