पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थियों के लिए नो-ऑब्जेक्शन रिटर्न टू इंडिया (NORI) वीजा भारत वापसी का एक आसान रास्ता था लेकिन अब पहलगाम आतंकी हमले और भारत-पाकिस्तान तनाव के कारण मुसीबत बन रहा है। एक तरफ दिल्ली के मजनू का टीला और अन्य शिविरों में रह रहे ये शरणार्थी डिपोर्टेशन के डर का सामना कर रहे हैं तो वहीं NORI वीजा के तहत जो शरणार्थी पाकिस्तान गए थे अब भारत नहीं लौट पा रहे है। दरअसल, ये सभी शरणार्थी धार्मिक उत्पीड़न से बचकर भारत आए थे।
वीजा रद्द करने की नीति
पहलगाम हमले के बाद भारत ने सभी पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए और उन्हें 48 घंटे में देश छोड़ने का आदेश दिया। इस नीति ने NORI वीजा धारकों को भी प्रभावित किया है, जो पाकिस्तान में अस्थायी यात्रा के लिए गए थे। जैसे- परिवार से मिलने या धार्मिक स्थलों की यात्रा करने के लिए। NORI वीजा मुख्य रूप से पाकिस्तानी नागरिकों (खासकर हिंदू शरणार्थियों) को भारत वापसी की अनुमति देता है।
ऐसे में NORI वीजा धारक जो पाकिस्तान में हैं, उन्हें भारत लौटने की अनुमति नहीं मिल रही। 2020 में, एक मीडिया की एक रिपोर्ट सामने आई थी जिसमें दावा किया गया था कि कई हिंदू शरणार्थी NORI वीजा की अवधि समाप्त होने के कारण पाकिस्तान में फंस गए थे। अब ऐसी समस्या फिर से उभर रही है। बता दें कि विदेश मंत्रालय ने लॉन्ग-टर्म वीजा (LTV) धारकों के लिए कुछ दिशानिर्देश जारी किए लेकिन NORI धारकों के लिए कोई स्पष्ट नीति नहीं है।
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पाकिस्तान में फंसने का जोखिम
NORI वीजा पर पाकिस्तान गए हिंदू शरणार्थी अब वहां फंसने के डर में हैं। पाकिस्तान में हिंदुओं के खिलाफ धार्मिक उत्पीड़न जैसे- जबरन धर्मांतरण, अपहरण की खबरें आम हैं और इस कारण से शरणार्थी वहां सुरक्षित नहीं महसूस करते। अगर NORI की अवधि समाप्त हो जाती है या भारत वापसी की अनुमति नहीं मिलती तो उन्हें पाकिस्तान में अनिश्चत काल तक रहना पड़ सकता है जहां उनकी जान को खतरा है।
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार को पाकिस्तानी अधिकारियों ने वाघा सीमा पर करीब 10 से 20 NORI वीजा धारकों को रोक लिया, ताकि उन्हें भारत में प्रवेश की अनुमति मिल सके। अटारी इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट (ICP) पर भारतीय अधिकारियों के अनुसार, इन वीजा धारकों को वापस लौटने की अनुमति दी गई है। हालांकि, सरकारी सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तानी पक्ष अपनी सरकार से इस बारे में औपचारिक स्पष्टीकरण का इंतजार कर रहा है कि क्या NORI वीजा धारकों को भारत जाने की अनुमति दी जानी चाहिए या नहीं।
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प्रशासनिक देरी और अस्पष्टता
NORI वीजा प्राप्त करना बहुत मुश्किल है क्योंकि इस वीजा को हासिल करने के लिए पुलिस वेरिफिकेशन, गृह मंत्रालय की मंजूरी और कई दस्तावेजों की जरूरत होती है। 2021 में, 800 से अधिक हिंदू शरणार्थी नागरिकता न मिलने और NORI से जुड़ी समस्याओं के कारण पाकिस्तान लौट गए थे। हालांकि, अटारी सीमा पर तैनात एक अधिकारी ने कहा, 'हमें दिल्ली से स्पष्ट निर्देश मिले हैं कि NORI वीजा धारकों को भारत में वापस आने की अनुमति दी जानी चाहिए लेकिन जब तक पाकिस्तान वाघा से उनके जाने की अनुमति नहीं देता, हम उनके प्रवेश की प्रक्रिया नहीं कर सकते।'