अमेरिका में एक महिला को सुअर की किडनी लगाई गई थी जिसकी सफल सर्जरी भी हुई। हालांकि, 130 दिन के बाद ही किडनी को निकलवाना पड़ा। बताया जा रहा है कि महिला के शरीर में वह किडनी पूरी तरह से काम नहीं कर पा रही है। ऐसे में सर्जरी के कुछ ही दिनों बाद महिला कि किडनी निकाली गई और अब वह डायलिसिस पर है। 53 वर्षीय महिला का नाम तोवाना लूनी है जिसने 130 दिन तक सुअर की किडनी के भरोसे जिदंगी बिताई। यह पहली मरीज नहीं है जिसे सुअर की किडनी लगाई गई हो इससे पहले भी कई मामलों में मरीज को जेनेटिकली मोडिफाइड सुअर की किडनी लगाई गई है। अस्पताल के अधिकारियों ने कहा कि यह जेनोट्रांसप्लांटेशन लगभग सफल रहा है। भविष्य में ऐसा दावा किया जा रहा है कि जेनोटिकली मोडिफाइड किडनी लगाने से इंसान को लंबा जीवन भी दिया जा सकता है। अस्पताल के सर्जन ने कहा कि यह सबसे ज्यादा दिन तक सुअर की किडनी के सहारे जिंदा रह गई है। 

 

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भविष्य में वरदान साबित होगी सुअर की किडनी?

किडनी फेल्योर का सामना कर रहे मरीजों के लिए भविष्य में यह एक वरदान जैसा साबित होगा। सुअर की किडनी के लिए मरीजों को लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। साथ ही परिवार के अन्य सदस्य को किडनी डोनेट भी नहीं करनी पड़ेगी। हाल ही में 66 साल के शख्स को सुअर की किडनी लगाई गई थी और सर्जरी के महज एक हफ्ते के बाद उसे डिस्चार्ज कर दिया था। अमेरिका में अब तक 5 लोगों को सुअर की किडनी लगाई गई है। हालांकि, इसमें से 2 मरीज की मौत हो गई थी। बता दें कि अमेरिका में अंग ट्रांसप्लांटेशन के लिए लंबी वेटिंग लिस्ट है। इसमें से अधिकत्तर किडनी फेल्योर के मरीज हैं। 

 

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अप्रैल 2024 में हुई थी सर्जरी

तोवाना लूनी को अप्रैल 2024 में सुअर की किडनी लगाई गई थी। यह किडनी मानव शरीर में जेनेटिकली मॉडिफाइड थी। सर्जरी के बाद, किडनी ने काम करना शुरू कर दिया था। हालांकि, 130 दिनों के बाद, उनके शरीर ने इस किडनी को अस्वीकार कर दिया, जिससे उन्हें फिर से डायलिसिस करानी पड़ी।