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ऑकलैंड में चर्च के लोगों ने सिखों के साथ ऐसा क्या किया कि पंजाब के लोग भड़क गए?

ऑकलैंड में सिखों की एक शोभायात्रा के दौरान विवाद इतना बढ़ा कि पंजाब के नेताओं ने केंद्र सरकार से मदद की अपील की है। विवाद क्या है, पढ़ें रिपोर्ट।

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न्यूजीलैंड में चर्च के समर्थकों ने सिखों के खिलाफ प्रदर्शन किया है। (Photo Credit: Social Media)

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न्यूजीलैंड के दक्षिण ऑकलैंड में सिख समुदाय के लोगों के साथ बदसलूकी हुई है। उनकी धार्मिक यात्रा को नुकसान पहुंचाने की कोशिश स्थानीय प्रदर्शनकारियों ने की है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने रविवार को विदेश मंत्रालय से अपील की है कि दक्षिण ऑकलैंड में एक शांतिपूर्ण धार्मिक जुलूस में हुए हंगामे के मुद्दे को न्यूजीलैंड सरकार के सामने उठाए। 

राज्य के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा है कि केंद्र सरकार को इस मामले को न्यूजीलैंड सरकार के साथ उठाना चाहिए। शनिवार को दक्षिण ऑकलैंड में निकाली गई नगर कीर्तन शोभायात्रा के बारे में उन्होंने कहा कि हर किसी को अपने धर्म का प्रचार करने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि पंजाबी मेहनती होते हैं और वे जहां भी जाते हैं, उस जगह के विकास में योगदान देते हैं।

ऑकलैंड में हुआ क्या था?

न्यूजीलैंड के साउथ ऑकलैंड में 20 दिसंबर 2025 को सिख समुदाय की एक शांतिपूर्ण 'नगर कीर्तन जुलूस' को कुछ प्रदर्शनकारियों ने रोकने की कोशिश की। यह जुलूस मनुरेवा इलाके में नानकसर सिख टेंपल से निकला था। धार्मिक जुलूस में सैकड़ों लोग शामिल थे।'ट्रू पैट्रियट्स ऑफ एनजेड' नाम के एक समूह ने धार्मिक यात्रा रोकने की कोशिश की। यह ग्रुप ब्रायन तमाकी की डेस्टिनी चर्च से जुड़ा हुआ है।

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'ट्रू पैट्रियट्स ऑफ एनजेड' एक क्रिश्चियन संगठन है। संगठन के लोगों ने सड़क ब्लॉक की, बैनर दिखाया। बैनर में लिखा था, 'यह न्यूजीलैंड है, भारत नहीं है।' उन्होंने हाथ जोड़कर लाइन बनाई, माओरी का पारंपरिक हाका डांस किया और 'वन ट्रू गॉड' और 'जीसस' जैसे नारे लगाए।

 

न्यूजीलैंड की पुलिस ने दोनों समूहों के बीच में आई और स्थिति को बिगड़ने से बचा लिया। चर्च के प्रदर्शनकारियों की संख्या 50 से ज्यादा थी लेकिन कोई झड़प नहीं हुई। पुलिस ने जल्दी कार्रवाई की और जुलूस को सुरक्षित आगे बढ़ने दिया। सिख समुदाय ने बहुत संयम दिखाया और कुछ हंगामा नहीं बरपने पाया। 

पंजाबियों के खिलाफ नफरत क्यों?

विवाद का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। डेस्टिनी चर्च के प्रमुख ब्रायन तमाकी ने झड़प का वीडियो शेयर किया है, इस घटना को सही बताया है। ब्रायन तमाकी ने जो लिखा है, उसे लेकर न्यूजीलैंड में मौजूद अल्पसंख्यक समूहों में नाराजगी है। 

 

 

ब्रायन तमाकी, चीफ, डेस्टिनी चर्च:-
न्यूजीलैंड के लोगों की चिंता सही है। कल ऑकलैंड की हमारी सड़कों पर यही हुआ। यह बड़े पैमाने पर घुसपैठ है, बड़े पैमाने पर इमिग्रेशन के जरिए हमारी सड़कों पर सैलाब आ रहा है। इन सिखों में खालिस्तान के झंडे लहराने वालों का एक बड़ा ग्रुप था। खालिस्तान आंदोलन एक आतंकवादी सिख राजनीतिक आंदोलन है, जो विदेश में आतंकवादी हिंसा और अस्थिरता से जुड़ा है। वे ऑकलैंड की सड़कों पर मोदी को मारने की मांग कर रहे हैं। उनके प्रतीक और एक्टिविटी अब न्यूजीलैंड में खुलेआम दिखाई जा रही हैं। बिना किसी जांच और बिना किसी जवाबदेही के। न्यूजीलैंड पुलिस कुछ नहीं कर रही है। हमारे नेता भी उनका बचाव कर रहे हैं।


उन्होंने लिखा, 'बड़े पैमाने पर घुसपैठ हो रही है। विदेशी राजनीतिक झगड़े हमारी सड़कों पर लाए जा रहे हैं। आतंकवादी हमारी जमीन पर बिना रोक-टोक और बिना जांच के रह रहे हैं। एक ऐसी सरकार जो सो रही है। न्यूजीलैंड दुनिया के अनसुलझे झगड़ों के लिए कचरागाह नहीं है। हम अपनी संप्रभुता, अपनी एकता, या अपने भविष्य को नहीं छोड़ेंगे।'

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ब्रायन तमाकी, चीफ, डेस्टिनी चर्च:-
अगर आप यहां आते हैं तो आप न्यूजीलैंड के तरीकों को अपनाते हैं। आप अपने साथ अलगाववादी एजेंडा, धर्म, नस्लीय विभाजन या विदेशी सत्ता संघर्ष नहीं लाते हैं। जागो, न्यूजीलैंड। बिना किसी सीमा के बहुसंस्कृतिवाद विभाजन की ओर ले जाता है, सद्भाव की ओर नहीं। घुलना-मिलना नफरत नहीं है। यह कॉमन सेंस है। यह हमारी जमीन है। यह हमारा रुख है।

सुखबीर बादल ने क्या चिंता जताई है?

सुखबीर बादल, शिरोमणि अकाली दल:-
न्यूजीलैंड के साउथ ऑकलैंड में स्थानीय प्रदर्शनकारियों ने शांतिपूर्ण 'नगर कीर्तन' जुलूस में बाधा डाली है। मैं इस घटना की मैं कड़ी निंदा करता हूं। इस तरह की धमकियां धार्मिक स्वतंत्रता और सार्वभौमिक भाईचारे की भावना के लिए खतरा हैं। नगर कीर्तन सिखों का एक पवित्र और आनंदमय धार्मिक जुलूस है, जिसमें गुरु ग्रंथ साहिब के भजनों का गायन शामिल होता है। यह भक्ति और एकता को बढ़ावा देता है।

न्यूजीलैंड पुलिस ने क्या कहा है?

न्यूजीलैंड पुलिस ने कहा कि लोगों को प्रदर्शन करने का अधिकार है, लेकिन किसी को डराना या सार्वजनिक सुरक्षा खतरे में डालना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।


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