केंद्र सरकार ने बुधवार देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को लेकर स्पष्टीकरण जारी किया है। दरअसल, सरकार और कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के बीच पूर्व पीएम जवाहर लाल नेहरू के पत्रों और दस्तावेजों को लेकर पत्राचार हो रहा है। इसी बातों को लेकर सरकार ने कुछ बातों को लेकर स्पष्ट किया है।
बुधवार को सरकार ने स्पष्ट किया कि पहले प्रधानमंत्री नेहरू के निजी कागजात प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय (PMML) से खोई नहीं हैं, बल्कि उनकी जानकारी सरकार को ज्ञात है। सरकार ने कहा कि ये कागजात कहीं और नहीं बल्कि कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के पास हैं। संस्कृति मंत्रालय ने नेहरू के इन कागजातों को गांधी से लौटाने की मांग करते हुए कहा कि ये 'दस्तावेज' देश की धरोहर हैं।
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सरकार ने बयान जारी किया
सरकार ने इसको लेकर बकायदा बयान जारी किया है। सरकार की तरफ से यह स्पष्टीकरण ऐसे समय में आया है, जब केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के लोकसभा में दिए गए लिखित उत्तर के बाद कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर हमला बोला था।
पात्रा का सवाल और शेखावत का जवाब
यह मुद्दा उठाते हुए, बीजेपी सांसद संबित पात्रा ने पूछा कि क्या PMML के 2025 के सालाना ऑडिट में नेहरू से जुड़े कोई कागजात गायब पाए गए हैं? इसका जवाब देते हुए संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि सालाना ऑडिट में जवाहर लाल नेहरू से जुड़े कोई भी कागजात गायब नहीं हैं। इसके बाद कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि बीजेपी सरकार सोनिया गांधी पर नेहरू के निजी पत्र अपने पास रखने का आरोप लगा रही है और इसके लिए उसे माफी मांगनी चाहिए।
संस्कृति मंत्रालय सोशल मीडिया प्लटफॉर्म एक्स पर बयान जारी करते हुए कांग्रेस के दावों को खारिज करते हुए अपने रुख का बचाव किया।
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मंत्रालय ने क्या कहा?
मंत्रालय ने कहा, 'इन दस्तावेजों को लापता नहीं कहा जा सकता, क्योंकि यह पता है कि वे कहां हैं। 29 अप्रैल 2008 के एक पत्र के जरिए सोनिया गांधी के प्रतिनिधि एम. वी. राजन ने यह अनुरोध किया था कि सोनिया गांधी जवाहरलाल नेहरू के निजी पारिवारिक पत्र और नोट्स वापस लेना चाहती हैं। इसके बाद साल 2008 में नेहरू से जुड़े 51 कार्टन दस्तावेज सोनिया गांधी को भेजे गए थे।'
इसमें आगे कहा गया है, 'PMML तब से सोनिया गांधी के ऑफिस से इन पेपर्स को वापस करने के लिए लगातार बातचीत कर रहा है, जिसमें PMML के सोनिया गांधी को 28- जनवरी 2025 और 3 जुलाई 2025 के पत्र भी शामिल हैं। नेहरू पेपर्स PMML से गायब नहीं हैं, क्योंकि उनके ठिकाने का पता है।'
'विद्वानों को दस्तावेजों तक पहुंच मिलना जरूरी'
संस्कृति मंत्रालय ने कहा, 'इसलिए नेहरू के दस्तावेज प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय से लापता नहीं हैं, क्योंकि उनकी स्थिति ज्ञात है। देश के पहले प्रधानमंत्री से जुड़े ये दस्तावेज राष्ट्रीय दस्तावेजी धरोहर का हिस्सा हैं, न कि निजी संपत्ति। इनकी कस्टडी प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय के पास होना और शोध के लिए नागरिकों और विद्वानों को इन तक पहुंच मिलना बेहद जरूरी है।'