तुर्कमेनिस्तान में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को बड़ी बेइज्जती का सामना करना पड़ा। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ उनकी मुलाकात होने वाली थी। शहबाज शरीफ करीब 40 मिनट तक इंतजार ही करते रहे, लेकिन बैठक में पुतिन नहीं पहुंचे। थोड़ी ही देर में शहबाज शरीफ के सब्र का बांध टूट गया। वह जबरन उस कमरे में जा घुसे, जहां तुर्किये के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन और पुतिन के बीच मीटिंग चल रही थी। 

 

करीब 10 मिनट बाद शहबाज शरीफ उस कमरे से भी बाहर चले गए। रूसी मीडिया RT इंडिया ने यह वीडियो अपने एक्स अकाउंट पर साझा किया तो इस घटना की चर्चा पूरी दुनिया में होने लगी। हालांकि बाद में आरटी इंडिया ने अपना यह ट्वीट डिलीट कर दिया। अपने स्पष्टीकरण में उसने कहा कि हो सकता है कि इस पोस्ट से घटनाओं का गलत तरीके से चित्रण हुआ हो।

 

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मीटिंग में देर से आना और वैश्विक नेताओं को लंबा इंतजार करवाना पुतिन के लिए कोई नहीं बात नहीं है। वह शहबाज शरीफ से पहले भी कई नेताओं के साथ ऐसा कर चुके हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह पुतिन की एक रणनीति है। इससे वह मीटिंग में शामिल होने से पहले ही सामने वाले नेता को असहज कर देते हैं। इसके अलावा वह यह भी संदेश देते हैं कि सामने वाला नेता उनके लिए कितना अहम है। आज जानते हैं कि पुतिन शहबाज शरीफ के अलावा किन-किन नेताओं को लंबा इंतजार करवा चुके हैं। 

 

पुतिन ने साल 2015 में पोप को भी एक घंटे तक इंतजार करवाया था। इसके बाद उनसे मुलाकात की थी। डोनाल्ड ट्रंप कई बार पुतिन की तारीफ कर चुके हैं। लेकिन पुतिन का लंबा इंतजार करने वाले नेताओं की सूची में उनका भी नाम शामिल है। हेलसिंकी शिखर सम्मलेन में पुतिन ने करीब 45 मिनट की देरी के बाद डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की थी। पुतिन अक्सर ऐसा व्यवहार पश्चिमी देशों के नेताओं के साथ करते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस रणनीति से वह यह संदेश भेजते हैं कि वह सामने वाला नेता उनके लिए कितना महत्वहीन है। 

 

एंजेला मर्केल: साल 2014 में पुतिन और मर्केल की मुलाकात होनी थी। मगर मीटिंग से पहले मर्केल को 4 घंटे 15 मिनट तक पुतिन का इंतजार करना पड़ा। जर्मनी की पूर्व चांसलर एंजेला मर्केल को कुत्तों से खूब डर लगता है, लेकिन 2007 में पुतिन मर्केल के सामने अपना लैब्राडोर कुत्ता लेकर पहुंच गए। हालांकि पुतिन ने बाद में मर्केल से माफी मांगी और कहा था कि मुझे नहीं पता कि आपको कुत्तों से डर लगता है।

 

विक्टर यानुकोविच: एंजेला मर्केल के बाद सबसे अधिक इंतजार यूक्रेन के पूर्व राष्ट्रपति  विक्टर यानुकोविच को करना पड़ा था। 2012 में पुतिन ने पूरे चार घंटे का लंबा इंतजार करवाने के बाद उनसे मुलाकात की थी। 

 

तीन घंटे तक इंतजार: 2009 में यूक्रेन के प्रधानमंत्री यूलिया टिमोशेंको, 2013 में बेलारूस के राष्ट्रपति एल्याक्सांद्र लुकाशेंका और 2016 में जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे को तीन-तीन घंटे इंतजार करना पड़ा। हालांकि शिंजो आबे अब इस दुनिया में नहीं है। दुनिया के आठ नेताओं को एक घंटे से कम समय तक पुतिन का इंतजार करना पड़ा। सबसे कम इंतजार सिर्फ 14 मिनट का 2003 में एलिजाबेथ द्वितीय को करना पड़ा था।

 

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इन नेताओं को करना पड़ा एक घंटे से कम इंतजार
नेता का नाम कितने मिनट इंतजार साल   पद
पोप फ्रांसिस 50 2015 वेटिकन सिटी
डोनाल्ड ट्रंप 45 2018 अमेरिकी राष्ट्रपति
टार्जा हेलोनेन 40 2004 फिनलैंड के राष्ट्रपति
कार्ल XVI गुस्ताफ 40  2011 स्वीडन के राजा
बराक ओबामा 40 2012 अमेरिकी राष्ट्रपति
पार्क ग्युन-हे  30 2013 दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति
जुआन कार्लोस   20 2006 स्पेन के राजा
एलिज़ाबेथ द्वितीय 14  2003 यूके की महारानी


अमेरिकी राष्ट्रपति भी अछूते नहीं 

दुनियाभर के नौ नेताओं को एक घंटे से अधिक इंतजार करना पड़ा। इनमें से दो नेताओं को चार घंटे से अधिक और तीन को तीन घंटे बाद पुतिन से मिलने का मौका मिला था। मंगोलिया के राष्ट्रपति त्साखिया एल्बेगदोर्ज ने 2014 में दो घंटे तक पुतिन का इंतजार किया। 2013 में इजरायल के राष्ट्रपति शिमोन पेरेस से डेढ़ घंटे बाद पुतिन मिले थे। दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका के दो राष्ट्रपति को भी पुतिन लंबा इंतजार करवा चुके हैं। सबसे पहले 2012 में बराक ओबामा को  40 और 2018 में डोनाल्ड ट्रंप को 45 मिनट के इंतजार करने के बाद पुतिन के दर्शन मिले थे। 

 

 

सोर्स: statista