बिहार में कुछ ही महीनों में चुनाव हैं। इससे पहले वोटर वेरिफिकेशन के लिए चुनाव आयोग की स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) को लेकर विरोध बढ़ता जा रहा है। इसे लेकर बुधवार को महागठबंधन ने 'बिहार बंद' का ऐलान किया है। चुनाव आयोग के इस फैसले को लेकर कांग्रेस और RJD सड़कों पर उतर आई है। कई पार्टी कार्यकर्ताओं ने सड़कें जाम कर दी हैं और रेलवे ट्रैक को भी ब्लॉक कर दिया है। 


इस 'बिहार बंद' को INDIA ब्लॉक की बाकी पार्टियों ने भी समर्थन दिया है। इस विरोध प्रदर्शन में लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी भी शामिल हो गए हैं। बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश राम ने कहा कि देश पर जब भी संकट आया है, तब राहुल गांधी ने सड़कों पर लड़ाई लड़ी है। उन्होंने कहा, 'जब भी देश को संकट से गुजरना पड़ा है, तब राहुल गांधी ने सड़कों पर आकर लड़ाई लड़ी है। आज वोटिंग के अधिकार पर रोक लगाने की कोशिश हो रही है। हम इसके लिए लड़ रहे हैं।'


उन्होंने चुनाव से पहले वोटर लिस्ट के रिवीजन के फैसले पर मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार की आलोचना करते हुए कहा, 'दिल्ली में बैठकर फैसला लेने और जमीन पर रहकर फैसला करने में फर्क होता है। अगर आपको यहीं करना था तो लोकसभा चुनाव से पहले कर लेना चाहिए था।'

 

बिहार पहुंचने के बाद अब राहुल गांधी भी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गए हैं। राहुल गांधी के साथ तेजस्वी यादव, CPI महासचिव डी. राजा, CPI (ML) के नेता दीपांकर भट्टाचार्य और बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश राम भी मौजूद हैं।

 

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राहुल बोले- महाराष्ट्र जैसी लूट होगी

'बिहार बंद' में राहुल गांधी भी शामिल हुए। राहुल ने कहा कि जिस तरह से महाराष्ट्र और हरियाणा में वोट की चोरी हुई थी, वैसी ही अब बिहार में भी होगी। उन्होंने कहा, 'कुछ महीने पहले महाराष्ट्र और हरियाणा में लोकसभा का चुनाव हुआ था और उसके कुछ ही दिन बाद वहां विधानसभा का चुनाव हुआ। लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में INDIA गठबंधन जीत गया और विधानसभा के चुनाव में कुछ ही महीने बाद INDIA गठबंधन हार गया। हमने इसपर ज्यादा कुछ बोला नहीं, लेकिन हमने डाटा देखना शुरू किया तो हमें पता लगा कि लोकसभा और विधानसभा में 1 करोड़ नए वोटर शामिल हुए। मतलब विधानसभा में 10% ज्यादा वोटरों ने वोट किया।'

 


राहुल ने कहा, 'जब हमने पता लगाया कि यह वोटर कहां से आए, ये कौन हैं तो पता चला कि जिन क्षेत्रों में वोटर बढ़े, वहां वोट BJP को गया। एक महीने में 4000-5000 वोटर रजिस्टर हुए और गरीबों के वोट काटे गए। जब हमने चुनाव आयोग से कहा कि आप हमें वोटर लिस्ट दीजिए, वीडियोग्राफी दीजिए तो चुनाव आयोग ने इसपर एक शब्द नहीं कहा। हमें आज तक महाराष्ट्र की वोटर लिस्ट नहीं मिली और वीडियोग्राफी का कानून बदल दिया गया। यह सब इसलिए किया गया, क्योंकि ये सच्चाई छिपाना चाहते हैं।'

 

उन्होंने आगे कहा, 'मैं हिंदुस्तान और बिहार की जनता को बताना चाहता हूं कि जैसे महाराष्ट्र का चुनाव चोरी किया गया था, उसी तरह बिहार का चुनाव भी चोरी करने की कोशिश की जा रही है। उन्हें पता चल गया है कि हमें महाराष्ट्र मॉडल समझ आ गया है, इसलिए अब वे बिहार मॉडल लेकर आए हैं। मैं आपको साफ बताना चाहता हूं कि यह गरीबों का वोट छीनने का तरीका है, लेकिन इनको पता नहीं है कि ये बिहार है और बिहार की जनता ऐसा कभी नहीं होनी देगी।'

जमीन पर लेटे कार्यकर्ता

कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सड़क पर लेटकर ब्लॉक कर दिया है। एक कांग्रेस कार्यकर्ता ने कहा, 'हम तब तक नहीं हटेंगे, जब तक सरकार हमारी मांगें नहीं मान लेती। हम उस हद तक लड़ेंगे, जितना हमारे नेता कहेंगे। सरकार लोगों को भ्रमिक करने की कोशिश कर रही है।'

 


एक दूसरे कांग्रेस कार्यकर्ता ने कहा, 'पूरा बिहार बंद हो गया है। चुनाव आयोग की तरफ से की गई इस धांधली के खिलाफ महागठबंधन एकजुट है। अगर कोई गाड़ी हमें कुचल भी दे तो भी हम नहीं उठेंगे।'

 

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सड़कें जाम, रेलवे ट्रैक किया ब्लॉक

बिहार में जगह-जगह INDIA ब्लॉक से जुड़ी पार्टियों का विरोध प्रदर्शन चल रहा है। पार्टी कार्यकर्ताओं ने पटना में इनकम टैक्स चौराहे को ब्लॉक कर दिया है। गाड़ियों को आने-जाने से रोका जा रहा है। 

