भारत और बांग्लादेश के बीच रिश्ते तेजी से खराब हो रहे हैं। सोमवार को बांग्लादेश ने नई दिल्ली में अपनी हाई कमीशन की वीजा और कॉन्सुलर सेवाएं अस्थायी रूप से बंद कर दीं। यह कदम भारत के उस फैसले के जवाब में उठाया गया है, जिसमें रविवार को बांग्लादेश के चटगांव शहर में भारतीय वीजा सेवा केंद्र (IVAC) को बंद कर दिया गया था।

 

दरअसल, बांग्लादेश में पिछले साल शेख हसीना की सरकार को हटाने वाले बड़े आंदोलन के प्रमुख युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद वहां हिंसा भड़क उठी है। इस घटना के बाद बांग्लादेश में भारत विरोधी प्रदर्शन तेज हो गए हैं।

 

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भारत ने बंद किया था वीजा केंद्र

भारत ने चटगांव में अपने वीजा केंद्र को 'सुरक्षा कारणों' से 21 दिसंबर 2025 से अगले आदेश तक बंद कर दिया। भारत के सूत्रों ने बताया कि चटगांव में भारतीय सहायक उच्चायोग के बाहर बड़ी संख्या में लोग जमा हुए थे। कुछ प्रदर्शनकारियों ने भारतीय वीजा केंद्र पर 'खून की नदियां बहाने' की धमकी भी दी थी।

 

बांग्लादेश हाई कमीशन ने सोमवार को एक बयान जारी कर कहा, 'अनिवार्य परिस्थितियों के कारण, नई दिल्ली में बांग्लादेश हाई कमीशन की सभी कॉन्सुलर और वीजा सेवाएं अगले आदेश तक अस्थायी रूप से निलंबित की जाती हैं।'

संसद की कमेटी ने दी थी चेतावनी

भारतीय संसद की विदेश मामलों की स्थायी समिति (जिसकी अध्यक्षता कांग्रेस सांसद शशि थरूर कर रहे हैं) ने पिछले हफ्ते बांग्लादेश की स्थिति को लेकर गंभीर चिंता जताई थी। कमेटी ने इसे 1971 के मुक्ति संग्राम के बाद भारत के लिए पड़ोसी देश में सबसे बड़ा 'रणनीतिक खतरा' बताया है।

 

समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा, '1971 का संकट अस्तित्व, मानवीय संकट और एक नए देश के जन्म का था। आज का खतरा ज्यादा सूक्ष्म है, लेकिन गहरा और गंभीर हो सकता है।'

 

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दोनों देशों के बीच यह तनाव तब बढ़ा है, जब बांग्लादेश में राजनीतिक बदलाव के बाद भारत के साथ संबंधों में दरार आ गई है। अभी तक दोनों तरफ से कोई बड़ा कूटनीतिक कदम नहीं उठाया गया है, लेकिन वीजा सेवाओं का बंद होना आम लोगों के लिए सबसे बड़ा असर है।