प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज और कल यानी 17 व 18 दिसंबर को ओमान की आधिकारिक यात्रा पर हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2018 के बाद दूसरी बार ओमान पहुंचे हैं। भारत और ओमान के बीच राजनयिक संबंध को भले ही 70 बरस हुए हैं, लेकिन दोनों देशों के बीच रिश्ते सदियों पुराने हैं। समुद्री सीमा के लिहाज से ओमान भारत का पड़ोसी है। गुजरात और महाराष्ट्र के तट के ठीक सामने ओमान पड़ता है। इसकी राजधानी मस्कट है। यहां दो प्रसिद्ध हिंदू मंदिर हैं। इनमें से एक मंदिर का दौरा पीएम मोदी ने अपनी पिछली यात्रा के दौरान किया था। आज जानेंगे कि ओमान में हिंदुओं की संख्या कितनी है, मंदिर कितनें और पहला हिंदू शेख कौन था?
ओमान में कितने मंदिर?
ओमान की राजधानी मस्कट में दो हिंदू मंदिर है। पहला मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इसका नाम मोतीश्वर मंदिर है। यह मंदिर 100 साल से भी पुराना है। इसकी गिनती मध्य पूर्व के सबसे पुराने हिंदू मंदिरों में होती है। दूसरा मंदिर भगवान श्री कृष्ण को समर्पित है। इसका नाम कृष्ण मंदिर है। इसके अलावा सलालाह में एक कृष्ण और एक शिव मंदिर है। यहां एक दुर्गा पूजा स्थल भी है।
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हिंदुओं की संख्या कितनी, कहां रहती अधिकांश आबादी
द वर्ल्ड फैक्टबुक 2020 के मुताबिक ओमान में सबसे अधिक आबादी (85.9%) मुस्लिम समुदाय की है। करीब 6.4 फीसद ईसाई हैं। हिंदू तीसरा सबसे बड़ा जनसंख्या समूह है। उनकी हिस्सेदारी 5.7 फीसद है। लगभग 2 प्रतिशत लोगों का किसी भी धर्म से ताल्लुक नहीं है। ओमान की अधिकांश आबादी उत्तर में अल हगर पर्वतमाला और उसके आसपास बसी है। जनसंख्या का एक छोटा समूह देश के दक्षिणी हिस्से में बसे शहर सलालाह में रहता है। बाकी हिस्सा लगभग खाली है। अगर भाषा की बात करें तो अरबी ओमान की आधिकारिक भाषा है। इसके अलावा यहां अंग्रेजी बलूची, उर्दू, स्वाहिली और भारतीय बोलियां बोली जाती हैं।
भारत से ओमान कैसे पहुंचे हिंदू?
भारत से हिंदू आबादी 1500 के आसपास मस्कट पहुंची थी। इनका संबंध गुजरात के कच्छ और सिंध से था। यह सभी व्यापारी थे। 19वीं सदी में यहां करीब 4000 हिंदू थे। 1507 से 1650 तक ओमान पर पुर्तगाल का कब्जा था। उस वक्त सिंध के थट्टा शहर के व्यापारियों के ओमान के साथ संबंध थे। उस वक्त हिंदू व्यापारियों ने मस्कट में गोदाम की स्थापना की। 1650 में पुर्तगाल से मस्कट को वापस लेने में एक हिंदू व्यापारी नरुत्तम ने काफी मदद की थी। इटली के डॉक्टर विन्सेन्ज़ो मौरिजी ने 19वीं सदी में मस्कट का दौरा किया था।
उन्होंने अपनी यात्रा के बाद दावा किया था कि वहां हिंदू व्यापारियों की संख्या करीब 4000 थी। 1830 तक भारत और मस्कट के बीच मोटी, अनाज और कपड़े का व्यापार होता था। मगर 20वीं सदी तक हिंदू आबादी में गिरावट आई और उनकी संख्या 200 पुरुष, 50 महिलाओं और कुछ बच्चों तक सीमित रह गई। यह भारत से कॉफी, चीनी और चावल मंगवाते थे और मस्कट से खजूर भेजते थे। इनमें से कुछ व्यापारी मस्कट के सबसे बड़े बगीचों के मालिक थे। कुछ सुनार थे।
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1895 में ओमान की इबादी लोगों ने हिंदू और उनके पूजा स्थलों को निशाना बनाया। इसके बाद बड़ी संख्या में पलायन हुआ। 1970 में ओमान में एक नए राष्ट्रवादी माहौल के बाद से ही कुछ ही हिंदू बचे हैं। मौजूदा समय में ओमान में रहने वाले सभी हिंदू गुजरात के कच्छ जिले से है। वह सभी कच्छी बोली बोलते हैं। पहले राजधानी मस्कट के दूर हिंदुओं का एकमात्र श्मशान घाट कलबुह में था। अब एक नया श्मशान घाट मस्कट के नजदीक सुहार सिटी में बन गया है।
कौन थे दुनिया के इकलौते हिंदू शेख?
मस्कट के रहने वाले कनकसी खिमजी दुनिया के इकलौते हिंदू शेख थे। 18 फरवरी 2021 को 85 साल की उम्र में उनका निधन हो चुका है। कनकसी खिमजी 'खिमजी रामदास ग्रुप' (KR Group) के निदेशक थे। उन्होंने 1975 में मस्कट में पहला अंग्रेजी मीडियम भारतीय स्कूल की स्थापना की थी। 1936 में उनका जन्म ओमान में हुआ, लेकिन पढ़ाई लिखाई मुंबई में हुई। ओमान की सरकार ने कनकसी खिमजी को न केवल नागरिकता दी, बल्कि शेख की उपाधि दी। वह इस्लामी जगत के इकलौते शेख थे। केआर ग्रुप की स्थापना 1870 में हुई। कंपनी का मुख्यालय मस्कट में है।
