पाकिस्तानी आर्मी के चीफ जनरल आसिम मुनीर को प्रोमोशन मिला है। उन्हें पाकिस्तान की सरकार ने फील्ड मार्शल के पद पर पदोन्नत किया है। यह फैसला प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में हुई संघीय कैबिनेट की बैठक में लिया गया।

 

सरकार ने देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने और 'ऑपरेशन बनयान-उम-मर्सूस' के दौरान बेहतरीन रणनीति और साहसी नेतृत्व के जरिए से भारत को हराने के लिए आर्मी चीफ जनरल मुनीर को फील्ड मार्शल के पद पर पदोन्नत करने को मंजूरी दी। इसको लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय ने बयान जारी किया है। बयान के मुताबिक, 'कैबिनेट बैठक के दौरान प्रधानमंत्री शहबाज ने पूरे पाकिस्तानी राष्ट्र को ऑपरेशन बनयान-उम-मर्सूस की सफलता पर बधाई दी।'

 

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असाधारण रणनीति के लिए बधाई

बयान में आगे कहा, 'आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर ने अनुकरणीय साहस और दृढ़ संकल्प के साथ पाकिस्तानी सेना का नेतृत्व किया और सशस्त्र बलों की युद्ध रणनीति और प्रयासों का व्यापक तरीके से समन्वय किया।' कैबिनेट बैठक में सेना प्रमुख को उनकी असाधारण रणनीति के लिए बधाई दी गई, जिसकी वजह से पाकिस्तान को कथिक मरक-ए-हक में सफलता मिली।

 

 

प्रधानमंत्री के प्रस्ताव को मिली मंजूरी


पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय ने बयान में कहा, 'जनरल मुनीर के शानदार सैन्य नेतृत्व, साहस और बहादुरी, पाकिस्तान की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को सुनिश्चित करने और दुश्मन के खिलाफ साहसी बचाव के सम्मान में, कैबिनेट ने जनरल सैयद आसिम मुनीर को फील्ड मार्शल के पद पर पदोन्नत करने के प्रधानमंत्री के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।'

 

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इससे पहले, पीएम शहबाज ने राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी से मुलाकात की और इस फैसले के बारे में उन्हें जानकारी देते हुए उनकी मंजूरी ली थी। वहीं, कैबिनेट ने सर्वसम्मति से एयर चीफ मार्शल जहीर अहमद बाबर सिद्धू की सेवा उनके कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी जारी रखने का फैसला लिया है।

 

सैनिकों को भी किया जाएगा सम्मानित

इसके अलावा पाकिस्तान की सरकार ने एक दूसरे फैसले में कहा है कि पाकिस्तान सशस्त्र बलों के अधिकारियों और सैनिकों, गाजियों, शहीदों और विभिन्न क्षेत्रों के नागरिकों को ऑपरेशन बनयान-उम-मर्सूस के दौरान उनकी बहुमूल्य सेवाओं के सम्मान में उच्च सरकारी पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।

फील्ड मार्शल का पद पाकिस्तानी सेना में सर्वोच्च पद है, जो जनरल के पद से भी ऊपर होता है। वहीं, एक बयान में, जनरल आसिम मुनीर ने फील्ड मार्शल का सम्मान मिलने के बाद अल्लाह का शुक्रिया अदा किया।

 

फील्ड मार्शल बनने वाले दूसरे पाकिस्तानी

 

फील्ड मार्शल किसी भी देश की सेना में सर्वोच्च मानद रैंक होती है। यह पद आर्मी के जनरल के पद से भी ऊपर होता है। फील्ड मार्शल रैंक वाला अधिकारी आमतौर पर ऑपरेशनल कमांड नहीं रखती है लेकिन असाधारण सैन्य नेतृत्व, रणनीतिक कुशलता और देश की रक्षा में महत्वपूर्ण योगदान के लिए दिया जाता है।

 

फील्ड मार्शल का पद किसी अन्य संवैधानिक नेता या अधिकारी को नहीं दिया जा सकता है। जनरल मुनीर पाकिस्तान के इतिहास में फील्ड मार्शल का पद पाने वाले केवल दूसरे जनरल हैं। इससे पहले पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद अयूब खान फील्ड मार्शल का पद पा चुके हैं। उन्हें 1959 में यह उपाधि दी गई थी।