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ट्रंप अपने 'नए दुश्मन' एलन मस्क को साउथ अफ्रीका भेज पाएंगे? समझिए

अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क की लड़ाई बढ़ती जा रही है। बात यहां तक बढ़ गई है कि ट्रंप कह चुके हैं कि अब मस्क को साउथ अफ्रीका वापस चले जाना चाहिए। ऐसे में जानते हैं कि क्या एलन मस्क को डिपोर्ट किया जा सकता है?

donald trump vs elon musk

प्रतीकात्मक तस्वीर। (AI Generated Image)

दोस्ती के बाद नए-नए 'दुश्मन' बने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और कारोबारी एलन मस्क एक बार फिर लड़ने लगे हैं। हालात इतने बिगड़ गए हैं कि ट्रंप ने यहां तक धमकी दे दी है कि एलन मस्क को अपनी 'दुकान' बंद कर वापस साउथ अफ्रीका जाना पड़ेगा।  


कभी दोनों में इतनी दोस्ती हुआ करती थी कि ट्रंप ने सरकारी खर्चों में कटौती करने की जिम्मेदारी एलन को ही दी। इसके लिए बकायदा डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नेंट एफिशिएंसी यानी DOGE बनाया। दोनों में बात तब बिगड़नी शुरू हुई, जब ट्रंप 'बिग एंड ब्यूटीफुल बिल' लेकर आए। इस बिल में कई तरह की टैक्स छूट का प्रावधान है। इस बिल में एक प्रावधान इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) खरीदने पर टैक्स छूट को खत्म करने का प्रावधान भी है। इसके बाद ही ट्रंप और एलन में अनबन शुरू हो गई। एलन ने DOGE भी छोड़ दिया। 


तब से ही एलन खुलकर ट्रंप के 'बिग एंड ब्यूटीफुल बिल' को अमेरिका के लिए खतरनाक बता रहे हैं। एलन तो अमेरिका में 'नई राजनीतिक पार्टी' बनाने तक की बात कह चुके हैं। अब तो ट्रंप ने यहां तक कह दिया है कि एलन मस्क के पीछे DOGE को लगाना पड़ेगा।


डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क के बीच नई लड़ाई तब शुरू हुई है, जब अमेरिकी संसद के ऊपरी सदन सीनेट में 'बिग एंड ब्यूटीफुल बिल' पास हो गया है। पहले तो यह बिल 50-50 पर आकर अटक गया था। बाद में उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने वोट किया और तब जाकर बिल 51 वोटों से पास हो पाया। 

 

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अब किस बात पर हो गई तकरार?

दरअसल, एलन मस्क लंबे समय से 'बिग एंड ब्यूटीफुल बिल' से नाराज हैं। एलन मस्क इस बिल को 'डिसगस्टिंग' बता चुके हैं। एलन का दावा है कि अगर यह बिल कानून बन जाता है तो इससे अमेरिका पर कर्ज और बढ़ जाएगा। 


सीनेट में जब इस बिल पर बहस चल रही थी, तभी एलन ने X पर लिखा, 'अगर पागलपन से भरा यह बिल पास हो जाता है तो अगले ही दिन 'अमेरिका पार्टी' का गठन हो जाएगा। हमारे देश को डेमोक्रेट-रिपब्लिकन के विकल्प की जरूरत है, ताकि लोगों को उनकी आवाज मिल सके।' उन्होंने यह भी कहा कि जो भी इस बिल के समर्थन में वोट करेगा, वह अगले साल प्राइमरी हार जाएगा।

 


वहीं, ट्रंप का कहना है कि एलन परेशान हो गए हैं। ट्रंप ने कहा, 'आजतक किसी को इतनी सब्सिडी नहीं मिली, जितनी एलन को मिली है। बिना सब्सिडी के एलन को अपनी दुकान बंद करनी पड़ सकती है और साउथ अफ्रीका लौटना पड़ सकता है।'


उन्होंने कहा, 'कोई रॉकेट लॉन्च नहीं होगा, कोई सैटेलाइट लॉन्च नहीं होगा और न ही इलेक्ट्रिक गाड़ियों का प्रोडक्शन होगा और हमारे देश का बहुत सारा पैसा बचेगा।' ट्रंप ने यह भी कहा कि शायद DOGE को इस पर गंभीरता से विचार करने को कहना चाहिए। उन्होंने कहा, 'DOGE वह राक्षस है, जिसे वापस जाकर एलन को खाना पड़ सकता है। क्या यह भयानक नहीं होगा?'

 


इस पर जवाब देते हुए एलन ने कहा, 'मैं सच में कह रहा हूं कि इसे पूरी तरह से खत्म कर दो। अभी।' एलन ने इस बिल के समर्थन में वोट करने वाले सांसदों को आड़े हाथ लेते हुए कहा, 'कांग्रेस के हर सदस्य, जिन्होंने सरकारी खर्च में कटौती करने का वादा किया लेकिन अब उन्होंने ही कर्ज बढ़ाने के लिए वोटिंग की। उन्हें अपना सिर शर्म से झुका लेना चाहिए।'

 

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मस्क को डिपोर्ट करने के पीछे कौन?

