बांग्लादेश में क्या मोहम्मद यूनुस की सरकार की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं? ऐसा इसलिए क्योंकि पड़ोसी मुल्क में दो ऐसी बड़ी घटनाएं हुई हैं, जिससे सियासी हलचल तेज हो गई है। 


हुआ ये है कि शेख हसीना की सरकार गिराने में अहम भूमिका निभाने वाले नाहिद इस्लाम ने यूनुस सरकार से इस्तीफा दे दिया है। नाहिद इस्लाम, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के सलाहकार थे। ऐसी चर्चा है कि नाहिद इस्लाम नई पार्टी बना सकते हैं।


वहीं, बांग्लादेश के आर्मी चीफ वकर-उज-जमान ने भी नेताओं को आपसी लड़ाई को लेकर चेतावनी दी है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि आपस में न लड़ें, क्योंकि इससे देश की संप्रभुता को खतरा हो सकता है।

 

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नाहिद ने क्यों दिया इस्तीफा?

पिछले साल शेख हसीना सरकार के खिलाफ जब छात्र सड़कों पर उतरे थे तो नाहिद इस्लाम इसका बड़ा चेहरा थे। हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद इस्लाम को अंतरिम सरकार का सलाहकार बनाया गया लेकिन 7 महीने के भीतर ही उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया।


अपने इस्तीफे में नाहिद इस्लाम ने लिखा, 'देश के मौजूदा हालात को देखते हुए एक नई राजनीतिक ताकत का आना जरूरी है। मैंने जनता के विद्रोह को मजबूत करने के लिए सड़कों पर रहने का फैसला लिया है। मुझे लगता है कि मुझे जनता और छात्रों के बीच रहना चाहिए। इसलिए मैंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।'

 


माना जा रहा है कि इस्लाम एक नई राजनीतिक पार्टी बना सकते हैं। पिछले साल हसीना सरकार के खिलाफ हुए आंदोलन को 'जुलाई विद्रोह' कहा गया। नाहिद इस्लाम इस 'जुलाई विद्रोह' का अहम चेहरा थे। इसी महीने जुलाई विद्रोह के प्रदर्शनकारियों ने मोहम्मद यूनुस के घर के बाहर प्रदर्शन भी किया था।

 

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बांग्लादेश आर्मी चीफ की चेतावनी क्या?

बांग्लादेश में हो रही सियासी खींचतान के बीच आर्मी चीफ वजर-उज-जमान ने भी चेतावनी दी है। मंगलवार को एक कार्यक्रम में आर्मी चीफ ने कहा, 'आपस में ही लड़ते रहे तो देश की संप्रभुता को खतरा हो सकता है। अगर लोग अपने मतभेदों को न भुला पाए या एक-दूसरे पर आरोप लगाना बंद न कर पाए तो संप्रभुता पर बड़ा खतरा पैदा हो सकता है।'


आर्मी चीफ जमान ने कहा, 'सभी नेता एक-दूसरे पर आरोप लगाने में व्यस्त हैं। इससे शरारती तत्वों को माहौल बिगाड़ने में फायदा हो रहा है। बांग्लादेश अराजक स्थिति से गुजर रहा है।'


उन्होंने कहा, 'मैं आपको चेतावनी दे रहा हूं। बाद में ये मत कहना कि मैंने आगाह नहीं किया।'

 

नाहिद इस्लाम। (Photo Credit: PTI)

 

क्या यूनुस सरकार की बढ़ेंगी दिक्कतें?

माना जा रहा है कि यूनुस सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। नाहिद इस्लाम बड़ा चेहरा थे और अब वो एक नई सियासी ताकत बनकर उभरने की कोशिश कर रहे हैं।


इसी महीने की शुरुआत में 'जुलाई विद्रोह' के प्रदर्शनकारी बैरिकेड तोड़कर मोहम्मद यूनुस के घर में घुस गए थे। प्रदर्शनकारी वहां धरने पर बैठ गए थे। तब एक छात्र नेता ने कहा था, 'मौजूदा सरकार जुलाई आंदोलन में मारे गए और घायल हुए लोगों के खून से बनी है।'


जुलाई विद्रोह से जुड़े लोग कई मांगों को लेकर लंबे समय से प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी सबसे बड़ी मांग जुलाई आंदोलन के दौरान मारे या घायल हुए लोगों के पुनर्वास को लेकर है।


नाहिद इस्लाम का कहना है कि अब वो सड़कों पर उतरेंगे। माना जा रहा है कि वो नई राजनीतिक पार्टी बना सकते हैं। ऐसा हुआ तो यूनुस सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

 

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क्या बांग्लादेश में फिर होगा तख्तापलट?

पिछले साल 5 अगस्त को शेख हसीना की सरकार का तख्तापलट हो गया था। प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद शेख हसीना बांग्लादेश छोड़कर भारत आ गई थीं। उनके बाद मोहम्मद यूनुस की अगुवाई में अंतरिम सरकार का गठन किया गया है।


नाहिद इस्लाम के इस्तीफे के बाद बांग्लादेश में एक बार फिर तख्तापलट की चर्चाएं तेज हो गई हैं। हालांकि, पाकिस्तान की तरह ही बांग्लादेश में भी सरकार में सेना का दखल है। सेना जब तक चाहेगी तब तक यूनुस पद पर बने रहेंगे। 


हालांकि, बांग्लादेश में इस साल आम चुनाव भी कराए जा सकते हैं। चुनाव के बाद मोहम्मद यूनुस अपने पद से हट जाएंगे। उन्होंने पहले ही इसका ऐलान कर दिया था। उन्होंने कहा था कि नई सरकार के गठन तक ही वो पद संभालेंगे और उनका राजनीति में आने या सत्ता में बने रहने का मूड नहीं है।