पिछले दो साल से जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने शनिवार को अपने समर्थकों से देश भर में बड़े विरोध प्रदर्शन की तैयारी करने की अपील की। साथ ही उन्होंने हाल ही में सुना गया तोशाखाना-2 केस का फैसला चुनौती देने का ऐलान किया। इमरान खान का कहना है कि यह फैसला बहुत जल्दबाजी में और बिना सबूतों के दिया गया।
इस हफ्ते ही इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को तोशाखाना-2 के भ्रष्टाचार केस में 17 साल की सजा सुनाई थी। जेल में होने के कारण इमरान खान सोशल मीडिया का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए उन्होंने अपनी बात वकीलों के जरिए अपने समर्थकों तक पहुंचाई। उनके वकीलों ने एक बयान जारी किया, जिसमें इमरान खान ने कहा, 'न्याय के लिए संघर्ष करना हमारा पवित्र कर्तव्य है। मैं अपनी जान तक कुर्बान करने को तैयार हूं, ताकि मेरे मुल्क को हकीकी आजादी (सच्ची आजादी) मिल सके। अभी पाकिस्तान सिर्फ ‘आसिम लॉ’ से चल रहा है। यहां फैसले पहले से लिखे होते हैं और सिर्फ जोर से पढ़कर सुना दिए जाते हैं। पिछले तीन सालों के बेबुनियाद फैसलों की तरह तोशाखाना-2 का फैसला भी जल्दबाजी में लिया गया। न तो हमें और न ही हमारे वकीलों को अपना पक्ष रखने का मौका दिया गया।'
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कहा- मुलाकातों पर भी रोक
इमरान खान ने यह भी आरोप लगाया कि उन पर और बुशरा बीबी पर कड़ी एकांतवास (सोलिटरी कंफाइनमेंट) की सजा दी जा रही है। उन्होंने कहा, ‘हम दोनों को किताबें, टीवी और मुलाकातों से पूरी तरह रोक लगा दी गई है। परिवार द्वारा भेजी गई किताबें भी जेल वाले जब्त कर लेते हैं। यह अमानवीय व्यवहार है, लेकिन इस जुल्म से मेरा हौसला कम नहीं होगा।'
उन्होंने पीटीआई से जुड़ी महिलाओं के साथ बुरा बर्ताव होने की भी निंदा की। इमरान खान ने कहा, 'हमारी परंपरा नहीं है कि औरतों और बच्चों को निशाना बनाया जाए। अदियाला जेल के बाहर मेरी बहनों और अन्य महिलाओं के साथ जो बर्ताव हो रहा है, वह इस्लाम और नैतिकता के खिलाफ है।'
आसिम पर भी साधा निशाना
उन्होंने सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर पर भी निशाना साधा और कहा, 'फौज मेरी है और पाकिस्तान की जनता की है। मैं आसिम मुनीर की आलोचना कर रहा हूं, यह किसी एक शख्स की आलोचना है। जेल में मेरे साथ जो हो रहा है, वह आसिम मुनीर के आदेश पर एक कर्नल करवा रहा है।'
इमरान खान ने वकीलों से अपील की कि वे संविधान और कानून की रक्षा के लिए आगे आएं। उन्होंने अपने वकील सलमान सफदर को तोशाखाना-2 के फैसले के खिलाफ अपील दाखिल करने का निर्देश दिया। अंत में उन्होंने खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री सोहेल अफरीदी से कहा, 'सड़क आंदोलन की तैयारी शुरू कर दो। पूरा मुल्क अपने हक के लिए उठ खड़ा हो!!'
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पीटीआई ने इस फैसले को 'गैर-संवैधानिक, गैर-कानूनी और बदले की कार्रवाई' बताया। पार्टी का कहना है कि यह फैसला इमरान खान को जेल में रखने और सत्ता पक्ष को राहत देने के लिए दिया गया है। पीटीआई के महासचिव सलमान अकरम राजा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इमरान खान ने अपने वकील से मुलाकात में कहा, 'मैं डटा हुआ हूं और किसी से माफी नहीं मांगूंगा, चाहे कुछ भी हो जाए।'