 

न्यूज एजेंसी ANI ने बताया कि पटना में नेशनल हाइवे 30 पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने सड़क ब्लॉक कर दी है। कई जगहों पर टायर भी जलाए गए हैं। 

 

 

कई जगहों पर ट्रेन भी रोके जाने की खबर है। RJD कार्यकर्ताओं ने जहानाबाद रेलवे स्टेशन पर पटरियों को ब्लॉक कर दिया है। वहीं, पटना में भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सचिवालय हॉल्ट पर ट्रैक को रोक दिया है। 

 

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पप्पू यादव, तेजस्वी यादव भी जुड़े

विपक्ष की तरफ से बुलाए गए इस बिहार बंद में सभी पार्टियों के आला नेता पहुंच रहे हैं। RJD नेता तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग के फैसले की आलोचना करते हुए दावा किया कि जिन लोगों के पास 11 दस्तावेज नहीं होंगे, उनका नाम वोटर लिस्ट से हटा दिया जाएगा।


तेजस्वी ने कहा, 'हमारी चिंता यह है कि चुनाव आयोग की तरफ से कुछ साफ नहीं किया गया है। आप जानते हैं कि बिहार में चुनाव आयोग सिर्फ पोस्ट ऑफिस की तरह काम करता है और उसकी कोई जवाबदेही नहीं है। वह बिहार की जनता और विपक्ष के सवालों के जवाब क्यों नहीं दे रहा है। चुनाव आयोग ने जो 11 दस्तावेज मांगे हैं, वह बिहार की जनता के पास नहीं है। इनकी बजाय उनके पास आधार कार्ड, मनरेगा कार्ड और राशन कार्ड हैं। बिहार की गरीब जनता के पास यही दस्तावेज हैं। इससे साफ है कि जिनके पास 11 दस्तावेज नहीं होंगे, उनका नाम हटा दिया जाएगा।'

 

 

तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग पर राजनीतिक पार्टी के तौर पर काम करने का आरोप लगाया। उन्होंने सवाल करते हुए कहा, 'क्या गुजरात से आए दो लोग तय करेंगे कि बिहारी वोट कर सकते हैं या नहीं?' उन्होंने यह भी कहा कि आज चुनाव आयोग अपनी विश्वसनीयता खो चुका है।


वहीं, पूर्णिया सें सांसद पप्पू यादव भी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। चुनाव आयोग के फैसले पर सवाल उठाते हुए पप्पू यादव ने कहा, 'आप नागरिकता के बारे में क्यों पूछ रहे हैं? आप कौन हैं? अब तक वोटिंग कैसे हो रही थी? आधार कार्ड की क्या कीमत रह गई है? मुझे बताइए।'

 

 

पप्पू यादव ने 'चुनाव आयोग होश में आओ' का नारा दिया। उन्होंने कहा, 'हमारी नागरिकता के बारे में पूछने वाला चुनाव आयोग कौन होता है? हमारे बाप-दादा यहां पैदा हुए हैं। क्या हम पाकिस्तान और चीन से आए हैं? क्या चुनाव बीजेपी की B टीम है? वे हमारे वोट के अधिकार पर हमला कर रहे हैं।' उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व में बिहार बंद का फैसला लिया गया है।

 

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आखिर क्या है पूरा मामला?

दरअसल, बिहार में अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। इससे पहले वोटर वेरिफिकेशन के लिए चुनाव आयोग ने स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) करवाने का फैसला लिया है। यह प्रक्रिया 24 जून से शुरू हो गई है और 30 सितंबर तक चलेगी। इसके बाद ही फाइनल वोटर लिस्ट जारी की जाएगी।


इस प्रक्रिया के दौरान वोटर को अपना वेरिफिकेशन करवाना होगा। 2003 की वोटर लिस्ट में जिनका नाम था, उन्हें सिर्फ अपना वेरिफिकेशन करवाना होगा। जबकि इसके बाद वोटर बने लोगों को जन्म के साथ-साथ अपने निवास का सर्टिफिकेट भी देना होगा। 

 

बिहार में कुल 7.89 करोड़ वोटर्स को इसके लिए वेरिफिकेशन फॉर्म दिए गए हैं। इनमें से 4.96 करोड़ वोटर्स ऐसे हैं, जिनके नाम 2003 से वोटर लिस्ट में हैं। वहीं, 2.93 करोड़ वोटर्स 2004 के बाद रजिस्टर हुए हैं। ऐसे ही वोटर्स को वेरिफिकेशन के लिए जन्म और निवास का प्रमाण पत्र देना होगा। 

 

वेरिफिकेशन तब होगा, जब चुनाव आयोग की ओर से मांगे गए 11 में से कोई एक दस्तावेज होगा। हालांकि, मांगे गए दस्तावेजों में आधार कार्ड या वोटर आईडी का नाम नहीं है। विपक्ष का दावा है कि इस प्रक्रिया से कई वोटर्स के नाम काट दिए जाएंगे, क्योंकि उनके पास अपना जन्म या निवास स्थान साबित करने के लिए मांगे गए दस्तावेज नहीं हैं। विपक्ष का कहना है कि आधार कार्ड, राशन कार्ड या मनरेगा कार्ड भी होना चाहिए।

 

चुनाव आयोग का SIR को लेकर फैसला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट में इसके खिलाफ याचिकाएं दायर की गई हैं। वहीं, सीनियर एडवोकेट अश्विनी उपाध्याय ने इस प्रक्रिया को पूरे देश में लागू करने की मांग को लेकर याचिका दायर की है।