फिलिस्तीनी मूल के नागरिक महमूद खलील इस समय अमेरिका में चर्चा का विषय बने हुए हैं। 8 मार्च, 2025 को अमेरिकी इमिग्रेशन और सीमा शुल्क प्रवर्तन अधिकारियों ने उन्हें उनके अपार्टमेंट से गिरफ्तार किया था। अमेरिका का ग्रीन कार्ड होने के बावजूद ट्रंप प्रशासन ने उनकी गिरफ्तारी को मंजूरी दे दी। साथ ही उनका ग्रीन कार्ड भी रद्द करने की कोशिश की गई।

 

कौन हैं महमूद खलील?

29 वर्षीय महमूद की गिरफ्तारी के बाद से अमेरिका में बवाल मचा हुआ है। अब उनकी रिहाई की मांग को लेकर मंगलवार को मैनहेट्टन में प्रदर्शनकारियों और अधिकारियों के बीच जमकर झड़प हुई। महमूद खलील की हिरासत के विरोध में बड़ी संख्या में आईसीई विरोधी और हमास समर्थक प्रदर्शनकारियों ने ट्रंप टावर पर धावा बोल दिया। बता दें कि खलील ने कोलंबिया यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल एंड पब्लिक अफेयर्स से दिसंबर 2024 में मास्टर डिग्री हासिल की थी। 

 

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इस समय खलील लुइसियाना के जेना की जेल में शिफ्ट कराए गए है। इससे पहले उन्हें न्यू जर्सी के एक हिरासत केंद्र में भेजा गया था। खलील, संयुक्त राज्य अमेरिका का एक वैध स्थायी निवासी है और उन्होंने एक अमेरिकी नागरिक से शादी भी किया है।

 

ट्रंप टॉवर पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया

इस बीच, सोशल मीडिया पर ट्रंप टॉवर के कई वीडियो सामने आए हैं, जिसमें प्रदर्शनकारियों को अमेरिकी सरकार के खिलाफ नारे लगाते और 'महमूद को रिहा करो, सबको रिहा करो!' चिल्लाते हुए दिखाया गया है। ट्रंप टॉवर के पास सैकड़ों यहूदी और सहयोगी नारे लगा रहे हैं। महमूद खलील की रिहाई की मांग के लिए यहूदी वॉयस फॉर पीस द्वारा विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया जा रहा है।

 

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महमूद खलील की गिरफ्तारी क्यों?

एनबीसी के अनुसार, होमलैंड सुरक्षा विभाग ने खलील को निर्वासन कार्यवाही के बारे में एक नोटिस भेजा, जिसमें उसे 27 मार्च को लुइसियाना हिरासत केंद्र में एक आव्रजन न्यायाधीश के सामने पेश होने के लिए कहा गया था।

 

सोमवार को, एक संघीय न्यायाधीश ने अस्थायी रूप से उनके निर्वासन को रोक दिया और घोषणा की कि खलील अमेरिका में रहेगा क्योंकि अदालत उनकी गिरफ़्तारी और हिरासत के लिए अपील पर विचार कर रही है। यह मामला आव्रजन अदालत की कार्यवाही से अलग है। अब यह देखा जाएगा कि खलील के निर्वासित करने और उनके ग्रीन कार्ड रद्द करने का डीएचएस का आदेश उचित है या नहीं।