तुर्की की राजधानी अंकारा के नजदीक लीबियाई सेना का एक विमान हादसाग्रस्त हो गया। इसमें लीबिया के सेना प्रमुख समेत कई लोगों की जान गई। घटना के बाद दुनियाभर में तमाम साजिश की आशंका जताई जाने लगी है। लीबियाई जनता का भी मानना है कि दुर्घटना के पीछे कोई साजिश है। यह हादसा नहीं हत्या है। अब जानते हैं कि साजिश की आशंका क्यों जताई जा रही है? तुर्की की राजधानी अंकारा में हुई उस मीटिंग में क्या हुआ, जिसके कुछ देर बाद ही विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
सबसे पहले जान लेते हैं कि दुर्घटनाग्रस्त विमान कौन सा था। यह कहां जा रहा था और इसमें कौन कौन सवार था। अभी तक की जांच में क्या सामने आया और तुर्की ने तीसरे देश में ब्लैक बॉक्स की जांच की बात क्यों कही है?
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किस देश में पंजीकृत विमान: हादसाग्रस्त जहाज डसॉल्ट फाल्कन 50 बिजनेस जेट विमान था। यह तुर्की की राजधानी अंकारा स्थित एसेनबोगा एयरपोर्ट से लीबिया की राजधानी त्रिपोली जा रहा था। अभी तक की जांच में सामने आया कि यह विमान माल्टा से लीज में लिया गया था। वही पर ही यह पंजीकृत है। इसका टेल नंबर 9H-DFJ है।
कब हुआ हादसा: तुर्की के समय के मुताबिक विमान ने मंगलवार की रात 8 बजकर 10 मिनट पर अंकारा के एसेनबोगा एयरपोर्ट से उड़ान भरी। करीब 42 मिनट बाद ही 8:52 बजे उसका संपर्क टूट गया। हादसे से पहले विमान ने इलेक्ट्रिकल खराबी के कारण आपात लैडिंग का अनुरोध किया। मगर कुछ ही समय बाद रडार से गायब हो गया।
एर्दोगन के करीबी ने कही साजिश की बात: तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन के करीबी आर गृह मंत्री अली येरलिकाया ने विमान हादसे के पीछे तोड़फोड़ की आशंका जताई है। उनका कहना है कि कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर मिल गए हैं। माल्टा में विमान के इतिहास जुटाया जा रहा है। जांच एजेंसियां सभी तथ्यों का विश्लेषण कर रही हैं।
तुर्की क्यों आए थे लीबिया के सैन्य अधिकारी: 2019-2020 के एक समझौते के आधार पर लीबिया में तुर्की की सेना तैनात है। एक दिन पहले ही तुर्की की संसद ने लीबिया में अपने सैनिकों की मौजूदगी को 2 साल बढ़ा दिया। बताया जा रहा है कि लीबियाई सेना का प्रतिनिधिमंडल इसी मुद्दे पर चर्चा करने तुर्की आया था।
किस-किस की गई जान: विमान हादसे में जान गंवाने वालों में पांच लीबियाई सैन्य अधिकारी के अलावा तीन तुर्की निवासी चालक दल के सदस्य हैं। विमान में लीबिया की राष्ट्रीय एकता सरकार का प्रतिनिधिमंडल सवार था। हादसे में चीफ ऑफ स्टाफ मोहम्मद अल-हद्दाद, ग्राउंड फोर्सेज के मुखिया अल-फितौरी गरीबिल, सैन्य विनिर्माण प्राधिकरण के अध्यक्ष महमूद अल-कतावी, सैन्य सलाहकार मोहम्मद अल-असावी और सैन्य प्रेस अटैची मोहम्मद अलमहजूब की जान गई है।
लीबिया में कैसी प्रतिक्रिया: विमान हादसे पर लीबिया के प्रधानमंत्री अब्दुल हामिद दिबेबा ने गहरा दुख व्यक्ति किया। उन्होंने तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया और सैन्य नेताओं की मौत को राष्ट्रीय नुकसान करार दिया। लीबिया की सरकार कुछ खुलकर नहीं बोल रही है। मगर वहां की जनता ने हादसे के पीछे साजिश की आशंका जताई है।
दो धड़ों में कैसे बंटी लीबिया की सत्ता?
2011 में तानाशाह मुअम्मर गद्दाफी के सत्ता से अपदस्थ होने के बाद लीबिया की सरकार दो हिस्सों में बंटी है। राजधानी त्रिपोली से राष्ट्रीय एकता सरकार का संचालन होता है। इसका देश के पश्चिम हिस्सों पर नियंत्रण हैं। देश के पूर्व हिस्से पर कमांडर खलीफा हफ्तार के गठबंधन का कब्जा है। तुर्की त्रिपोली की सरकार का सहयोगी है। 2020 के समझौते के तहत अंकारा की सेना लीबिया में तैनात है।
हादसे से पहले मीटिंग में क्या हुआ?
तुर्किये टुडे के मुताबिक लीबिया के विश्लेषक यासीन राशिद का कहना है कि प्रतिनिधिमंडल लीबिया में तुर्की की सैन्य मौजूदगी पर चर्चा करने पहुंचा था। बातचीत का केंद्र पश्चिमी लीबिया के अल-वाटिया में स्थित उसका सैन्य अड्डा है। उनके मुताबिक मीटिंग में मोहम्मद अल-हद्दाद और अल-फितौरी गरीबिल में से किसी एक को फील्ड मार्शल के साथ कमांडर-इन-चीफ बनाने पर चर्चा हुई।
मगर लीबिया में दो साल तक तुर्की सैनिकों की तैनाती के मुद्दे पर एर्दोगन और लीबियाई प्रतिनिधिमंडल के बीच बहस हुई। अल-हद्दाद ने लीबिया में तुर्की के सैन्य दखल का विरोध किया। उनका यह रुख लीबिया में तुर्की के दीर्घकालीन हितों के अनुरूप नहीं रहा। अब लीबिया के लोगों को आशंका है कि सैन्य अधिकारियों की हत्या की गई है।
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हादसे पर क्यों उठ रहे सवाल: अभी तकनीकी खराबी को हादसे की वजह बताया जा रहा है। मगर विमान हादसे के प्रत्यक्षदर्शियों का अलग ही रुख है। उनका कहना है कि विमान के दुर्घटना ग्रस्त होने से पहले एक तेज रोशनी और तेज धमाका हुआ था। इससे यह आशंका जताई जा रही है कि क्या विमान में कोई धमाका हुआ था। हालांकि तुर्की की सरकार ने किसी तीसरे तटस्थ देश में विमान के ब्लैक बॉक्स की जांच करवाने की पेशकश की है।
