साल 1963 में 22 नवंबर के दिन अमेरिका के राष्ट्रपति रहे जॉन एफ केनेडी की हत्या कर दी गई थी। वह अमेरिका के 35वें राष्ट्रपति थे और पद पर रहते हुए उनकी हत्या कर दी गई थी। उनका हत्याकांड काफी संदिग्ध माना गया। अब अमेरिका के मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने केनेडी हत्याकांड से जु़ड़ी उन फाइलों को जारी करवाया था जो लगभग 6 दशक से गुप्त रखी गई थीं। उन हजारों फाइलों को अब सार्वजनिक कर दिया गया है जिनके बारे में कहा जा रहा है कि उनसे केनेडी की हत्या से जुड़ी कई जानकारी शामिल आ जाएंगी। रोचक बात यह है कि पिछले कुछ सालों से उनकी हत्या को लेकर तरह-तरह की बातें की जा रही हैं लेकिन आधिकारिक तौर पर यही कहा जाता रहा है कि ली हार्वी ओसवाल्ड ने अकेले ही केनेडी की हत्या की। अब जारी किए गए 80 हजार पन्नों से ज्यादा के दस्तावेजों में उन सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश की जा रही है जो लगातार उठते रहे हैं।

 

राष्ट्रपति के पद पर रहते हुए ही केनेडी की हत्या कर दी गई थी। ऐसे में आनन-फानन में उनकी जगह लिंडन बी. जॉनसन को राष्ट्रपति बनाया गया था। जॉनसन के आदेश पर इस हत्याकांड की जांच के लिए वारेन कमीशन का गठन किया गया था। इसी कमीशन ने यह निष्कर्ष दिया था कि ओसवाल्ड ने अकेले ही हत्या की थी और इसमें कोई साजिश नहीं थी। हालांकि, नए दस्तावेजों में कहा गया है कि संभवत: एक गोली ग्रासी नॉल की ओर से भी चलाई गई थी। ग्रासी नॉल डल्लास की एक ऊंचाई वाली जगह है, इसी इलाके में केनेडी की हत्या की गई थी। इस नए खुलासे से वह बात गलत साबित हो जाएगी कि हार्वी ओसवाल्ड ने अकेले ही पूरी घटना को अंजाम दिया था।

 

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साल 1979 में हाउस सेलेक्ट कमेटी ऑन असैसिनेशन (HSCA) का निष्कर्ष यह था कि इस बात की पूरी संभावना थी कि ओसवाल्ड के अलावा वहां एक दूसरा हत्यारा भी था। द गार्डियन की रिपोर्ट के मुताबिक, केनेडी की हत्या के समय एक शख्स वहां मौजूद था जिसने कुछ ऐसा देखा भी था लेकिन उसे सरकारी एजेंट्स ने चुप करा दिया था।

KGB कनेक्शन

 

उस समय रूसी खूफिया एजेंसी केजीबी का नाम भी इस केस में उछला था। जिन नई फाइलों को अब जारी किया गया है उनमें CIA के सेंट पीटर्सबर्ग स्टेशन से जुड़ा एक मेमो है जिसके मुताबिक, KGB के अधिकारियों ने ओसवाल्ड से जुड़ी फाइलों के 5 बंडल खंगाले थे और उन्हें भरोसा था कि ओसवाल्ड कभी भी KGB का एजेंट नहीं था। एक और रोचक बात इस मेमो में कही गई है कि जब ओसवाल्ड सोवियत यूनियन में था और वह फायरिंग की प्रैक्टिस करता था तो उसका निशाना अच्छा नहीं था। 

CIA की भूमिका

 

नए दस्तावेजों में यह भी कहा गया है कि एक CIA अधिकारी ने ओसवाल्ड की गतिविधियों को लेकर चिंता जाहिर की थी। उसने केनेडी की हत्या से कुछ समय पहले ओसवाल्ड के सोवियत और क्यूबा के दूतावास जाने की खबर भी दी थी। 

 

