अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मंगलवार को कहा कि उनका प्रशासन उन कॉलेजों, स्कूलों और विश्वविद्यालयों को दी जाने वाली सभी फेडरल फंडिंग में कटौती करेगा जो 'अवैध विरोध प्रदर्शन' की अनुमति देते हैं।

 

उन्होंने चेतावनी दी कि आंदोलनकारियों को कारावास या निर्वासन का सामना करना पड़ेगा, जबकि अमेरिकी छात्रों को उनके कार्यों की गंभीरता के आधार पर निष्कासित या गिरफ्तार किया जा सकता है।

 

ट्रम्प ने अपने ट्रुथ सोशल अकाउंट पर लिखा, 'किसी भी कॉलेज, स्कूल या विश्वविद्यालय को मिलने वाले सारे फेडरल फंड बंद कर दिए जाएंगे, जो अवैध विरोध प्रदर्शन की अनुमति देता है। आंदोलनकारियों को कैद किया जाएगा/या स्थायी रूप से उस देश में वापस भेज दिया जाएगा, जहां से वे आए थे। अमेरिकी छात्रों को स्थायी रूप से निष्कासित कर दिया जाएगा या, अपराध के आधार पर, गिरफ्तार कर लिया जाएगा।'

 

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व्यापक बदलाव की तैयारी

रिपब्लिकन ने पहले लिंग और नस्ल की शिक्षाओं, लड़कियों के खेलों में ट्रांसजेंडर एथलीटों को अनुमति देने या कोविड-19 वैक्सीन अनिवार्यता लागू करने के लिए अमेरिकी कॉलेजों, स्कूलों और विश्वविद्यालयों को फेडरल फंडिंग में कटौती करने की चेतावनी दी थी। ट्रम्प ने अमेरिकी शिक्षा प्रणाली में व्यापक बदलाव करने का वादा किया है, जिसमें शिक्षा विभाग को खत्म करना और राज्यों को पाठ्यक्रम पर पूरी तरह से नियंत्रण देना शामिल है।

 

कॉन्ट्रैक्ट रद्द करने की तैयारी

पिछले साल गाजा में इजरायल के युद्ध के खिलाफ छात्रों के विरोध प्रदर्शन के बाद अमेरिकी सरकार ने सोमवार को कहा कि वह यहूदी छात्रों की सुरक्षा में कथित रूप से विफल रहने के लिए न्यूयॉर्क के कोलंबिया विश्वविद्यालय के साथ 50 मिलियन डॉलर से अधिक के कॉन्ट्रैक्ट को रद्द करने पर विचार कर रही है। इस प्रदर्शन ने यहूदी-विरोधी होने के आरोपों को जन्म दिया था।

 

पिछले साल, प्रतिष्ठित आइवी लीग संस्थान विवाद का केंद्र बिंदु बन गया था।

 

कांग्रेस ने की जांच

विरोध प्रदर्शनों के कारण कांग्रेस द्वारा इसकी जांच की गई, जिसमें सवाल उठाया गया कि जिस तरह से यहूदी विरोधी भावना पनप रही है उसमें क्या उनकी सुरक्षा के पर्याप्त उपाय किए गए हैं या नहीं।

 

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शिक्षा सचिव लिंडा मैकमोहन के अनुसार, ट्रम्प ने पिछले महीने एक टास्क फोर्स का गठन किया था, जिसका उद्देश्य स्कूलों में बढ़ती यहूदी विरोधी भावना को संबोधित करना था। टास्क फोर्स वर्तमान में कोलंबिया को दिए गए फेडरल ग्रांट की समीक्षा कर रही है।

 

उन्होंने कहा कि फेडरल फंड प्राप्त करने वाले संस्थानों का दायित्व सभी छात्रों की सुरक्षा करना है। उन्होंने तर्क दिया कि कोलंबिया की 'इस बुनियादी समझौते को पूरा कर पाने में स्पष्ट विफलता' अमेरिकी सरकार द्वारा उसको किए जाने वाले सहयोग को जारी रखने की इसकी क्षमता पर गंभीर संदेह पैदा करती है।