पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है। भारत ने कहा है कि इस घटना के पीछे जिसका भी हाथ है उन सबको इसकी सजा मिलेगी। उधर पाकिस्तान भी पहलगाम हमले के बाद दो बार मिसाइलों की टेस्टिंग कर चुका है। इसके अलावा वह बार-बार कह रहा है कि भारत कभी भी उसके ऊपर हमला कर सकता है। भारत ने इस मामले में अपनी रुख बिल्कुल स्पष्ट कर दिया है कि वह इस घटना की तह तक पहुंचेगा और दोषियों को सजा जरूर मिलेगी। रविवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी थोड़ा आक्रामक रूख दिखाते हुए कहा था कि भारत को पार्टनर्स चाहिए न कि उपदेश देने वाले। यह उन्होंने यूरोपीय देशों के लिए कही थी। जाहिर है रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को लेकर पूरी दुनिया के अलग अलग देश अलग अलग विचार रखते हैं।
इस बीच रूस ने भारत के पक्ष में बयान दिया है। रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने भारत के प्रधानमंत्री के साथ फोन पर बात की और पहलगाम हमले की निंदा की। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में रूस के द्वारा पूरा समर्थन दिए जाने की भी बात की और जो लोग पहलगाम हमले में मारे गए हैं उनके लिए दुख प्रकट किया। बातचीत के दौरान रूस के राष्ट्रपति ने जोर देकर कहा जो लोग इस हमले के पीछे हैं और उनके समर्थकों को सजा जरूर मिलना चाहिए।
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पाकिस्तान ने की मिसाइल टेस्टिंग
भारत के साथ बढ़ते तनाव के बीच पहलगाम के बाद से ही पाकिस्तान ने दो बार मिसाइल की टेस्टिंग की है। यह कहीं न कहीं पाकिस्तान द्वारा यह दिखाने की कोशिश है कि वह भी हर तरह की परिस्थिति के लिए तैयार है। पाकिस्तान ने रविवार को अब्दाली नाम के मिसाइल का परीक्षण किया था जबकि सोमवार को उसने फतह नाम की मिसाइल का परीक्षण किया। इस मिसाइल की रेंज 120 किलोमीटर है।
इसके अलावा पाकिस्तान लगातार भारत को इस बात की धमकी भी देता रहा है कि वह एटॉमिक मुल्क है। यानी कि वह यह संदेश देने की कोशिश करता रहा है कि अगर युद्ध होता है तो वह एटॉमिक हथियारों का प्रयोग कर सकता है। इसके पहले पाकिस्तान के रक्षा मंत्री आसिफ ख्वाजा ने यह भी कहा था कि अगर सिंधु नदी के पानी को रोकने की कोशिश हुई तो पाकिस्तान हर उस स्ट्रक्चर को ढहा देगा जो इसे रोकने के लिए बनाया जाएगा।
पीएम मोदी ने की मीटिंग
भारत ने भी लगातार यह बात कही है कि दोषियों को सजा जरूर दी जाएगी। रविवार को पीएम मोदी ने एय़रचीफ मार्शल के साथ मीटिंग की थी। उसके पहले पीएम मोदी ने नेवी चीफ से भी मीटिंग की थी। वहीं सीसीएस की मीटिंग में पीएम मोदी ने कहा था कि था कि सेना को पूरी छूट है कि उसे कैसे, कहां और कब कार्रवाई करनी है।
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26 लोगों की गई थी जान
पुतिन ने भारत को यह समर्थन जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के करीब दो हफ्ते बाद दिया है। 22 अप्रैल को पहलगाम के बायसरन मैदान में आतंकियों ने 26 लोगों की हत्या कर दी थी, जिनमें से ज्यादातर पर्यटक थे। यह हमला घाटी का एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। यह समर्थन ऐसे समय में आया है जब हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव काफी बढ़ा हुआ है।