हर हफ्ते कम से कम 2 बार योगर्ट खान से कोलोन कैंसर से बचा जा सकता है। हाल ही में नई स्टडी हुई है जिसे 'गट माइक्रोब्स जर्नल' में पब्लिश किया गया है। स्टडी में बताया गया कि योगर्ट में बिफीडोबैक्टीरियम बैक्टीरिया होता है जो प्रॉक्सिमल कोलोन कैंसर के खतरे को कम करने में मदद करता है।

 

कोलोन के दाएं हिस्से में प्रॉक्सिमल कोलोन कैंसर होता है और इसमें बचने की संभावना डिस्टल कोलोन से कम होती है जो कोलोन के बाये हिस्से में होता है। अमेरिकन कैंसर सोसाइटी की 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, यह निष्कर्ष तब सामने आया है जब युवा लोगों में कोलोरेक्टल कैंसर की दर तेजी से बढ़ रही है। 

 

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योगर्ट कोलोन कैंसर के खतरे को कैसे कम करता है

 

अध्ययन में कहा गया कि योगर्ट गट माइक्रोबायोम में कैंसर के खिलाफ सुराक्षात्मक लेयर बनाता है। इसे पुराने अध्ययनों से भी जोड़ा गया है जिसमें बताया गया है कि रोजाना योगर्ट खाने से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल स्वास्थ्य अच्छा रहता है। साथ ही ऑस्टियोपोरोसिस और डायबिटीज के खतरे को भी कम करने में मदद करता है। शोधकर्ताओं ने 100,000 फीमेल नर्स और 51,000 पुरुष मेल का डेटा लिया है। उनसे उनके स्वास्थ्य के बारे में कई सवाल पूछे गए जिनमें प्लेन और फ्लेवर्ड वाले योगर्ट के डेली इनटेक और डेयरी प्रोडक्ट्स से जुड़े सवाल शामिल थे।

 

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अध्ययन में शामिल होने वाले लोग आम नहीं थे। वे हेल्थ केयर सेक्टर में काम करते थे। अध्ययन में ये भी पता नहीं चल पाया कि प्लेन या फ्लेवर्ड योगर्ट में से सेहत के लिए कौन सा बेहतर है। हालांकि पोषक आहार विशेषज्ञों का कहना है कि प्लेन योगर्ट में फैट की मात्रा कम होती है और चीना नहीं होता है। स्टडी में इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई कि योगर्ट के सेवन से कोलोरेक्टल कैंसर का खतरा कम होता है। इसके लिए भी और अध्ययन करने की जरूरत है।

 

डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारियों और सामान्य बातचीत पर आधारित है। खबरगांव इसकी पुष्टि नहीं करता है। विस्तृत जानकारी के लिए आप अपने किसी डॉक्टर की सलाह लें।