इजरायल और ईरान के बीच जारी संघर्ष में अब अमेरिका की एंट्री हो गई है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बताया है कि अमेरिकी सेना ने ईरान की तीन न्यूक्लियर साइट- नतांज, फोर्दो और इस्फहान पर हमला किया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर ईरान शांति नहीं बरतता है तो भविष्य में और भी बड़े हमले होंगे।


इस जंग में अमेरिका का यह पहला सीधा हमला है। इसके बाद मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ गया है। ईरान के न्यूज एंकर ने चेतावनी देते हुए लाइव टीवी पर कहा कि इसका अंजाम हर अमेरिकी नागरिक और सैनिक को भुगतना होगा।


अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान पर हुई इस कार्रवाई को 'कामयाबी' बताया है। उन्होंने कहा, 'यह हमले एक शानदार कामयाबी थी। ईरान की अहम न्यूक्लियर फैसिलिटी पूरी तरह तबाह कर दी गई हैं।' 

 

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ईरान ने क्या कहा?

ईरान ने न्यूक्लियर साइट पर हवाई हमला करने पर अमेरिका की आलोचना की है। ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने कहा कि इस हमलों को गंभीर नतीजे भुगतने होंगे। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत ईरान को जवाब देने का अधिकार है। उन्होंने कहा, 'संयुक्त राष्ट्र चार्टर और इसके प्रावधानों के अनुसार आत्मरक्षा में ईरान के पास अपनी संप्रभुता और लोगों की रक्षा के लिए सभी विकल्प हैं।'

 


वहीं, ईरान की एटॉमिक एनर्जी ऑर्गनाइजेशन (IEO) ने अमेरिका की इस कार्रवाई को 'बर्बरतापूर्ण' कृत्य बताते हुए इसे अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन बताया है।

 

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इजरायल ने क्या कहा?

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान पर इस हमले के लिए अमेरिका का धन्यवाद किया है। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा, 'अमेरिका ने जो किया है, वह दुनिया में कोई दूसरा देश नहीं कर सकता। इतिहास याद रखेगा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने दुनिया के सबसे खतरनाक शासन और सबसे खतरनाक हथियारों को खत्म करने का काम किया है।'

 


नेतन्याहू ने कहा कि 'ऑपरेशन राइजिंग लॉयन' में इजरायल ने कई बड़े हमले किए हैं लेकिन आज रात ईरान की न्यूक्लियर फैसिलिटीज पर हमला 'बेजोड़' था। उन्होंने कहा, 'राष्ट्रपति ट्रंप, आपका शुक्रिया। ईरान की न्यूक्लियर फैसिलिटीज को निशाना बनाने का आपसा साहसिक फैसला इतिहास बदल देगा।'

 

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और किसने क्या कहा?

  • संयुक्त राष्ट्रः महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि अगर हालात और बिगड़ते हैं तो इसके विनाशकारी नतीजे होंगे। उन्होंने कहा, 'यह संघर्ष बेकाबू हो सकता है, जिसके दुनिया को गंभीर नतीजे भुगतने पड़ेंगे।' उन्होंने दोनों देशों से तनाव कम करने की अपील करते हुए कहा कि 'इसका कोई सैन्य समाधान नहीं है। आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता कूटनीति है।'
  • चीनः अमेरिकी हमलों की निंदा करते हुए सरकारी मीडिया CGTN के जरिए चेतावनी देते हुए कहा कि अमेरिका की कार्रवाई एक खतरनाक मोड़ हो सकती है। 2003 के इराक युद्ध का हवाला देते हुए कहा, 'इतिहास ने बार-बार दिखाया है कि मिडिल ईस्ट में सैन्य हस्तक्षेप अक्सर अनपेक्षित परिणाम होते हैं, जिससे लंबे समय तक संघर्ष और क्षेत्रीय अस्थिरता बनी रही है।'
  • यूकेः प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने X पर पोस्ट करते हुए ईरान से बातचीत की टेबल पर आने को कहा है। उन्होंने कहा, 'ईरान का परमाणु कार्यक्रम अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। ईरान को कभी भी परमाणु हथियार बनाने की अनुमति नहीं दी जा सकती और अमेरिका ने इस खतरे को कम करने के लिए कार्रवाई की है।'
  • न्यूजीलैंडः विदेश मंत्री विंस्टन पीटर्स ने शांति और बातचीत करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, 'यह अब तक सबसे गंभीर संकट है।' उन्होंने यह भी कहा कि जरूरी है कि आगे की कार्रवाई से बचा जाए। उन्होंने कहा, 'सैन्य कार्रवाई के मुकाबले कूटनीति स्थायी समाधान में ज्यादा प्रभावी है।'
  • जापानः प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा रविवार को कैबिनेट मंत्रियों के साथ एक हाईलेवल मीटिंग करने जा रहे हैं, जिसमें अमेरिकी हमलों के संभावित नतीजों पर चर्चा की जाएगी। अभी तक जापान की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
  • ऑस्ट्रेलियाः सरकार से जुड़े अधिकारी ने कहा, 'ईरान का परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा रहा है। हम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान पर जोर देते हैं कि अब शांति का समय है। हम तनाव कम करने के लिए कूटनीति पर जोर देते हैं।'

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अमेरिका ने कहां-कहां किया हमला?

अमेरिका ने ईरान की तीन न्यूक्लियर साइट पर बमबारी की है। अमेरिका ने जहां बम गिराए हैं, उनमें फोर्दो, नतांज और इस्फहान शामिल है।


ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया ट्रुथ सोशल पर लिखा, 'हमने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर बहुत कामयाब हमला किया है, जिसमें फोर्दो, नतांज और इस्फहान शामिल है। सभी अमेरिकी विमान अब ईरान के एयरस्पेस से बाहर हैं। फोर्दो पर बमों का पूरा पेलोड गिराया गया। सभी विमान सुरक्षित लौट रहे हैं। हमारे महान अमेरिकी योद्धाओं को बधाई। दुनिया में कोई और सेना नहीं है, जो ऐसा कर सकती थी। अब शांति का समय है।'


ईरान पर हमलों के बाद देश को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा, 'मिडिल ईस्ट को धमकाने वाले ईरान को अब शांत हो जाना चाहिए। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो भविष्य में और ज्यादा बड़े हमले होंगे। 40 साल से ईरान 'इजरायल मुर्दाबाद', 'अमेरिका मुर्दाबाद' कहता आ रहा है। वे हमारे लोगों को मार रहे हैं। उनके जनरल कासिम सुलेमानी ने बहुत से लोगों को मार डाला। मैंने बहुत पहले ही तय कर लिया था कि मैं ऐसा नहीं होने दूंगा।'