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एक और खुलासा यह हुआ है कि एक CIA मेमो के मुताबिक, ऑफिसर जॉर्ज जोआंडिएस ने 25 हजार डॉलर की रकम फिदेल कास्त्रो के विरोधी गुटों तक पहुंचाई थी और इन गुटों से ओसवाल्ड का भी कनेक्शन था। ऐसे में सीआईए और ओसवाल्ड के संबंधों पर भी सवाल उठते हैं। एक और बात सामने आई है कि ओसवाल्ड क्यूबा के इंटेलिजेंस से जुड़े लोगों के संपर्क में था, यह बात CIA को पता था लेकिन कोई ऐक्शन नहीं लिया गया। इसके अलावा, FBI को एक फोन भी आया था जिसमें अनुमान लगाया गया था कि जैक रूबी ओसवाल्ड की हत्या करने वाला है।

 

नए खुलासों से कुछ और कॉन्सपिरेसी थ्योरीज को बल मिला है जो उन दावों पर सवाल उठाती हैं जिनमें कहा गया था कि हार्वी ओसवाल्ड ने अकेले ही केनेडी की हत्या कर दी थी। बता दें कि केनेडी की हत्या से जुड़े दस्तावेज पहले भी जारी किए गए हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान साल 2017 में भी कुछ दस्तावेज जारी किए थे। 1975 के CIA मेमो के आधार पर यह सामने आया था कि हार्वी ओसवाल्ड किसी भी तरह से CAI से जुड़ा हुआ नहीं था जबकि कई लेखकर इस तरह के दावे करते रहते थे। 

कैसे हुई थी केनेडी की हत्या?

 

यहां यह बताना जरूरी है कि जॉन एफ केनेडी का काफिला उस समय अमेरिका के डल्लास शहर से गुजर रहा था। ली हार्वी ओसवाल्ड नाम के शख्स ने एक स्कूल की खिड़की से गोली चलाई थी जो सीधे केनेडी को जा लगी थी और उनकी मौत हो गई थी। ओसवाल्ड ने दो गोलियां मारी थीं जिसके चलते अस्पताल पहुंचते-पहुंचते केनेडी की जान चली गई। जब केनेडी को गोली मारी गई तब उनकी पत्नी जैकलीन केनेडी भी उनके साथ ही थीं। मौजूदा समय में यह जानना जरूरी है कि जॉन केनेडी डेमोक्रैटिक पार्टी के नेता थे जबकि मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप रिपब्लिकन पार्टी के नेता हैं।

 

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हत्या के मामले की जांच करने वाले वॉरेन आयोग का निष्कर्ष था कि ली हार्वे ओसवाल्ड ने अकेले ही साजिश रची और उसने अकेले ही केनेडी की हत्या कर दी। हालांकि, इस हत्याकांड को लेकर शुरू से ही तरह-तरह के सवाल उठते रहे। रोचक बात यह रही कि ओसवाल्ड पर हत्या का मुकदमा चलता, उससे पहले ही उसकी हत्या कर दी गई। ओसवाल्ड को एक जेल से दूसरी जेल ले जाया जा रहा था, इसी दौरान जैक रूबी नाम के एक शख्स ने ओसवाल्ड को गोली मार दी। जब ओसवाल्ड की हत्या की गई तब सारा घटनाक्रम टीवी पर लाइव दिखा जा रहा था। इसको लेकर भी सवाल उठे कि शायद ओसवाल्ड को इसीलिए मार डाला गया कि वह केनेडी हत्याकांड के पीछे का सच उजागर न कर दे।


कौन था ली हार्वी ओसवाल्ड?
 
केनेडी की हत्या करने वाले शख्स की पहचान ली हार्वे ओसवाल्ड के रूप में हुई। वह पहले नेवी में नौकरी करता था और मार्क्सवाद से प्रभावित था। साल 1959 में हार्वी ओसवाल्ड सोवियत संघ में शामिल हो गया था। उसकी पत्नी मरीना का जन्म भी सोवियत संघ में ही हुआ था लेकिन ये दोनों 1962 में अमेरिका लौट आए थे। एक और रोचक बात है कि अमेरिका की खूफिया एजेंसी सीआईए केनेडी की हत्या से पहले भी ओसवाल्ड पर नजर रख रही थी। मेक्सिको में रहते हुए ओसवाल्ड ने सोवियत और क्यूबा के दूतावासों का दौर भी किया था।