किडनी जिसे गुर्दा भी कहते हैं। यह हमारे शरीर का महत्वपूर्ण अंग हैं जो शरीर के कई कामों में अहम भूमिका निभाता है। यह शरीर से टॉक्सिक चीजों को बाहर निकलाता है और जरूरी तरल पदार्थों का संतुलन बनाए रखने में मदद करता है। अगर शरीर के इस अंग का सही तरीके से ध्यान नहीं रखा जाए तो कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। किडनी की बीमारी के लक्षण शुरुआत में नहीं नजर आते हैं बल्कि एडवांस स्टेज में दिखते हैं। आइए उन लक्षणों के बारे में जानते हैं।
किडनी क्यों जरूरी है
किडनी हमारे खून से टॉक्सिक पदार्थों को बाहर निकालने का काम करता है। साथ ही हार्मोन को प्रोड्यूस करता है जो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में मदद करता है और रेड ब्लड सेल्स बनाता है। ये शरीर में इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस को मेंटेन करने का काम करते हैं ताकि बचा हुआ फ्लूड शरीर से बाहर निकल सकें।
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किडनी के मरीजों की संख्या बढ़ी
दुनियाभर में किडनी की बीमारियों के मरीजों की संख्या बढ़ी है। इसे हृदय संबंधी बीमारियों से भी जोड़ा जाता है। जिन लोगों को हाई बीपी, डायबिटीज की समस्या हैं उन्हें हार्ट अटैक आने का खतरा सबसे ज्यादा रहता है। इसके अलावा नॉन कम्युनिकेबल डिजीज में कैंसर और डिमेंशिया होने का खतरा बढ़ जाता है। अगर समय पर किडनी का इलाज नहीं होता है तो किडनी फेलियर होने का खतरा ज्यादा रहता है।
लक्षण
- बार बार पेशाब आना
- पैर फूलना
- वजन घटना और भूख ना लगना
- यूरिन में खून आना
- त्वचा में ड्राइनेस
- बार बार नींद खुलना
- सांस लेने में तकलीफ होना
- नींद नहीं आना
- आंखों के आसपास का हिस्सा सूजना
- मास पेशियों में दर्द
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इलाज
अगर आपको इस तरह के लक्षण महसूस होते हैं तो डॉक्टर की सलाह लें। नियमित रूप से किडनी की कार्यक्षमता की जांच (kidney function tests) कराना, विशेष रूप से उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों के लिए, किडनी की समस्याओं का समय पर पता लगाने और प्रबंधन करने में मदद करता है।
- सीरम क्रिएटिनिन (Serum Creatinine)
- सिस्टैटिन सी (Cystatin C)
- ब्लड यूरिया नाइट्रोजन
- यूरिनलिसिस
- यूरिन एल्ब्यूमिन क्रिएटिनिन रेश्यो
Disclaimer: यह आर्टिकल इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारियों पर आधारित है। विस्तृत जानकारी के लिए आप अपने किसी डॉक्टर की सलाह लें।