अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इजरायल और हमास के बीच सीजफायर के लिए एक नया प्लान लेकर आए हैं। इजरायल ने ट्रंप के इस सीजफायर प्लान को मान लिया है। हालांकि, हमास ने इसे माना है या नहीं? यह अब तक साफ नहीं है। ट्रंप के साथ इस सीजफायर डील पर चर्चा के लिए इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू सोमवार को अमेरिका जा रहे हैं। पिछले 6 महीनों में नेतन्याहू का यह अमेरिका का तीसरा दौरा है। 


ट्रंप ने पिछले हफ्ते 60 दिन के सीजफायर डील का ऐलान किया था। अगर ट्रंप के इस प्लान पर इजरायल और हमास तैयार हो जाते हैं, तो गाजा में 21 महीनों से चल रही जंग थम सकती है। 


इससे पहले इस साल जनवरी में भी इजरायल और हमास के बीच 60 दिन का सीजफायर हुआ था। हालांकि, हमास की ओर से बंधकों की रिहाई न किए जाने पर मार्च में इजरायल ने फिर हमला कर दिया था। इजरायल और हमास के बीच 7 अक्टूबर 2023 से जंग चल रही है। इस जंग में गाजा में अब तक 57,268 लोगों के मारे जाने का दावा किया गया है। गाजा में दोनों की जंग रुकवाने के लिए कतर के दोहा में बातचीत हो रही है। अमेरिका के लिए रवाना होने से पहले नेतन्याहू ने कहा कि उन्हें भरोसा है कि ट्रंप सीजफायर डील करवा सकते हैं।

 

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सीजफायर डील पर किसने-क्या कहा?

  • डोनाल्ड ट्रंपः अमेरिकी राष्ट्रपति ने पिछले हफ्ते कहा था कि गाजा में सीजफायर होने पूरी उम्मीद है। उन्होंने कहा था, 'हम इजरायल के साथ बहुत सारी चीजों पर काम कर रहे हैं। ईरान के साथ परमानेंट डील पर भी काम चल रहा है। गाजा में हम डील करने के बहुत करीब हैं। मुझे लगता है कि इस हफ्ते हो सकती है।'
  • बेंजामिन नेतन्याहूः अमेरिका के लिए रवाना होने से पहले नेतन्याहू ने कहा, 'मुझे भरोसा है कि राष्ट्रपति ट्रंप के साथ चर्चा आगे बढ़ने में मदद कर सकती है।' उन्होंने कहा, '20 बंधक जिंदा है और 30 मर गए हैं। हम सभी को वापस लाएंगे। हम यह भी सुनिश्चित करेंगे कि गाजा अब इजरायल के लिए खतरा नहीं बनेगा।'
  • हमासः सीजफायर डील पर हमास ने अपना जवाब दे दिया है। हमास ने एक बयान जारी कर बताया, 'हमास ने मध्यस्थों को अपना जवाब भेज दिया है। हमास इसे लागू करने के मैकेनिज्म पर बातचीत का नया दौर शुरू करने के लिए पूरी गंभीरता के साथ पूरी तरह तैयार है।'

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क्या होगा इस डील में?

ट्रंप का यह सीजफायर प्लान 60 दिन के लिए होगा। इस दौरान बंधकों की रिहाई के बदले में फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई की जाएगी।


अल-जजीरा कि रिपोर्ट के मुताबिक, सीजफायर डील के तहत इजरायल ने '58 बंधकों' की एक लिस्ट दी है। डील के तहत, 10 जिंदा और 18 बंधकों के शव लौटाए जाएंगे। डील लागू होने के बाद पहले दिन 8 बंधकों को छोड़ा जाएगा। इसके बाद 7वें दिन, 30वें दिन, 50वें दिन और 60वें दिन बंधकों को छोड़ा जाएगा। बदले में इजरायल अपनी जेलों में बंद 1,236 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा। इसके साथ ही 180 फिलिस्तीन कैदियों के शव भी लौटाएगा।


