अमेरिका की हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव की एक कमेटी ने यौन अपराधी जेफ्री एपस्टीन की जांच से जुड़े दस्तावेज जारी कर दिए हैं। 33 हजार से ज्यादा पन्नों के ये रिकॉर्ड हाउस कमेटी ने ओवरसाइट एंड गवर्नमेंट रिफॉर्म की वेबसाइट पर अपलोड किए हैं। 


हाउस कमेटी के अध्यक्ष जेम्स कॉमर ने कहा, 'हम पूरी पारदर्शिता के लिए इन दस्तावेजों को अपलोड कर रहे हैं, ताकि अमेरिका में हर कोई इन्हें देख सके। हम इन्हें जितनी जल्दी हो सके, अपलोड कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि यह जल्द से जल्द सार्वजनिक हों।'


हालांकि, जेफ्री एपस्टीन से जुड़े जिन दस्तावेजों को जारी किया गया है, उनमें कुछ नया नहीं है। डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन सांसदों के साथ-साथ कमेटी के अध्यक्ष जेम्स कॉमर का कहना है कि जिन दस्तावेजों को जारी किया है, वह पहले से ही सार्वजनिक थे।

33,295 पन्नों का पहला सेट हुआ जारी

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चुनाव प्रचार के दौरान जेफ्री एपस्टीन से जुड़ी फाइलें सार्वजनिक करने का वादा किया था। जनवरी में शपथ लेने के बाद उनके कुछ समर्थक इस बात से नाराज हो गए थे कि ट्रंप सरकार अपने इस वादे से मुकर रही है।


इसके बाद मंगलवार को हाउस कमेटी जेफ्री एपस्टीन से जुड़े दस्तावेज जारी कर दिए। हाउस कमेटी ने जो दस्तावेज जारी किए हैं, वह 33,295 पन्नों में हैं। 


एपस्टीन केस से जुड़े इन रिकॉर्ड का यह पहला बैच है। कमेटी अभी और भी दस्तावेज जारी करेगी। कमेटी ने बताया कि पीड़ितों की पहचान और बाल यौन शोषण से जुड़े रिकॉर्ड को सार्वजनिक नहीं किया जाएगा।

 

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क्यों जारी किए गए यह दस्तावेज?

ट्रंप ने अपने चुनाव प्रचार में जेफ्री एपस्टीन से जुड़ी फाइलें सार्वजनिक करने का वादा किया था। ट्रंप पर भी जेफ्री एपस्टीन की पार्टियों में शामिल होने के आरोप लगते रहे हैं। 


हाउस कमेटी ने यह दस्तावेज ऐसे वक्त जारी किए हैं, जब महीनेभर पहले ही एपस्टीन की साथी गिस्लेन मैक्सवेल का एक इंटरव्यू सामने आया है। इस इंटरव्यू में गिस्लेन मैक्सवेल ने कहा था ट्रंप ने कभी किसी के साथ कुछ गलत नहीं किया।


मैक्सवेल ने कहा था, 'मैंने राष्ट्रपति को कभी भी स्पा वाली जगह पर नहीं देखा था। उन्होंने कभी किसी के साथ गलत बर्ताव नहीं किया। जब मैं उनके साथ थी, तब वे हर तरह से जेंटलमेन थे।' मैक्सवेल ने जेफ्री एपस्टीन की कथित 'क्लाइंट लिस्ट' होने की बात से भी इनकार कर दिया था।

क्या है इन दस्तावेजों में?

जिन दस्तावेजों को जारी किया गया है, वह जानकारी पहले से ही सार्वजनिक थी। हाउस कमेटी के अध्यक्ष जेम्स कॉमर ने NBC न्यूज को दिए इंटरव्यू में कहा, 'उनमें कुछ भी नया नहीं है।'


दस्तावेज जारी होने के बाद हाउस कमेटी की सदस्य डेमोक्रेटिक सांसद रॉबर्ट गार्सिया ने कहा, 'अमेरिकियों से विनती है कि मूर्ख न बनें। आज जारी किए गए दस्तावेजों में से ज्यादातर पहले से ही पब्लिक डोमेन में हैं।'


हाउस कमेटी ने जो दस्तावेज जारी किए हैं, वह जस्टिस डिपार्टमेंट ने सौंपे थे। रॉबर्ट गार्सिया ने कहा, 'डेमोक्रेट्स ने पाया कि जस्टिस डिपार्टमेंट से जो दस्तावेज मिले हैं, उनमें से 97% पहले से ही पब्लिक डोमेन में थे। इनमें किसी भी क्लाइंट लिस्ट या ऐसी किसी भी चीज का जिक्र नहीं है, जिससे पीड़ितों को इंसाफ मिले।'


जो रिकॉर्ड जारी किए गए हैं, उनमें कई वीडियो फुटेज भी हैं। इनमें 9-10 अगस्त 2019 की रात की वीडियो फुटेज भी है, जब जेफ्री एपस्टीन की जेल में मौत हो गई थी। बीबीसी ने बताया कि इन वीडियो में कोई डिस्क्रिप्शन नहीं दिया गया है। 9 और 10 अगस्त की रात का जो वीडियो फुटेज जारी किया गया है, वह 13 घंटे 41 सेकंड का है। 

 

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ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद क्या-क्या हुआ?

