भारत और अमेरिका के रिश्ते इन दिनों ठीक नहीं चल रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप भारत पर रूस से तेल ना खरीदने का दबाव बना रहे हैं और इसके चलते उन्होंने भारत पर टैरिफ भी लगा दिए हैं। इस बीच संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की पूर्व राजदूत निक्की हेली ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को आईना दिखाया। उन्होंने कहा कि भारत को चीन जैसा विरोधी नहीं, बल्कि एक लोकतांत्रिक साझेदार मानना चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर अमेरिका भारत के साथ पिछले 25 सालों से बने संबंधों को खराब करता है तो यह एक रणनीतिक भूल होगी।
निक्की हेली ने बुधवार को प्रकाशित एक लेख में कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका को इस बात को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए कि चीन का सामना करने के लिए अमेरिका को भारत जैसे एक दोस्त की जरूरत है। निक्की ने कहा कि ट्रंप प्रशासन को रूसी तेल के मुद्दे और टैरिफ विवाद को दुनिया की दो सबसे बड़ी लोकतांत्रिक ताकतों के बीच दरार पैदा करने की अनुमति नहीं देनी चाहिए।
यह भी पढ़ें-- स्वेटशर्ट और ब्लैक ब्लेजर; कपड़ों ने तय किया रूस-यूक्रेन का भविष्य?
अमेरिका के लिए अहम भारत
निक्की हेली ने कहा कि भारत, अमेरिका की तरह ही एक स्वतंत्र लोकतांत्रिक राष्ट्र है। भारत की बढ़ती ताकत से अमेरिका को नुकसान नहीं होगा। चीन से सामना करने के लिए अमेरिका को भारत की जरूरत होगी।
उन्होंने कहा, 'इसके उलट, चीन की ताकत बढ़ना दुनिया के लिए चुनौती है, क्योंकि वह कम्युनिस्ट शासन के तहत चलता है।'निक्की हेली ने अपने लेख में कहा कि भारत अमेरिका का महत्वपूर्ण सहयोगी बन सकता है, जबकि चीन रूस से तेल खरीद कर प्रतिबंधों से बच रहा है और मास्को का सबसे बड़ा ग्राहक है। अमेरिका को यह समझना होगा कि अगर एशिया में चीन का मुकाबला करना है तो भारत ही एकमात्र देश है जो यह संतुलन बना सकता है।
रूसी तेल पर भिड़े भारत-अमेरिका
अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत को रूस से सस्ता तेल ना खरीदने के लिए चेतावनी दी थी। रूस भारत का एक महत्तवपूर्ण साझेदार है इसलिए भारत ने रूस से तेल खरीदना जारी रखा। इस पर अमेरिका ने नई दिल्ली पर 25 प्रतिशत टैरिफ के साथ 25 प्रतिशत और टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया। इसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव और भी ज्यादा बढ़ गया। इस दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर के मुद्दे पर भी अमेरिका भारत के खिलाफ बयानबाजी करता रहा है।
निक्की हेली ने भारत पर दबाव बनाने की रणनीति का समर्थन करते हुए कहा कि भारत रूस से तेल खरीद कर यूक्रेन के खिलाफ क्रूर युद्ध को आर्थिक मदद कर रहा है। हालांकि, उन्होंने भारत के साथ दुश्मन जैसा व्यवहार करने के लिए चेताया। उन्होंने कहा, 'एशिया में चीनी प्रभाव के खिलाफ एकमात्र देश के साथ पिछले 25 सालों से संबंधों में हुए सुधार को नष्ट करना एक रणनीतिक आपदा होगी।'
यह भी पढ़ें-- दुनिया पर टैरिफ लगाकर कितना कमा रहा है ट्रंप का अमेरिका?
भारत एक बड़ी अर्थव्यवस्था
निक्की हेली ने कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था है और जल्द ही जापान को पीछे छोड़ देगा। चीन वैश्विक नीतियों को अपने हिसाब से चलाना चाहता है लेकिन भारत उसकी महत्तवकांक्षा को रोक देगा। उन्होंने कहा, 'जैसे-जैसे भारत मजबूत होगा, चीन की महत्वाकांक्षाएं घटेंगी।'
निक्की हेली ने आगे कहा कि भारत में इतनी क्षमता है कि वह चीन की तरह बड़े पैमाने पर सामान बना सकता है। इससे अमेरिका को अपनी सप्लाई चेन चीन से हटाकर भारत में शिफ्ट करने में मदद मिलेगी। भारत कपड़े, सस्ते फोन और सोलर पैनल जैसे उत्पाद बड़े स्तर पर बना सकता है, जिन्हें अमेरिका खुद तुरंत या बड़े पैमाने पर नहीं बना सकता। हेली ने चेतावनी दी कि अमेरिका-भारत के बीच व्यापार विवाद को अगर लंबा खींचा गया तो चीन इस स्थिति का फायदा उठा सकता है।