ऑफिस ब्रेक में ज्यादातर लोग चाय पीते हैं। कई लोग चाय के साथ सिगरेट का कश भी लगाते हैं। ऑफिस के स्ट्रेस को दूर करने के लिए कुछ लोग हर 2 घंटे पर चाय-सुट्टा ब्रेक लेते हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि ये कॉम्बिनेशन सेहत के लिए बहुत खतरनाक है। आइए जानते हैं चाय और सुट्टा का सेवन करने से शरीर को क्या-क्या नुकसान पहुंचता है?
चाय में कैफीन होता है जो अलर्टनेस को बढ़ाता है और सिगरेट में निकोटिन होता है जिससे दिल की धड़कन बढ़ जाती है और ब्लड प्रेशर हाई हो जाता है। अगर कोई व्यक्ति लंबे समय तक इन दोनों चीजों को साथ में पीता है तो दिल से जुड़ी बीमारियां हो सकती है। इसके अलावा पेट संबंधी बीमारियां हो सकती हैं।
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क्यों खतरनाक होता है चाय सुट्टा ब्रेक?
Annals of Internal Medicine in 2024 की रिपोर्ट के मुताबिक गर्म चाय पीने से गले की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचता है और धूम्रपान करने की आदत इस खतरे को दोगुना कर सकती है। आगे चलकर यह आदत कैंसर का कारण भी बन सकती है। विशेषज्ञों के मुताबिक चाय में कैफीन होता जो पेट में एक प्रकार के एसिड को पैदा करता है जो पाचन में मदद करता है हालांकि जब इसका सेवन अधिक मात्रा में किया जाता हो तो कैफीन पेट की लाइनिंग को नुकसान पहुंचता है।
सिगरेट निकोटिन से भरपूर होता है। खाली पेट चाय और सिगरेट पीने से तेज सिरदर्द और चक्कर भी आते हैं। डॉक्टर के मुताबिक सिगरेट पीने वाले में हार्ट अटैक का खतरा 7% ज्यादा होता है। धूम्रपान की आदत फेफड़ों के लिए भी बेहद हानिकारक है।
चाय और सिगरेट साथ पीने से हो सकती हैं ये बीमारियां
- हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है
- गले का कैंसर
- फेफड़ों का कैंसर
- इनफर्टिलिटी की समस्या
- पेट में अल्सर
- याददाश्त जाना
- ब्रेन और हार्ट स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है।
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धूम्रपान क्यों करते हैं लोग?
ज्यादातर लोगों को धूम्रपान करने के बाद टेंशन फ्री महसूस होता है। निकोटिन से ऐसे केमिकल रिलीज होते है जिससे दिमाग को अच्छा फील होता है। स्मोकिंग करने के बाद व्यक्ति खुद को ज्यादा फोक्स समझता है। काफी रिलेक्स महसूस करता है। धूम्रपान से चेहरे, नाखून, टिशूज, शरीर के अंगों और यहां तकी की डीएनए पर भी प्रभाव पड़ता है।
कैसे इस आदत पर काबू पाएं?
- सबसे पहले तो चाय का सेवन कम कर दें।
- अपनी डाइट में फाइबर की मात्रा को बढ़ा दें।
- जब भी कुछ खाने की क्रेविंग हो तो नट्स का सेवन करें।
- रोजाना 8 से 10 ग्लास पानी पीएं।
- स्ट्रेस को मैनेज करने के लिए योग करें।
- निकोटिन पैच या गम यूज करें।
- रोजाना ऐक्सरसाइज करें।
- सिगेरट की तलब को कंट्रोल करने की कोशिश करें।
