बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने दिल्ली में बैठ कर मोहम्मद यूनुस की जमकर आलोचना की है। मोहम्मद यूनुस बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार हैं। शेख हसीना ने मोहम्मद यूनुस पर तंज कसते हुए कहा कि मोहम्मद यूनुस ने लोगों के सामने अपनी 'क्यूट इमेज' खो दी है, क्योंकि लोगों को एहसास हो गया है कि वह कितना बड़ा धोखेबाज, आतंकवादी और भ्रष्ट हैं। शेख हसीना ने अपनी पार्टी आवामी लीग के कार्यकर्ताओं को वर्चुअली संबोधित किया है, जिसमें उन्होंने पार्टी पर लग रहे प्रतिबंधों को लेकर आवाज उठाई है।अवामी लीग पर मोहम्मद यूनुस सरकार प्रतिबंध लगाने की धमकी दे रही है। इन धमकियों पर उन्होंने कहा है कि उनकी पार्टी 'परजीवी' नहीं है और न ही बाढ़ के पानी के साथ उभरी है।
बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार का कथित तौर पर वहां के छात्रों द्वारा तख्तापलट कर दिया गया था। उसके बाद शेख हसीना ने बांग्लादेश छोड़ भारत में शरण ली है। उन्होंने भारत से ही अपनी पार्टी आवामी लीग के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया है। वह भारत से ही कई बार वर्चुअली अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित कर चुकी हैं। उनका मानना है कि बांग्लादेश में हालात स्थिर होंगे और वह सत्ता में वापसी करेंगी।
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शेख हसीना ने याद दिलाया बांग्लादेश का इतिहास
शेख हसीना ने वर्चुअल संबोधन के दौरान बांग्लादेश के इतिहास पर चर्चा करते हुए, अपनी पार्टी आवामी लीग के अस्तित्व को याद दिलाया है। उन्होंने कहा, 'आवामी लीग की स्थापना 1948 के तत्कालीन पाकिस्तान में पूर्वी पाकिस्तान के लोगों के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए शेख मुजीबुर्रहमान की अगुअई में स्वतंत्रता संग्राम चलाने के लिए की गई थी। जिस देश में अब वे लोग रहते हैं उसका नाम बंगबंधु शेख मुजीब ने दिया है। उन्होंने अवामी लीग के संगठनात्मक ढांचे का उपयोग करके बंगाल के लोगों को एकजुट किया था और देश को स्वतंत्र बनाया था, किसी को भी इस तथ्य को नहीं भूलना चाहिए।'
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शेख हसीना ने लगाए मोहम्मद यूनुस पर आरोप
बांग्लादेश के छात्रों द्वारा बनाई गई नेशनल सिटिजन पार्टी(एनसीपी) और कुछ कट्टरपंथी पार्टियों ने शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग को खत्म करने और 1972 के संविधान को दफन करने की कसम खाई है। इन संगठनों ने इस संविधान को मुजीब का चार्टर कहा है। हालांकि, आवामी लीग पर प्रतिबंध की मांग पर उसकी कट्टर प्रतिद्वंदी बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी(बीएनपी) और अन्य अधिकांश राजनीतिक समूहों की तरफ से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली है।
शेख हसीना ने मोहम्मद यूनुस पर हमला करते हुए कहा,'उनके पास देश चलाने के लिए कोई संवैधानिक आधार या जनादेश नहीं है,जबकि उन्होंने विदेशों से प्राप्त धन से एक सुनियोजित योजना के तहत सत्ता संभाली और आम छात्रों और लोगों को गुमराह किया।' वहां के बागी छात्रों पर तंज कसते हुए कहा,' उस समय उन्हें वास्तव में इस योजना का एहसास नहीं था। अब उन्हें समझ आ गया होगा, मुझे उनसे कोई शिकायत नहीं है।'
हसीना ने कहा,'जिन लोगों ने यूनुस के पैसे से इस योजना को लागू किया है,उनका मुकदमा एक दिन बांग्लादेश की धरती पर जरूर चलेगा और यूनुस अपने कुकृत्य से कैसे छुटकारा पाएंगे। उनका असली चेहरा अब दुनिया के लोगों के सामने बेनकाब हो चुका है। मोहम्मद यूनुस ने लोगों के सामने अपनी प्यारी छवि खो दी है।'
शेख हसीना ने उनकी नीति पर चर्चा करते हुए कहा, 'वास्तव में वह किसी जन आंदोलन के जरिए सत्ता में नहीं आए हैं, बल्कि एक चालाकी भरी योजना के जरिए आए हैं। उसके आदेशों का क्या मूल्य या वैधता है? क्या यूनुस या उनकी सलाहकार परिषद की कोई वैधता है?'
हसीना ने कहा, 'उन्हें यह नहीं सोचना चाहिए कि मैं सब कुछ छोड़कर चली गई हूं। संविधान के अनुसार लोगों के चुने हुए प्रतिनिधि और संसद सदस्यों के चुने हुए उम्मीदवार के रूप में मैं बांग्लादेश की प्रधानमंत्री हूं। उनके सत्ता की कोई वैधता नहीं है।'