देश का वस्तु एवं सेवा कर (GST) संग्रह 5 साल में दोगुना हो गया। साल 2021 में 11.37 लाख करोड़ रुपये जीएसटी संग्रह था। अब वित्तीय वर्ष 2024-25 में यह आंकड़ा 22.08 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। 2017 में देश में जीएसटी लागू होने के बाद यह सर्वाधिक जीएसटी कलेक्शन है। सोमवार को जारी आकड़े के मुताबिक 2024-25 में 22.08 लाख करोड़ रुपये संग्रहित जीएसटी पिछले साल की तुलना में 9.4 फीसदी अधिक है। 

 

2025 में हर महीने औसतन 1.84 लाख करोड़ रुपये का कलेक्शन हुआ। पिछले साल यानी 2024 में यह आंकड़ा 1.68 लाख करोड़ रुपये मासिक था। वहीं 2022 की बात करें तो इस वर्ष हर महीने औसतन 1.51 लाख करोड़ रुपये का जीएसटी कलेक्शन हुआ। 

 

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1.51 लाख से अधिक हुए करदाता

देश में साल 2017 में जीएसटी के तहत पंजीकृत करदाताओं की संख्या 65 लाख थी। मगर अब यह आकंड़ा बढ़कर 1.51 करोड़ से अधिक हो गया है। 1 जुलाई 2017 को देश में जीएसटी लागू हुआ था। आठ साल पूरा होने पर एक सरकारी बयान में कहा गया कि इसके लागू होने के बाद से जीएसटी ने राजस्व संग्रह और कर आधार विस्तार में मजबूत वृद्धि हुई है। इसने भारत की राजकोषीय स्थिति को लगातार मजबूत किया और अप्रत्यक्ष कराधान को अधिक कुशल और पारदर्शी बनाया है। 

 

साल दर साल बढ़ रहा जीएसटी कलेक्शन

वित्तीय वर्ष 2021-22 में कुल संग्रह 11.37 लाख करोड़ रुपये था। इसी साल औसतन मासिक संग्रह 95000 करोड़ रुपये था। 2022-23 में जीएसटी संग्रह 18.08 लाख करोड़ और 2023-24 में 20.18 लाख करोड़ रुपये हुआ। सरकार ने 2017 में जीएसटी को टैक्स सिस्टम को सरल बनाने की लिहाज से लागू किया था। इसने 17 स्थानीय और 13 उपकरों को 5 स्लैब में बांट दिया और एक सरल व्यवस्था पेश की। 

 

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अप्रैल में कलेक्शन ने तोड़ा रिकॉर्ड

2025 के अप्रैल महीने में मासिक जीएसटी संग्रह 2.37 लाख करोड़ के पार पहुंचा। यह अपने आप में एक रिकॉर्ड है। मई महीने में 2.01 लाख करोड़ रुपये का संग्रह हुआ। वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल 22.08 लाख करोड़ रुपये का जीएसटी कलेक्शन पिछले साल की तुलना में 9.4 फीसदी अधिक है। सरकार जून महीने के आंकड़े मंगलवार को जारी करेगी।