भारत का ऑल पार्टी डेलिगेशन दुनियाभर में घूम-घूमकर पाकिस्तान के आतंकी चेहरे को बेनकाब कर रहा है। पनामा में पहुंचे डेलिगेशन की अगुवाई कर रहे कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए पाकिस्तान को बेनकाब किया। उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान ने बार-बार पर हमला करने का विकल्प चुना है, क्योंकि वे एक ऐसे क्षेत्र को चाहते हैं, जिस पर उनका नहीं, बल्कि हमारा नियंत्रण है। यह भारत की सीमा का हिस्सा है और उसे कभी नहीं छोड़ेंगे, भले ही वह कीमत चुकानी पड़े, जो हमें बार-बार चुकानी पड़ी है।'
शशि थरूर ने इस बार पर भी जोर दिया कि भारत 4 दशकों से ऐसे हमले झेल रहा है और अब यह बर्दाश्त के बाहर है कि हम बार-बार इस दर्द को सहें।
उन्होंने कहा, 'हम लगातार चार दशकों से हमले झेल रहे हैं। 1989 में कश्मीर में हुए पहले हमलों से लेकर अब तक हमने लगातारा अपने लोगों को पीड़ित होते देखा है। यह बर्दाश्त के बाहर है कि हम दर्द, दुख, घाव और नुकसान सहते रहें और फिर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से कहें कि देखो हमारे साथ क्या हो रहा है? हमारी मदद कीजिए। अपराधियों पर दबाव डालें कि वे अपराधियों की पहचान करें और उन पर मुकदमा चलाएं।'
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'सबूत दिए तो क्या हुआ?'
शशि थरूर ने पाकिस्तान को जमकर फटकार लगाई। पहलगाम अटैक के बाद जांच का प्रस्ताव रखने पर भी थरूर ने पाकिस्तान की क्लास लगा दी।
थरूर ने कहा, 'न केवल भारत, बल्कि पश्चिमी देशों की खुफिया एजेंसियों के पास भी पाकिस्तान के निर्दयी हैंडलर की खौफनाक आवाज की रिकॉर्डिंग थी, जो मुंबई के हत्यारों को हर दिन हर मिनट इंस्ट्रक्शन दे रहा था।'
उन्होंने कहा, 'जब हत्याएं हो रही थीं, तब सभी सबूत जुटाए गए थे और डोजियर तैयार किए थे। क्या हुआ उनका? क्या इसमें शामिल एक भी व्यक्ति पर मुकदमा चलाया गया? दोषी ठहराया जाना तो दूर की बात है। पिछले 20 साल में न्यूयॉर्क, लंदन, मैड्रिड और दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में हुए हमलों के उदाहरण हैं, जिनके लिए पाकिस्तानी आतंकियों को दोषी ठहराया गया है। यह एक कड़वी सच्चाई है जिसका हम आज सामना कर रहे हैं।'
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सर्जिकल स्ट्राइक और एयरस्ट्राइक का जिक्र
पनामा में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए शशि थरूर ने उरी हमले के बाद हुई सर्जिकल स्ट्राइक और पुलवामा अटैक बाद हुई एयरस्ट्राइक का भी जिक्र किया।
उन्होंने कहा, 'हाल के सालों में बहुत बगलाव आया है और वह यह है कि आतंकियों को भी इस बात का अहसास हो गया है कि अब उन्हें इसकी कीमत चुकानी होगी। इसमें कोई शक नहीं होना चाहिए। सर्जिकल स्ट्राइक करने के लिए भारत ने LoC पार की। यह कुछ ऐसा था, जो हमने पहले नहीं किया था। करगिल युद्ध के दौरान भी हमने LoC पार नहीं की थी।'
थरूर ने कहा, 'फिर पुलवामा में हमला हुआ। इस बार हमने न केवल LoC पार की, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय सीमा भी पार की और बालाकोट में आतंकी ठिकाने पर हमला किया। इस बार हम उन दोनों से आगे निकल गए। हमने न केवल LoC और अंतर्राष्ट्रीय सीमा पार की, बल्कि हमने 9 आतंकी ठिकानों पर हमला करके पाकिस्तान के पंजाबी गढ़ पर हमला किया।'
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ऑपरेशन सिंदूर पर क्या बोले थरूर?
पहलगाम अटैक के बाद हुए 'ऑपरेशन सिंदूर' का जिक्र करते हुए थरूर ने कहा, 'कुछ महिलाएं आतंकियों के सामने चिल्ला रही थीं कि हमें भी मार डालो लेकिन उन्होंने कहा, नहीं, वापस जाओ और बताओ कि तुम्हारे साथ क्या हआ। हमने सुना, हमने उनकी चीखें सुनीं और भारत ने फैसला किया कि सिंदूर का रंग, हमारी महिलाओं के माथे पर सिंदूर का रंग, हत्यारों के खून के रंग से मेल खाएगा।'
उन्होंने कहा, 'हमारे प्रधानमंत्री ने यह बिल्कुल साफ कर दिया है कि ऑपरेशन सिंदूर जरूरी था, क्योंकि आतंकवादी आए और 26 महिलाओं के माथे से सिंदूर मिटा दिया।'
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पनामा पहुंचे डेलिगेशन में कौन-कौन शामिल?
मोदी सरकार ने पाकिस्तान के आंतकी चेहरे को बेनकाब करने और ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी देने के लिए 7 डेलिगेशन बनाए हैं। यह डेलिगेशन दुनियाभर के देशों में जाकर पाकिस्तान को बेनकाब कर रहे हैं।
पनामा पहुंचे डेलिगेशन की अगुवाई शशि थरूर कर रहे हैं। इस डेलिगेशन में उनके अलावा शांभवी (एलजेपी), सरफराज अहमद (जेएमएम), जीएम हरीश बालयोगी (टीडीपी), शशांक मणि त्रिपाठी (बीजेपी), भुवनेश्वर कालिता (बीजेपी), मिलिंद देवड़ा (शिवसेना), तेजस्वी सूर्या (बीजेपी) और एंबेसेडर तरनजीत सिंह संधू शामिल हैं। यह डेलिगेशन अमेरिका, पनामा, गुयाना, ब्राजील और कोलंबिया जाकर पाकिस्तान को बेनकाब करेगा।