दक्षिण-पूर्वी एशिया के दो देशों थाईलैंड और कंबोडिया के बीच एक बार फिर विवाद शुरू हो गया है। दोनों ने एक-दूसरे पर उस समझौते को तोड़ने का आरोप लगाया है, जिसके कारण पहले संघर्ष विराम हुआ था। थाईलैंड ने सोमवार को कंबोडिया से लगती सीमा पर कई हवाई हमले किए। इन हवाई हमलों के बाद दोनों देशों की सीमाओं पर बसे हजारों लोग घर छोड़ने को मजबूर हो गए हैं। प्रेह विहार मंदिर को लेकर दोनों देशों के बीच इसी साल जुलाई में संघर्ष हुआ था जिसमे कई सैनिकों की जान भी गई थी। अब एक बार फिर से स्थिति बिगड़ती नजर आ रही है।

 

इसी साल अक्टूबर में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम समझौता कराया था लेकिन दोनों देशों के बीच तनाव बना हुआ है। इससे पहले दोनों दक्षिण-पूर्व एशियाई पड़ोसी देशों के बीच क्षेत्रीय विवादों ने जुलाई में पांच दिनों तक चले संघर्ष को जन्म दिया था, जिसमें कई सैनिक और आम नागरिक मारे गए थे। थाईलैंड के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि 35,000 से ज्यादा लोग सीमा के पास के इलाकों को छोड़कर शेल्टरों में चले गए हैं और माना जा रहा है कि और भी लोग अपने रिश्तेदारों के यहां चले गए हैं। वहीं, कंबोडिया के सूचना मंत्री नेथ फेकट्रा ने कहा कि सीमा के निकट के कई गांवों के निवासियों को वहां से निकाल लिया गया है।

 

यह भी पढ़ें- एक और अफ्रीकी देश में तख्तापलट, गृह मंत्री ने खुद आकर दी सफाई

कैसे शुरू हुआ संघर्ष?

 

नवंबर की शुरुआत में थाईलैंड के सैनिकों के बारूदी सुरंगों की चपेट में आने के बाद और तनाव आ गया था, जिसके कारण थाईलैंड ने घोषणा की कि वह संघर्ष विराम समझौते को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर देगा। दोनों पक्ष एक-दूसरे पर पहले हमला करने का आरोप लगा रहे हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने नवंबर महीने में कहा था कि उन्होंने दोनों देशों के बीच युद्ध को रुकवा दिया है जबकि तनाव अब भी बना हुआ है। रविवार को दोनों देशों की सीमा पर एक और झड़प हुई, जिसके बाद दोनों देशों ने एक-दूसरे पर पहले गोली चलाने का आरोप लगाया। 

 

थाईलैंड की सेना ने कहा कि कंबोडियाई गोलीबारी में उसके दो सैनिक घायल हुए और उसके जवाब में थाईलैंड के सैनिकों ने पलटवार किया। दोनों पक्षों के बीच गोलीबारी का यह सिलसिला लगभग 20 मिनट तक चला। कंबोडिया ने कहा कि पहले गोलीबारी थाई पक्ष ने की और उसके सैनिकों ने जवाबी कार्रवाई नहीं की। सोमवार को थाईलैंड की सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल विनथाई सुवरी ने कहा कि कंबोडियाई सैनिकों ने थाईलैंड के कई इलाकों में पहले गोलीबारी की। उन्होंने बताया कि एक थाई सैनिक मारा गया और चार अन्य घायल हुए और प्रभावित क्षेत्रों से नागरिकों को निकाला जा रहा है।

 

यह भी पढ़ें: सूडान में स्कूल-अस्पताल पर ड्रोन से हमला, 46 बच्चों समेत 116 लोगों की मौत

मलेशिया ने भी की अपील

 

उन्होंने कहा कि थाईलैंड ने कंबोडियाई हमलों से निपटने के लिए कई क्षेत्रों में सैन्य ठिकानों पर हमला करने के लिए विमान का इस्तेमाल किया। कंबोडियाई रक्षा मंत्रालय की प्रवक्ता माली सोचेता ने कहा कि थाई सेना ने ही सबसे पहले कंबोडियाई सैनिकों पर हमला किया था। उन्होंने कहा कि कंबोडिया ने सोमवार को शुरुआती हमलों के दौरान जवाबी कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा, ‘कंबोडिया अनुरोध करता है कि थाईलैंड तुरंत उन सभी शत्रुतापूर्ण गतिविधियों को रोक दे, जो क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए खतरा हैं।'

 

यह भी पढ़ें: ब्रिटेन में गुरप्रीत सिंह रेहल की संपत्तियां क्यों जब्त हुईं हैं?

 

इसी क्षेत्र के एक और पड़ोसी देश मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने सोशल मीडिया पर जारी एक बयान में संयम बरतने की अपील की और कहा कि उनका देश लड़ाई रोकने के प्रयासों में सहयोग करने के लिए तैयार है। आपको बता दें कि थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सदियों पुरानी दुश्मनी है। उनके क्षेत्रीय दावे मुख्य रूप से 1907 के उस नक्शे से पैदा हुए हैं, जो तब बनाया गया था जब कंबोडिया फ्रांसीसी औपनिवेशिक शासन के अधीन था। थाईलैंड का कहना है कि वह नक्शा गलत है। अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत ने 1962 में कंबोडिया को उस क्षेत्र पर संप्रभुता दी जिसमें 1,000 वर्ष पुराना प्रेह विहार मंदिर भी शामिल है। यह फैसला आज भी कई थाई नागरिकों को खटकता है। संघर्ष विराम में इस विवाद की जड़ को सुलझाने का कोई उपाय नहीं किया गया है।