कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में एक इंजीनियरिंग की छात्रा के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया है। पुलिस के मुताबिक पीड़िता सातवें सेमेस्टर की पढ़ाई कर ही है, जबकि 21 वर्षीय आरोपी छात्र पांचवें सेमेस्टर में है। गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने आरोपी को अदालत में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। 

 

पुलिस के मुताबिक पीड़ित छात्रा ने अपनी शिकायत में बताया कि लंच ब्रेक के वक्त आरोपी ने कई बार कॉल किया। इसके बाद उसे सातवीं मंजिल पर स्थित आर्किटेक्चर ब्लॉक के पास मिलने बुलाया। जब पीड़िता वहां पहुंची तो उसने गलत हरकत करने की कोशिश की। पीड़िता ने लिफ्ट से जाने की कोशिश को तो आरोपी ने उसका पीछा किया। इसके बाद छठीं मंजिल में स्थित पुरुष शौचालय में खींच ले गया। यहां दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया।

 

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पीड़िता ने अपनी शिकायत में बताया कि घटना के वक्त उसका एक दोस्त फोन कर रहा था, लेकिन आरोपी ने फोन छीन लिया। आरोपी के चंगुल से छूटने के बाद महिला ने घटना के बारे में अपने दोस्तों को बताया। शुरुआत में पीड़िता अपने माता-पिता को घटना के बारे में बताने से झिझक रही थी। हालांकि दोस्तों के कहने पर उसने आपबीती सुनाई। वारदात के पांच दिन बाद 15 अक्टूबर को हनुमंतनगर थाने की पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 64 के तहत केस दर्ज कर लिया है। 

 

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बीजेपी ने कर्नाटक सरकार को घेरा

महिला के खिलाफ बढ़ते अपराध के मुद्दे पर बीजेपी ने कर्नाटक सरकार पर निशाना साधा। कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने आरोप लगाया कि राज्य में कानून-व्यवस्था चरमरा चुकी है। सिर्फ चार महीने में यौन यौन उत्पीड़न के 979 मामले सामने आ चुके हैं। अकेले बेंगलुरु में यह आंकड़ा 114 से अधिक पहुंच गया है। उन्होंने राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया किशोर रहाटकर को पत्र लिखा और मामले में दखल देने की मांग की।

 

अशोक ने एक्स पर लिखा, 'कर्नाटक में कानून-व्यवस्था चरमरा गई है। केवल चार महीनों में यौन उत्पीड़न के 979 मामले सामने आ चुके हैं। सिर्फ बेंगलुरु में 114 से अधिक मामले। कर्नाटक सरकार की आपराधिक निष्क्रियता की वजह से हमारी महिलाएं और बच्चे डर के साये में जी रहे हैं।'