एलन मस्क को साउथ अफ्रीका डिपोर्ट करने का आइडिया ट्रंप के एडवाइजर स्टीव बेनन का है। स्टीव बेनन को ट्रंप का 'दिमाग' भी कहा जाता है। स्टीव, ट्रंप के एडवाइजर हैं। स्टीव ने ही जून में एलन को साउथ अफ्रीका डिपोर्ट करने की बात कही थी।


एक पॉडकास्ट इंटरव्यू में स्टीव ने कहा था, 'एलन मस्क कह रहे हैं कि वे एक नई पार्टी शुरू कर रहे हैं। आप जानते हैं कि मुझे क्या पसंद है? 'अमेरिका पार्टी' शुरू करने वाला व्यक्ति अमेरिकी नहीं है। अरे यार। साउथ अफ्रीका वापस जाओ। 'साउथ अफ्रीकी पार्टी' शुरू करो। अपने देश को ठीक करो। राष्ट्रपति ट्रंप के बारे में बकवास करना बंद करो, क्योंकि तुम सब खत्म कर चुके हो।'


इतना ही नहीं, स्टीव बेनन ने एलन मस्क के कथित ड्रग यूज की जांच कराए जाने की मांग भी की थी। उन्होंने यह भी कहा था कि मस्क की SpaceX का राष्ट्रीयकरण कर दिया जाना चाहिए, क्योंकि यह एक तरह से सरकारी कंपनी ही है।

 


वहीं, अब जब ट्रंप और मस्क में लड़ाई का नया दौर शुरू हुआ है तो स्टीव बेनन एक बार फिर इसमें आ गए हैं। एलन की एक X पोस्ट पर एक यूजर ने लिखा कि बेनन SpaceX का राष्ट्रीयकरण करना चाहते हैं। इस पर जवाब देते हुए एलन ने लिखा, 'बेनन वापस जेल जा रहे हैं। इस बार लंबे समय के लिए।'


इस पोस्ट में एलन उस बात का जिक्र कर रहे थे, जब 6 जनवरी 2021 को हुई कैपिटल हिल हिंसा की जांच में शामिल होने से इनकार करने पर बेनन को 4 महीने के लिए जेल जाना पड़ा था।

 

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एलन मस्क के अमेरिका बसने की कहानी?

एलन मस्क मूल रूप से साउथ अफ्रीका के ही हैं। उनका जन्म 1971 में साउथ अफ्रीक के प्रिटोरिया में हुआ था। यहां से माइग्रेशन कर वे कनाडा गए। साल 2002 में एलन मस्क को अमेरिका की नागरिकता मिली थी। इससे पहले उनके पास कनाडा की नागरिकता थी।


वॉशिंगटन पोस्ट ने पिछले साल अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि एलन मस्क 1995 में स्टूडेंट वीजा पर अमेरिका आए थे। रिपोर्ट में दावा किया गया था कि एलन ने स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया था लेकिन वे क्लास में कभी नहीं गए। इसकी बजाय उन्होंने यहां आकर एक सॉफ्टवेयर कंपनी Zip2 शुरू की। अमेरिकी कानून के मुताबिक, कोई भी विदेशी छात्र बिना वर्क परमिट के काम नहीं कर सकता।

 


इस बीच Zip2 को 30 करोड़ डॉलर की फंडिंग मिली। हालांकि, उनके निवेशकों ने यह भी शर्त रखी कि 45 दिन में एलन अपना इमिग्रेशन स्टेटस ठीक करें। रिपोर्ट के मुताबिक, 2005 में एलन मस्क ने एक ईमेल में कथित तौर पर लिखा था कि उन्होंने स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी में दाखिला लेने का फैसला लिया, क्योंकि उनके पास अमेरिका में रहने का कोई और रास्ता नहीं बचा था।


हालांकि, एलन मस्क ने इन आरोपों को खारिज कर दिया था। एलन मस्क का दावा था कि वे J-1 वीजा पर अमेरिका आए थे और अमेरिका में कानूनी तरीके से काम कर रहे थे।

 

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क्या एलन को डिपोर्ट किया जा सकता है?

एलन मस्क के पास 2002 से अमेरिका की नागरिकता है। कानूनन किसी ऐसे व्यक्ति को ही डिपोर्ट किया जा सकता है, जिसके पास उस देश की नागरिकता नहीं है। लिहाजा, एलन को डिपोर्ट करने के लिए पहले उनकी अमेरिकी नागरिकता को रद्द करना पड़ेगा।


अमेरिकी कानून कहता है कि किसी व्यक्ति की नागरिकता तभी रद्द हो सकती है, जब यह साबित हो सके कि नागरिकता लेते वक्त उसने झूठ बोला था या जानकारी छिपाई थी। इसका मतलब हुआ कि साबित करना होगा कि 2002 में नागरिकता लेते वक्त एलन ने 1995 के वर्क स्टेटस की बात छिपाई थी या झूठ बोला था। 

 


कॉर्नेल लॉ स्कूल के इमिग्रेशन एक्सपर्ट प्रोफेसर स्टीफन येल-लोएहर ने एक इंटरव्यू में कहा कि अगर एलन मस्क पर लगे आरोप सही हैं तो यह उनकी नागरिकता रद्द करने का बहुत मजबूत आधार है। उन्होंने कहा कि अगर उस वक्त एलन सही बताते तो उन्हें नागरिकता मिलना तो दूर, H-1B वीजा या स्थायी निवास मिलना भी नहीं मिलता।


हालांकि, कुछ जानकारों का मानना है कि इन आरोपों के बावजूद एलन की नागरिकता जाने की संभावना नहीं है। इमिग्रेशन पर 20 साल से काम कर रहे वकील डेविड ब्रेडिन ने न्यूजवीक को दिए इंटरव्यू में कहा था कि जब भी किसी को नागरिकता दी जाती है तो उसकी सारी जांच की जाती है। उन्होंने कहा था कि अगर आरोप सही साबित होते हैं तो यह बहुत बड़ी गड़बड़ी होगी। उन्होंने कहा था कि जब तक फर्जीवाड़ा साबित नहीं होता, तब तक उनकी नागरिकता रद्द करना मुश्किल है।

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