हर साल 1 अगस्त को वर्ल्ड लंग कैंसर डे (फेफड़ों का कैंसर) मनाया जाता है। यह दुनिया के सबसे खतरनाक कैंसर में से एक हैं। इस दिन का उद्देश्य फेफड़ों के कैंसर के प्रति लोगों को जागरूक करना है। इस साल वर्ल्ड लंग्स कैंसर डे की थीम 'जल्दी पहचान और समान देखभाल के लिए बाधाओं को तोड़ना' है। दुनियाभर में हर 5 में से 1 मौत लंग कैंसर की वजह से होती है। पहले यह बीमारी उन लोगों को ज्यादा होती थी तो धूम्रपान करते लेकिन अब उन लोगों में भी बढ़ रही है जो नहीं करते हैं। इसके पीछे का कारण वायु प्रदूषण और पेसिव स्मोकिंग हैआइए जानते हैं क्या होता है फेफड़ों का कैंसर और उससे जुड़े मिथक

 

फेफड़े हमारे शरीर के मुख्य अंगों में से एक हैं जो आपको सांस लेने और शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाने में मदद करता है। जब फेफड़ों के सेल्स अचानक बढ़ने लगते और गांठ ( ट्यूमर) बना लेते हैं तब उसे फेफड़ों का कैंसर कहा जाता है। फेफड़ों में नॉन स्मोकिंग सेल लंग कैंसर (NSCLC) और स्मॉल सेल लंग कैंसर (SCLC) दो तरह का कैंसर होता है। नॉन स्मोकिंग सेल लंग कैंसर- यह बहुत आम है और ज्यादातर लोगों को फेफड़ों का यही कैंसर होता है। स्मॉल सेल लंग कैंसर रेयर होता है लेकिन बहुत तेजी से फैलता है।

 

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फेफड़ों के कैंसर के लक्षण

  • लगातार खांसी रहना
  • खून वाली खांसी
  • सांस लेने में तकलीफ
  • सीने में दर्द
  • लगातार थकान और कमजोरी
  • अचानक वजन घटना

फेफड़ों के कैंसर से जुड़े मिथ्स

धूम्रपान करने वालों को ही फेफड़ों का कैंसर होता है।

फैक्ट- फेफड़ों का कैंसर केवल धूम्रपान करने वालों को ही नहीं होता है। यह कैंसर वायु प्रदूषण, धूम्रपान के धुएं में रहने, रेडॉन गैस और जेनेटिक कारणों से भी हो सकता है।

 

सिगरेट और सिगार पीने वाले सुरक्षित हैं।

फैक्ट- कई लोग ई सिगरेट या कम टार वाले सिगरेट को सुरक्षित विकल्प मानते हैं। हालांकि इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। सभी प्रकार के तम्बाकू सेहत के लिए हानिकारक है।

 

फेफड़ों का कैंसर सिर्फ बुजुर्ग लोगों को होता है।

फैक्ट- फेफड़ों का कैंसर आमतौर पर 65 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को होता है। हालांकि यह भ्रम है। युवाओं को भी खराब लाइफस्टाइल की वजह से फेफड़ों का कैंसर हो सकता है।

 

फेफड़ों के कैंसर की जांच करने के लिए कोई टेस्ट नहीं है।

फैक्ट- यह एक गलतफहमी है। सभी प्रकार के टेस्ट उपलब्ध है जिसके जरिए फेफड़ों के कैंसर के बारे में शुरुआत में ही पता चला जाता है। जितना जल्दी पता चलेगा कैंसर से ठीक होने की संभावना उतनी ज्यादा होती है।

 

यह केवल फेफड़ों को ही प्रभावित करता है।

फैक्ट- यह एक बड़ी गलतफहमी है। यह कैंसर शरीर के विभिन्न हिस्सों में फैलता है।

 

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कैसे करें बचाव?

  • धूम्रपान छोड़ें
  • पैसिव स्मोकिंग से बचें
  • वायू प्रदूषण से बचने के लिए मास्क पहनें।
  • हेल्दी डाइट लें
  • नियमित रूप से एक्सरसाइज करें।
  • 6 महीने सालभर पर हेल्थ चेकअप जरूर करवाएं।