  • 21 फरवरी: अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी ने फॉक्स न्यूज से कहा कि जेफ्री एपस्टीन की 'क्लाइंट लिस्ट' उनकी डेस्क पर पड़ी है। बाद में व्हाइट हाउस ने कहा था कि वह एपस्टीन के अपराधों से जुड़ी फाइलों का जिक्र कर रही थीं।
  • 28 फरवरी: पाम बॉन्डी ने दावा किया कि जांच अधिकारी जेफ्री एपस्टीन से जुड़े हजारों दस्तावेजों को दबा कर बैठे हैं। उन्होंने FBI से सारी जानकारी सार्वजनिक करने की मांग की थी।
  • 26 अप्रैल: प्रिंस एंड्र्यू और जेफ्री एपस्टीन पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली वर्जीनिया गिफ्रे ने आत्महत्या कर ली। वर्जीनिया गिफ्रे 41 साल की थीं।
  • 6 जून: टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने X पर पोस्ट कर दावा किया था कि जेफ्री एपस्टीन की फाइलों में ट्रंप का नाम है, इसलिए इन्हें सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है। हालांकि, बाद में उन्होंने इस पोस्ट को डिलीट कर दिया।
  • 7 जुलाई: जस्टिस डिपार्टमेंट और FBI ने एक रिपोर्ट में बताया कि जेफ्री एपस्टीन के पास ऐसी कोई 'क्लाइंट लिस्ट' नहीं थी, जिसमें हाई प्रोफाइल लोगों का नाम हो। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया कि एपस्टीन ने सुसाइड की थी।
  • 18 जुलाई: राष्ट्रपति ट्रंप ने वॉल स्ट्रीट जर्नल के मालिक रूपर्ट मर्डोक, उनकी कंपनी और दो पत्रकारों के खिलाफ मुकदमा दायर किया, जिन्होंने दावा किया था एपस्टीन के 2003 के बर्थडे पार्टी के कार्ड में ट्रंप का नाम छपा था।
  • 24 और 25 जुलाई: डिप्टी अटॉर्नी जरनल टॉड ब्लैंच ने जेफ्री एपस्टीन की साथी गिस्लेन मैक्सवेल से जेल में मुलाकात की। मैक्सवेल सेक्स ट्रैफिकिंग में 20 साल की सजा काट रही हैं। मैक्सवेल को 1 अगस्त को टेक्सास की जेल में शिफ्ट किया गया है।

कौन था जेफ्री एपस्टीन?

जेफ्री एपस्टीन दुनिया के सबसे बड़े यौन अपराधियों में से एक है। वह कभी मैथ्स का टीचर हुआ करता था लेकिन बाद में वह बिजनेस की दुनिया में आया और फिर यौन अपराध में शामिल हो गया।


एप्सटीन एक फाइनेंसर था। उसकी पार्टियों में कथित तौर पर नामी-गिरामी हस्तियां शामिल हुआ करती थीं। उस पर आरोप था कि वह अमीरों को लुभाने के लिए लड़कियों का इस्तेमाल करता था। उस पर कई नाबालिग लड़कियों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप है। वह नाबालिग लड़कियों से मसाज करवाता था।


एपस्टीन की कथित क्लाइंट में डोनाल्ड ट्रंप, पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन और प्रिंस एंड्र्यू जैसी हस्तियां शामिल थीं। 2002 में न्यूयॉर्क मैग्जीन को दिए इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा था कि वह एपस्टीन को 15 साल से जानते हैं। 


साल 2005 में एक 14 साल की पीड़िता के माता-पिता ने फ्लोरिडा पुलिस को बताया था कि एपस्टीन ने अपने पाम बीच स्थित विला में उनकी बेटी के साथ छेड़छाड़ की थी। इस मामले में एपस्टीन को 18 महीने की जेल की सजा मिली थी। बाद में उसके कारनामे सामने आने लगे और उसे यौन अपराध का दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।

 

10 अगस्त 2019 को एपस्टीन न्यूयॉर्क की जेल में मृत पाया गया था। उसकी मौत पर सवाल भी उठते हैं। हालांकि, अमेरिकी जांच एजेंसियों का दावा है कि उसने आत्महत्या की थी।