नेपाल में मंगलवार को जो कुछ हुआ, कुछ दिन पहले तक उसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है। सोशल मीडिया पर पाबंदी से भड़के 'जेन-जी प्रोटेस्ट' में 36 घंटे के भीतर ही केपी शर्मा ओली की सरकार का तख्तापलट हो गया। आंदोलनकारियों ने संसद भवन से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक को फूंक दिया। प्रधानमंत्री ओली के इस्तीफे के बाद भी नेपाल में हालात अब भी तनावपूर्ण बने हैं। मंगलवार रात को सेना ने कमान संभाल ली। अब नेपाल की सड़कों पर सेना को उतार दिया गया है, ताकि हालात और न बिगड़ें। इतना ही नहीं, नेपाल के सभी एयरपोर्ट्स को भी बंद कर दिया गया है।


पड़ोसी मुल्क नेपाल में सोमवार को जेन-जी सड़कों पर उतरे और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। इसे जेन-जी प्रोटेस्ट इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि इसमें ज्यादातर स्कूल और कॉलेज के छात्र शामिल हैं। यह प्रदर्शन सिर्फ सोशल मीडिया पर पाबंदी के खिलाफ ही नहीं था, बल्कि बरसों से नेपाली सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ भी था।


सोमवार को प्रदर्शनकारियों ने सोशल मीडिया से बैन हटाने और भ्रष्ट नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर संसद में घुसने की कोशिश की थी। उन्हें रोकने के लिए पुलिस ने फायरिंग की, आंसू गैस के गोले छोड़े और वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया था। सोमवार को हुए प्रदर्शनों में देशभर में 19 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद कर्फ्यू जरूर लगाया गया लेकिन 19 मौतों ने आंदोलन को और भड़का दिया। 


मंगलवार को प्रदर्शनकारी इतने उग्र हो गए कि उन्होंने न सिर्फ प्रधानमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति की संपत्तियों को जलाया, बल्कि संसद भवन और सुप्रीम कोर्ट को भी फूंक दिया। आंदोलनकारी जब पीएम ओली के दफ्तर में जा घुसे तो उन्होंने इस्तीफा दे दिया। ओली के इस्तीफे के बाद प्रदर्शनकारियों ने विक्ट्री परेड भी निकाली। हालांकि, हालात अभी भी नॉर्मल नहीं हुए हैं।

 

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रात 10 बजे से सेना ने संभाली कमान

पीएम ओली के इस्तीफे के बावजूद हालात बेकाबू हैं। इसके बाद नेपाली आर्मी ने मंगलवार रात 10 बजे से कमान संभाल ली है।


नेपाली सेना ने प्रदर्शनकारियों से लूटपाट, आगजनी और तोड़फोड़ न करने की अपील की है। सेना ने एक बयान जारी कर कहा कि 'मौजूदा स्थिति का गलत फायदा उठाते हुए कुछ लोग सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं और तोड़फोड़, लूटपाट और आगजनी कर रहे हैं।' आर्मी ने बताया कि रात 10 बजे से उसके सैनिक नेपाल की सड़कों पर तैनात होंगे।


इससे पहले मंगलवार को आर्मी चीफ अशोक राज सिगडेल ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत की टेबल पर आने को कहा था। उन्होंने कहा था कि मौजूदा स्थिति को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने की जरूरत है। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से आंदोलन बंद करने और बातचीत के लिए आगे आने की अपील की थी।


उन्होंने कहा था, 'आंदोलन के दौरान पहले ही जान-माल का काफी नुकसान हो चुका है और आगे और नुकसान को रोकना और शांति बनाए रखना हम सबकी जिम्मेदारी है। इसलिए विरोध प्रदर्शनों को स्थगित कर दिया जाना चाहिए और सभी पक्षों को बातचीत की टेबल पर आना चाहिए।'

 

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संसद भवन से सुप्रीम कोर्ट तक फूंका

19 लोगों की मौत ने इस आंदोलन को और भड़का दिया। राजधानी काठमांडू समेत कई इलाकों में कर्फ्यू के बावजूद मंगलवार सुबह से ही प्रदर्शनकारी जुटने लगे थे। नारे लगाती भीड़ धीरे-धीरे हिंसक होती गई।


प्रदर्शनकारियों ने न केवल प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और बाकी नेताओं के घरों को आगे के हवाले कर दिया, बल्कि कई सरकारी संपत्तियों पर भी कब्जा कर लिया। भीड़ ने सबसे पहले काठमांडू के न्यू बनेश्वर स्थित संसद भवन पर कब्जा कर लिया और उसे आग के हवाले कर दिया। सोमवार को भी इसी तरह की कोशिश की गई थी लेकिन पुलिस ने फोर्स का इस्तेमाल कर उन्हें रोक दिया था।


मंगलवार को कुछ ही घंटों में भीड़ बढ़ती गई। उन्होंने सिंह दरबार के पश्चिमी द्वार को तोड़ दिया। कई मंत्रालयों और प्रधानमंत्री कार्यालय को फूंक दिया गया। प्रदर्शनकारियों ने सिंह दरबार में खड़ी दर्जनों गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की और जला दिया। 


प्रदर्शनकारियों ने सुप्रीम कोर्ट को भी नहीं बख्शा। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को भी फूंक दिया। देर रात तक अदालत में आग जलती रही। काठमांडू पोस्ट को सुप्रीम कोर्ट के अफसर ने बताया कि आग में जलकर सबकुछ राख हो गया। सभी कानूनी दस्तावेज और फैसले राख में बदल गए।


काठमांडू पोस्ट ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने कई सरकारी दफ्तरों और मंत्रालयों को फूंक दिया। उन्होंने बैंकों और शॉपिंग मॉल को भी नहीं बख्शा। आगजनी और तोड़फोड़ की यह घटनाएं सिर्फ राजधानी काठमांडू तक ही सीमित नहीं रहीं। पुलिस ने बताया कि कम से कम 17 जिलों में तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएं सामने आई हैं।

 

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सभी एयरपोर्ट बंद, सैकड़ों लोग फंसे

नेपाल में जारी हिंसक प्रदर्शन के बीच सभी एयरपोर्ट्स को बंद कर दिया गया है। अभी इन एयरपोर्ट्स को बुधवार दोपहर 12 बजे तक के लिए बंद किया गया है। हालांकि, मंगलवार दोपहर से ही उड़ानें रद्द हो गई थीं। इससे सैकड़ों लोग फंस गए हैं। 


काठमांडू के त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट को आर्मी ने अपने कब्जे में ले लिया है। एयरपोर्ट के जनरल मैनेजर हंस राज पांडे ने काठमांडू पोस्ट को बताया कि सिक्योरिटी रिव्यू के बाद ही एयरपोर्ट को दोबारा खोलने पर फैसला लिया जाएगा।


उन्होंने बताया, 'नेपाली आर्मी ने एयरपोर्ट के अंदर और बाहर कमान संभाल ली है। हमें पूरी सुरक्षा का भरोसा है लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए हम विमानों और यात्रियों की सुरक्षा की पूरी गारंटी नहीं दे सकते।'


वहीं, भारतीय एयरलाइन कंपनियों ने नेपाल से आने-जाने वाली उड़ानों को रद्द कर दिया है। एयर इंडिया और इंडिगो समेत कई एयरलाइंस ने काठमांडू एयरपोर्ट आने-जाने वाली उड़ानों को रद्द कर दिया है। न्यूज एजेंसी PTI ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि मंगलवार को एयर इंडिया की एक फ्लाइट काठमांडू पहुंच रही थी लेकिन जब धुआं उठता देखा तो वापस दिल्ली लौट आई।