अमेरिका में ट्रंप प्रशासन द्वारा अवैध प्रवासियों की धर पकड़ के बाद भारत ने अपनी स्थिति को साफ कर दिया है। भारत ने साफ तौर पर कहा है कि वह अवैध इमीग्रेशन के खिलाफ है।
विदेश मंत्रालय ने बिल्कुल स्पष्ट तौर पर कहा कि भारत न सिर्फ अमेरिका बल्कि दुनिया में हर जगह अवैध इमीग्रेशन के खिलाफ है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को कहा, "भारत 'अवैध इमीग्रेशन के खिलाफ' है न सिर्फ अमेरिका में बल्कि दुनिया में हर जगह। हम लोग अवैध इमिग्रेशन के खिलाफ हैं क्योंकि यह तमाम तरह के संगठित अपराध से जुड़ा है।'
भारत अपने नागरिकों को वापस लाने को तैयार
उन्होंने आगे कहा, 'सिर्फ अमेरिका में ही नहीं बल्कि दुनिया में जहां कहीं भी भारतीय हैं, अगर वे भारतीय हैं और वे कहीं रह रहे हैं या वे किसी देश में बिना किसी उचित दस्तावेज के हैं, और वे हमारे साथ अपने दस्तावेजों को शेयर करते हैं ताकि हम उनकी नागरिकता को वेरिफाई कर पाएं तो हम उन्हें भारत वापस लाने का पूरा इंतजाम करेंगे।'
यह बयान एक दिन बाद आया है जब विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि भारत बिना दस्तावेज वाले भारतीयों को अपने देश में वापस लाने को लेकर हमेशा से तैयार रहा है।
उन्होंने कहा था, 'एक सरकार के रूप में हम कानूनी रूप से ही कहीं जाने का समर्थन करते हैं क्योंकि हम ग्लोबल वर्कप्लेस में विश्वास करते हैं। हम चाहते हैं कि भारतीय प्रतिभा और भारतीय कौशल को दुनिया में अधिकतम अवसर मिले। साथ ही हम लोग अवैध माइग्रेशन के बिल्कुल खिलाफ हैं।'
अमेरिका में 538 अप्रवासियों की गिरफ्तारी
इस बीच व्हाइट हाउस के प्रेस सेक्रेटरी कैरोलाइन लीविट ने गुरुवार को कहा था कि अमेरिकी अधिकारियों ने 538 इमीग्रेंट्स को गिरफ्तार किया है और सैकड़ों 'अवैध इमीग्रेंट्स' को एक ही दिन में बड़ी संख्या में डिपोर्ट किया है। यह सब कुछ डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के एक दिन बाद हुआ है।
उन्होंने एक्स पर लिखा, 'ट्रंप प्रशासन ने एक संदिग्ध आतंकवादी सहित 538 अवैध इमीग्रेंट्स क्रिमिनल्स को गिरफ्तार किया है। इनमें से तमाम सेक्स क्राइम के अपराधी हैं।'
'ट्रंप का मैसेज साफ है'
उन्होंने लिखा कि राष्ट्रपति ट्रंप पूरी दुनिया को बहुत ही स्पष्ट मैसेज दे रहे हैं कि अगर आप अवैध तरीके से अमेरिका में प्रवेश लेंगे तो आपको इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
बता दें कि ट्रंप के शपथ ग्रहण के तीन दिनों के भीतर ही ट्रंप प्रशासन ने अवैध अप्रवासियों की धर-पकड़ शुरू कर दी थी। इनमें से तमाम को गिरफ्तार करके वापस भेज दिया गया है।