अमेरिका से अब भारतीय छात्रों को वापस निकाला जा रहा है। अमेरिका में पढ़ने वाली भारतीय छात्रों को ईमेल भेजे जा रहे हैं, जिनमें उनसे अमेरिका छोड़ने को कहा गया है। बताया जा रहा है कि इन ईमेल में उनसे कहा गया है कि उनका वीजा अब वैलिड नहीं है, इसलिए उन्हें तुरंत अमेरिका छोड़ना होगा। ऐसा इसलिए, क्योंकि छात्रों को उनके पुराने और छोटे-मोटे अपराधों को आधार बनाकर सख्ती की जा रही है। इनमें ट्रैफिक नियम तोड़ने और छोटी-मोटी चोरी करने जैसे अपराध शामिल है।


टाइम्स ऑफ इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि भारतीय छात्रों को ईमेल भेजकर कहा जा रहा है कि उनका F-1 वीजा अब वैलिड नहीं है और उन्हें तत्काल अमेरिका छोड़ना होगा। इमिग्रेशन वकीलों का कहना है कि सैकड़ों छात्रों को उनकी सोशल मीडिया पोस्ट के लिए भी निशाना बनाया जा रहा है और वीजा खारिज कर दिया जा रहा है।

 

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ईमेल में क्या लिखा है?

अखबार ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि अमेरिका के स्कूलों, कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज में पढ़ने वाले कई भारतीय छात्रों को ऐसे ईमेल भेजे गए हैं। इस ईमेल में यह भी कहा गया है कि उनका EAD यानी इम्प्लॉयमेंट अथॉराइजेशन डॉक्यूमेंट भी वैलिड नहीं है, इसलिए उनके पास अब अमेरिका में काम करने का अधिकार भी नहीं है। ईमेल में लिखा है, 'अगर आपका वीजा रद्द कर दिया गया है तो इसका मतलब है कि आपके पासपोर्ट में F-1 वीजा अब वैलिड नहीं है। अगर आप अमेरिका में हैं तो तुरंत आपको छोड़ना होगा।'

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ऐसे अपराधों के लिए वीजा रद्द होना रेयर

मिसौरी, टेक्सास और नेब्रास्का समेत कई राज्यों में पढ़ रहे भारतीय छात्रों को हाल के दिनों में ऐसे ईमेल मिले हैं। डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी के मुताबिक, पुराने अपराधों के लिए वीजा रद्द किया जा सकता है। हालांकि, इमिग्रेशन वकीलों का कहना है कि छोटे-मोटे अपराधों के लिए पहले कभी किसी को डिपोर्ट किया गया हो, ऐसा शायद ही कभी हुआ है।


इमिग्रेशन वकील चंद पर्वतनेनी ने TOI को बताया, 'शराब पीकर गाड़ी चलाना, लेन बदलना या ज्यादा स्पीड में गाड़ी चलाने पर वीजा रद्द होना बहुत रेयर है।' उन्होंने दावा किया है कि कुछ दिन में उनके पास ऐसे कई भारतीय छात्रों के कॉल आए हैं, जिनका वीजा रद्द कर दिया गया है।

 

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छात्रों ने क्या कहा?

हैदराबाद से अमेरिका पढ़ने गए कई छात्रों ने दावा किया है कि पुराने मामलों के लिए अब वीजा रद्द किया जा रहा है। एक छात्र ने TOI से कहा, 'दो साल पहले न्यूयॉर्क में ओवर स्पीडिंग के लिए चालान कटा था। मैं 80 मील प्रति घंटे की रफ्तार से गाड़ी चला रहा था। मैंने जुर्माना भरा और पुलिस स्टेशन गया। मुझे कभी गिरफ्तार नहीं किया गया था।'


इसी तरह, नेब्रास्का में पढ़ाई के साथ-साथ जॉब करने वाले एक भारतीय छात्र ने कहा, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुझे एक मामूली अपराध के लिए अमेरिका छोड़ने के लिए कहा जा रहा है, वह भी इतने लंबे समय बाद।'