अमेरिका लगातार चर्चा में बना हुआ है खासकर अपने रेसिप्रोकल टैरिफ को लेकर लेकिन एक और भी घटना ने सभी का ध्यान अपनी तरफ खींचा। भारतीय उद्यमी श्रुति चतुर्वेदी ने हाल ही में कहा कि उन्हें अमेरिका के अलास्का एयरपोर्ट पर 'शारीरिक रूप से' पुरुष सुरक्षाकर्मी के द्वारा उनकी चेकिंग की गई। कारण था कि उनके बैग में एक पावर बैंक मिल गया था जिसे उन्होंने संदिग्ध मान लिया था।
आज सुबह एक एक्स पोस्ट में श्रुति ने अपने अलास्का की इस ट्रिप के बारे में लिखा। उन्होंने लिखा कि उन्हें पुरुष सुरक्षाकर्मी द्वारा उनके गर्म कपड़े उतरवाए गए और ठंडे कमरे में इंतजार करने के लिए कहा गया। इसके बाद पुलिस और एफबीआई के द्वारा उनसे पूछताछ की गई और यहां तक कि उन्हें फोन कॉल करने के लिए भी मना कर दिया गया।
यह भी पढ़ें-- ज्वेलरी पर असर, फार्मा बेअसर, टैरिफ से किस सेक्टर को होगा नुकसान?
रेस्टरूम यूज़ करने की नहीं दी इजाजत
इंडिया ऐक्शन प्रोजेक्ट और चायपानी की फाउंडर चतुर्वेदी ने कहा कि उन्हें रेस्टरूम का प्रयोग करने की इजाज़त भी नहीं दी गई और उनकी फ्लाइट भी छूट गई। उनका मोबाइल फोन और वॉलेट भी उनसे ले लिया गया।
अपनी परेशानी को उन्होंने सोशल मीडिया पर बयां किया।
एक्स पर उन्होंने लिखा, 'कल्पना कीजिए कि आपको पुलिस और एफबीआई द्वारा 8 घंटे तक हिरासत में रखा जाए, सबसे हास्यास्पद चीजों के बारे में पूछताछ की जाए, कैमरे पर एक पुरुष अधिकारी द्वारा फिजिकली चेक किया जाए, गर्म कपड़े, मोबाइल फोन, पर्स उतार लिए जाएं, ठंडे कमरे में रखा जाए, शौचालय का उपयोग करने या एक भी फोन कॉल करने की अनुमति न दी जाए, आपकी फ्लाइट छूट जाए - यह सब सिर्फ इसलिए क्योंकि एयरपोर्ट सुरक्षा ने आपके हैंडबैग में पावरबैंक को 'संदिग्ध' पाया'।
यह भी पढ़ेंः अमेरिका में अवैध प्रवासियों की गिरफ्तारी पर क्या बोला भारत?
अमेरिका में बदलीं इमीग्रेशन नीतियां
उन्होंने कहा, 'मुझे कल्पना करने की ज़रूरत नहीं है, क्योंकि सबसे बुरे 7 घंटे पहले ही बीत चुके हैं। और हम सभी जानते हैं कि ऐसा क्यों हुआ'
श्रुति चतुर्वेदी का मामला इस बात को दिखाता है कि राष्ट्रपति ट्रम्प के प्रशासन और नीतिगत बदलावों की वजह से अमेरिकी इमीग्रेशन पॉलिसी किस तरह से सख्त होती जा रही है।
इस माहौल ने अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के बीच आशंका को बढ़ावा दिया है, पर्यटकों और वीज़ा धारकों को लंबे समय तक हिरासत में रखे जाने की रिपोर्ट के साथ, जर्मनी और कनाडा जैसे देशों को अमेरिका के लिए अपनी यात्रा सलाह को अपडेट करने के लिए प्रेरित किया है।