समझौता होने के बाद गाजा में इजरायल के सारे मिलिट्री ऑपरेशंस बंद हो जाएंगे। डील के लागू होने के बाद गाजा में हर दिन 10 घंटे तक इजरायल के न तो मिलिट्री एयरक्राफ्ट उड़ेंगे और न ही सर्विलांस एयरक्राफ्ट। जिस दिन बंधकों और फिलिस्तीन कैदियों की अदला-बदली होगी, उस दिन यह रोक 12 घंटे तक रहेगी।


अल-जजीरा ने बताया है कि समझौता लागू होने के बाद पहले ही दिन से स्थायी सीजफायर पर बात शुरू हो जाएगी। इसमें गाजा से इजरायली सैनिकों की वापसी और बाकी बंधकों की रिहाई के बदले फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई पर सहमति बनाई जाएगी।

 

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ट्रंप की इजरायल और हमास दोनों को गारंटी!

सीजफायर को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल और हमास, दोनों को गारंटी दी है। हमास चाहता है कि इझरायली सेना पूरी तरह से लौटे और भविष्य में फिर कभी एकतरफा जंग न शुरू करे। 


ABC न्यूज ने बताया है कि ट्रंप ने हमास को गारंटी दी है कि सीजफायर के 60 दिन के दौरान इजरायल कोई हमला नहीं करेगा। यह गारंटी इसलिए दी गई है, क्योंकि जनवरी में हुए सीजफायर के बाद मार्च में इजरायल ने गाजा पर हमला कर दिया था। 


वहीं, इजरायल की स्थानीय मीडिया ने बताया है कि ट्रंप ने इजरायल को भी गारंटी दी है और कहा है कि अगर हमास शर्तें तोड़ता है तो इजरायल 'खुलकर' हमला कर सकता है।

 

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क्या यह डील होगी?

जनवरी में भी 60 दिन के लिए इजरायल और हमास के बीच सीजफायर डील हुई थी लेकिन यह समझौता समय से पहले ही टूट गया था। इजरायल के हमलों को संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने 'बर्बर' बताया था।


अब एक बार फिर दोनों के बीच सीजफायर को लेकर बात चल रही है। हालांकि, इस डील के भी पूरा होने पर संशय बना हुआ है। ऐसा इसलिए क्योंकि इजरायल और हमास, दोनों ही अपनी-अपनी जिद पर अड़े हैं।


इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू कई बार कह चुके हैं कि शांति की सबसे बड़ी शर्त यही है कि गाजा में सभी रेजिस्टेंट ग्रुप का खात्मा किया जाना चाहिए। नेतन्याहू कई बार कह चुके हैं कि जब तक हमास को पूरी तरह खत्म नहीं कर दिया जाता, तब तक इजरायल का ऑपरेशन बंद नहीं होगा। वहीं, हमास चाहता है कि गाजा से इजरायली सेना की पूरी तरह से वापसी हो।


कतर यूनिवर्सिटी में इंटरनेशनल रिलेशन के प्रोफेसर अदनान हयाजनेह ने अल-जजीरा से कहा, 'इजरायल और नेतन्याहू सीजफायर करने में दिलचस्पी नहीं रखते हैं।' उन्होंने कहा सीजफायर की 'बहुत कम गुंजाइश' है। उन्होंने कहा, 'इजरायल एक ऐसी जमीन चाहता है, जहां कोई न हो। इसलिए फिलिस्तीनियों के पास तीन रास्ते हैं। या तो वे भूख से मर जाएं या इजरायल के हमले में मारे जाएं या फिर अपनी जमीन छोड़ दें। हालांकि, फिलिस्तीनियों ने अब तक साबित कर दिया है कि वे अपनी जमीन नहीं छोड़ेंगे, चाहे कुछ भी हो जाए।'