एयर इंडिया का विमान AI-171 क्रैश हो गया है। प्लेन में 242 लोग सवार थे। यह विमान अहमदाबाद एयरपोर्ट से लंदन के गेटविक एयरपोर्ट के लिए रवाना हुआ था। विमान जैसे ही 625 फीट की ऊंचाई पर पहुंचा, अनियंत्रित हुआ और हादसे का शिकार हो गया। फ्लाइट ट्रैकिंग प्लेटफॉर्म फ्लाइट रडार ने कहा है कि जब विमान 625 फीट की ऊंचाई पर पहुंचा, क्रैश हो गया। हादसे के बाद हर तरफ आग की लपटें और काला धुआं उठता नजर आया। अब यह हादसा कैसे हुआ है, इससे जुड़ी जानकारियां ब्लैक बॉक्स मिलने के बाद ही सामने आ सकेंगी।

हादसे के बाद केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा, 'हम अलर्ट पर हैं। मैं खुद हादसे की निगरानी कर रहा हूं। सभी उड्डयन और आपातकालीन विभागों को अलर्ट पर रखा गया है। हम सबके संपर्क में हैं।' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के साथ वह घटनास्थल पर भी पहुंच रहे हैं। गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल भी मौके पर पहुंचे हैं। विमान हादसा कब, क्यों और कैसे हुआ है, इसकी जानकारी अब तब मिलेगी, जब ब्लैक बॉक्स मिलेगा। विमान के ब्लैक बॉक्स को ढूंढा जा रहा है। 

जरूरी सूचना: एयर इंडिया ने अपना हॉटलाइन नंबर जारी किया है, जिससे जानकारी जुटाई जा सकती है। अगर आपका कोई परिचित या परिजन इस फ्लाइट में हो सकता है तो आप 18005691444 पर संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा, 011-24610843 और 9650391859 पर भी फोन किया जा सकता है

 

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ब्लैक बॉक्स क्या होता है? 


ब्लैक बॉक्स, विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के आखिरी पलों तक को रिकॉर्ड कर करता है। इसे फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर के तौर पर भी जानते हैं। यह कॉकपिट के वॉइस रिकॉर्डर के तौर पर भी काम करता है। इसे लोग ब्लैक ब्लॉक्स भी करते हैं, विमान हादसे की पूरी कहानी, इसके विश्लेषण से पता की जा सकती है। जब जांच टीम, हादसे की वजह तलाशने पहुंचती है, सबसे पहले ब्लैक बॉक्स ही तलाशा जाता है।  


क्या रिकॉर्ड होता है? 

हादसे के वक्त विमान की रफ्तार कितनी थी, ऊंचाई कितनी थी, फ्लाइट के कंट्रोलिंग इनपुट क्या था, क्या बातचीत हो रही थी, पायलट ने क्या बात की, विमान हादसे के अंतिम 2 घंटों की एक-एक बात इस ब्लैक बॉक्स से खुल सकती है।

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हादसे के बाद का मंजर। (Photo Credit: PTI)



कैसे तैयार किया जाता है ब्लैक ब्लॉक्स?

ब्लैक बॉक्स हर हादसे में सुरक्षित बच जाता है। इसे इसी तरह से तैयार किया जाता है। यह किसी भी ऊंचाई से गिरकर बिना टूटे हुए बच निकलता है। न तो यह आग में झुलस सकता है, न ही ऊंचाई से गिरने से टूट सकता है। यह विमान की मेमोरी की तरह काम करता है। हादसे के वक्त विमान में क्या-क्या चल रहा था, उसका यह बॉक्स डेटा तैयार करता है। एक्सपर्ट इससे विमान से जुड़े आंकड़े निकाल लेते हैं। 

ब्लैक बॉक्स नारंगी रंग का होता है। (Photo Credit: Social Media)

 

ब्लैक बॉक्स के आंकड़े कैसे निकले जाते हैं?


हादसे के बाद सबसे पहले ब्लैक बॉक्स की तलाशा जाता है। जैसे ही यह मिल जाता है, जांचकर्ता इसका विश्लेषण करने लगते हैं। रडार लॉग और ट्रैफिक कम्युनिकेशन के विवरण भी निकाले जाते हैं।



क्यों जरूरी है यह?

तथ्यात्मक जानकारी ब्लैक बॉक्स से ही मिल सकती है। अंतिम क्षणों की बातचीत और निर्देश के बारे में असली दस्तावेज इसी बॉक्स में छिपे होते हैं। विमान हादसे की तकनीकी खामी क्या रही, यह भी दर्ज हो जाता है। 



नारंगी क्यों होता है ब्लैक बॉक्स?

विमान का ब्लैक बॉक्स नारंगी रंग का होता है। वजह यह है कि इसे आसानी से खोज लिया जा सके। अगर सबकुछ ब्लैक रहेगा तो इसे दूर से पहचानना मुश्किल होगा। यह मलबे में भी आसानी से दिखाई दे सकता है। जांचकर्ताओं के लिए मैदानी इलाकों में इसे ढूंढना आसान होता होगा।