प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के साथ राजधानी कोलोंबो में एक संयुक्त प्रेस कहा कि भारत श्रीलंका के साथ हर मोर्चे पर खड़ा है। भारत और श्रीलंका के सामरिक हित एक हैं, इसलिए हमें मिलकर काम करना होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत श्रीलंका को कृषि से लेकर सांस्कृतिक जीर्णोद्धार तक के लिए मदद देगा, श्रीलंका को ऊर्जा सेक्टर से लेकर सुरक्षा तक संभालेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने द्विपक्षीय वार्ता में मछुआरों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि ऐसे फैसले मानवीय आधार पर किए जाने चाहिए और नौकाओं को भी लौटना चाहिए। भारत इसके लिए तैयार है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'हमने मछुआरों की आजीविका से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा की। हम सहमत हैं कि हमें इस मामले में एक मानवीय अप्रोच के साथ आगे बढ़ना चाहिए। हमने मछुआरों को तुरंत रिहा किये जाने और उनकी बोट्स को वापस भेजने पर भी बल दिया।'
यह भी पढ़ें: UPI, एनर्जी, ट्रेड और करेंसी पर जोर, BIMSTEC को भारत ने दिखाई राह
'श्रीलंका भेजे जाएंगे भगवान बुद्ध के अवशेष'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'भारत और श्रीलंका का संबंध आपसी विश्वास और सद्भावना पर आधारित है। भारत और श्रीलंका के बीच सदियों पुराने आध्यात्मिक और आत्मीयता भरे संबंध हैं। मुझे यह बताते हुए अत्यन्त खुशी है कि 1960 में गुजरात के अरावली में मिले भगवान बुद्ध के अवशेष को श्रीलंका में दर्शन के लिए भेजा जा रहा है।'
'त्रिंकोमाली के थिरुकोनेश्वरम मंदिर का जीर्णोद्धार कराएगा भारत'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'त्रिंकोमाली के थिरुकोनेश्वरम मंदिर के जीर्णोद्धार में भारत सहयोग देगा। हमारी पड़ोसी प्रथम नीति और विजन दोनों श्रीलंका का रोल अहम है। भारत ने 'सबका साथ सबका विकास' के विजन को अपनाया है।
'100 मिलियन डॉलर लोन अब श्रीलंका के लिए ग्रांट में बदला'
पीएम मोदी ने कहा, 'हम अपने पार्टनर देशों की प्राथमिकताओं को भी महत्व देते हैं। पिछले 6 महीनों में ही हमने 100 मिलियन डॉलर से अधिक राशि के लोन को ग्रांट में बदला है। भारत के लिए यह गर्व का विषय है कि हमने एक सच्चे पड़ोसी मित्र के रूप में अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया है।'
श्रीलंका के राष्ट्रपति दिसानायके ने क्या कहा?
श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने कोलंबो में भारत और श्रीलंका के बीच गहरे ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक संबंधों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि दोनों देश दक्षिण एशिया में मजबूती से खड़े होने की क्षमता में विश्वास रखते हैं और इसके लिए उनके पास साझा मकसद हैं। यह रिश्ता आपसी सम्मान, साझा मूल्यों और हितों पर आधारित है। उन्होंने भारत को श्रीलंका की आर्थिक सुधार, विकास और स्थिरता में सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।
यह भी पढ़ें: 7 देश, 5 ट्रिलियन डॉलर की GDP, समझिए BIMSTEC की पूरी कहानी
श्रीलंका पर भारत के एहसान क्या हैं?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'चाहे 2019 का आतंकी हमला हो, कोविड महामारी हो, या हाल में आया आर्थिक संकट, हर कठिन परिस्थिति में, हम श्रीलंका के लोगों के साथ खड़े रहे हैं। आज राष्ट्रपति दिसानायके द्वारा श्रीलंका मित्र विभूषण से सम्मानित किया जाना मेरे लिए गौरव की बात है। ये सम्मान केवल मेरा सम्मान नहीं, बल्कि यह 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान है। यह भारत और श्रीलंका के बीच ऐतिहासिक संबंधों और गहरी मित्रता का सम्मान है।'
पीएम का श्रीलंका दौरा खास क्यों?
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के बीच वार्ता के बाद भारत और श्रीलंका ने शनिवार को रक्षा सहयोग संबंधी महत्वाकांक्षी समझौते पर पहली बार हस्ताक्षर किए हैं। दोनों पक्षों ने त्रिंकोमाली को ऊर्जा केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए भी एक समझौते पर हस्ताक्षर हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति दिसानायके ने सामपुर सौर ऊर्जा परियोजना का भी डिजिटल माध्यम से उद्घाटन किया।
श्रीलंका में पीएम का भव्य स्वागत
पीएम मोदी का श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में भव्य स्वागत हुआ। उन्हें ऐतिहासिक इंडीपेंडेंस स्क्वायर पर सलामी दी गई। ऐसा पहली बार था, जब श्रीलंका में किसी विदेशी नेता का इस तरह से स्वागत किया गया हो। अनुरा कुमारा दिसानायके ने उन्हें श्रीलंका आने पर शुक्रिया कहा।
यह भी पढ़ें: मजबूरी भी, जरूरत भी; भारत और श्रीलंका को एक-दूसरे का साथ जरूरी क्यों?
बुरे दौर से गुजर रहा था श्रीलंका, भारत ने संभाला
प्रधानमंत्री ने ऐसे समय में यह यात्रा की है जब श्रीलंका आर्थिक संकट से उबरने के संकेत दे रहा है। श्रीलंका तीन साल पहले बड़े आर्थिक संकट में घिरा था। भारत ने संकट मोचक बनकर 4.5 अरब अमेरिकी डॉलर की आर्थिक सहायता दी थी। श्रीलंका की अर्थव्यवस्था के पटरी से उतरने का एक कारण आर्थिक विशेषज्ञों ने चीन पर निर्भरता को भी बताया था। श्रीलंका एक बार फिर भारत के करीब आ रहा है। रणनीतिक तौर पर भारत के लिए श्रीलंका बेहद अहम है।