बांग्लादेश में हिंदुओं के प्रति हिंसा थमती नहीं दिख रही है। दीपू दास और श्याम मजूमदार की हत्या के बाद एक और हिंदू को पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया गया है। बांग्लादेश पुलिस ने मृतक पर जबरन वसूली में लिप्त होने का आरोप लगाया और यह भी कहा कि वह कुछ दिन पहले ही भारत से आया था। घटना 24 दिसंबर की बताई जा रही है। मृतक हिंदू युवक की पहचान अमृत मंडल उर्फ सम्राट के तौर पर हुई है। पुलिस के मुताबिक घटना राजबारी जिले के पांगशा तहसील के गांव होसेनडांगा की है।
बांग्लादेशी अखबार द डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक सहायक पुलिस अधीक्षक (पांग्शा सर्किल) देब्रता सरकार ने मृतक अमृत मंडल उर्फ सम्राट होसेनडांगा गांव का रहने वाला था। कल रात लगभग 11 बजे भीड़ ने उसको पीट-पीटकर अधमरा कर दिया और उसके साथी मोहम्मद सलीम को पकड़ लिया गया है। जिले एसएसपी ने कहा कि घटना के सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। अमृत मंडल को गंभीर हालत में स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। रात करीब दो बजे उनका निधन हो गया।
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अमृत को अपराधी बता रही बांग्लादेश पुलिस
पुलिस के मुताबिक राजबारी के जिला अस्पताल के मोर्चरी में शव का पोस्टमार्टम किया गया। अमृत मंडल के साथी मोहम्मद सलीम के पास एक पिस्टल और एक बंदूक मिली है। बांग्लादेश की पुलिस अमृत मंडल को आपराधिक बता रही है। उसका तर्क है कि अमृत के खिलाफ पांग्शा पुलिस स्टेशन में हत्या समेत दो मामले दर्ज हैं।
हादी की मौत के बाद हिंदुओं की हत्या
- पहली हत्या: 18 दिसंबर की रात दीपू दास को मौत के घाट उतारा
- दूसरी हत्या: 24 दिसंबर को श्याम मजूमदार पर पेट्रोल बम से हमला।
- तीसरी हत्या: 24 अक्टूबर की रात अमृत को पीट-पीटकर मारा।
भीड़ ने मोहम्मद सलीम को क्यों नहीं पीटा?
पुलिस का कहना है कि अमृत और उसके साथियों ने शाहिदुल नाम के शख्स से रंगदारी मांगी थी। कल रात को दोनों शाहिदुल के घर रकम लेने पहुंचे। इसी दौरान घरवालों ने चोर-चोर चिल्लाकर शोर मचा दिया। स्थानीय लोगों ने भागकर अमृत को पकड़ लिया और भीड़ ने बेरहमी से उसकी पिटाई कर दी। मोहम्मद सलीम को पकड़ लिया गया, जबकि उसके बाकी साथी भाग निकले। अब सवाल यह उठ रहा है कि जिस उन्मादी भीड़ ने अमृत की हत्या की, उसने मोहम्मद सलीम को क्यों नहीं पीटा?
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हादी की हत्या के बाद हिंदू निशाने पर
अमृत को मौत के घाट उतारने वाली भीड़ अलग कहानी बताने में जुटी है। स्थानीय लोगों का दावा है कि अमृत लंबे समय से भारत में छिपा था। हाल ही में बांग्लादेश लौटा। उसका इतिहास आपराधिक गतिविधियों और जबरन वसूली से जुड़ा रहा है। वह एक गिरोह के जरिये वारदात को अंजाम देता था। 18 अक्टूबर को कट्टरपंथी विचाराधारा वाले उस्मान हादी की मौत के बाद बांग्लादेश में लगातार हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है। उस्मान हादी को 12 अक्टूबर को दो बाइक सवार लोगों ने राजधानी ढाका में गोली मारी थी।