पाकिस्तान और भारत के बीच चल रहे तनाव के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीजफायर का ऐलान किया। दो देशों के विवाद में तीसरे की इस भूमिका को लेकर अब भारत की विपक्षी पार्टियां सवाल उठा रही हैं। कांग्रेस ने मांग की है कि ऐसे कई सवाल हैं जिनका जवाब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देना चाहिए। यही वजह है कि कांग्रेस पार्टी सर्वदलीय मीटिंग बुलाने और संसद का विशेष सत्र आहूत करने की मांग कर रही है। कांग्रेस ने सीधा सवाल भी पूछा है कि आखिर डोनाल्ड ट्रंप इस तरह के ऐलान कैसे कर रहे हैं? कांग्रेस ने कारगिल युद्ध का जिक्र करके कहा है कि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने युद्ध खत्म होने के 3 दिन बाद समिति बना दी थी और उसकी रिपोर्ट सदन में पेश की गई थी। कांग्रेस ने पूछा है कि क्या पहलगाम मामले में ऐसा कुछ होगा?
कांग्रेस के अलावा, कई अन्य दलों ने भी सर्वदलीय मीटिंग बुलाने की मांग रखी है। दरअसल, भारत और पाकिस्तान के तनाव के बीच सबसे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था कि दोनों देश सीजफायर पर सहमत हो गए हैं। सोमवार को जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को संबोधित करने जा रहे थे उससे कुछ देर पहले ही डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि व्यापारिक रिश्तों की वजह से उन्होंने दबाव डालकर सीजफायर करवा दिया। हालांकि, भारत ने ऐसी बातों को खारिज किया है। अब विपक्ष का सवाल यही है कि आखिर डोनाल्ड ट्रंप इस तरह के ऐलान बार-बार क्यों कर रहे हैं?
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'अमेरिका के बयानों पर जवाब दें प्रधानमंत्री'
कांग्रेस की ओर से मोर्चा खोलते हुए पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा है, 'पहले से ही कांग्रेस पार्टी ऑपरेशन सिंदूर का समर्थन कर रही है। हम 22 अप्रैल से कह रहे हैं कि एकता और एकजुटता अनिवार्य है। सेना और सुरक्षा बल जो भी कार्रवाई करेंगे, हम उसको पूरा समर्थन देंगे। प्रधानमंत्री के संबोधन से पहले ही डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा कर दी कि वॉशिंगटन में रहकर मैंने भारत और पाकिस्तान के बीच में युद्ध रुकवा दिया, उस पर तो प्रधानमंत्री ने कुछ कहा नहीं। प्रधानमंत्री को बहुत सारे सवालों का जवाब देना है। उस पर तो वह चुप थे। हम यही मांग कर रहे हैं न। दो सर्वदलीय बैठक हुई हैं, उसमें प्रधानमंत्री मौजूद नहीं थे। आज भी हम मांग करते हैं कि प्रधानमंत्री एक बैठक बुलाएं और सबको विश्वास में लें।'
जयराम रमेश ने आगे कहा, 'क्या बार-बार राष्ट्रपति ट्रंप घोषणा कर रहे हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच वार्तालाप होगा? वह भी तीसरे जगह पर, न्यूट्रल साइट पर होगा, इसकी सच्चाई क्या है? उन्होंने कहा है कि अभी इसके बाद व्यापारिक संबंध और मजबूत होंगे। क्या कोई रिश्ता है, यहां युद्द रुकने का और अमेरिका के साथ हमारा जो निर्यात जा रहा है, वह और भी बढ़ेगा। अमेरिका की ओर से जो बयान आ रहे हैं, उस पर हमारा क्या रवैया है? हमारा रुख क्या है? विदेश मंत्री चुप हैं, NSA चुप हैं, प्रधानमंत्री तो अपनी चुप्पी तोड़ते ही नहीं है।'
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कारगिल युद्ध और अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार का जिक्र करते हुए जयराम रमेश ने कहा है, 'जब कारगिल युद्ध समाप्त हुआ, सिर्फ 3 दिन बाद 29 जुलाई 1999 को अटल बिहारी वाजयेपी की सरकार कारगिल समीक्षा समिति का गठन करती है। 5-6 सदस्य उसमें थे। उस समिति की अध्यक्षता करते के सुब्रमण्यन करते हैं। उस समय वह रक्षा मामलों के सबसे बड़े विशेषज्ञ माने जाते थे, वह आज के विदेश मंत्री के पिताजी हैं। कारलिग समीक्षा समिति की रिपोर्ट संसद में 23 फरवरी 2000 को पेश की गई। NIA जांच कर रही है पहलगाम मामले की लेकिन क्या कोई समीक्षा होगी, कोई विश्लेषण होगा?
'सरकार का रुख स्पष्ट करें प्रधानमंत्री'
ऑपरेशन सिंदूर के बारे में पीएम नरेंद्र मोदी ने सोमवार को देश को संबोधित किया। इस संबोधन के बारे में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के नेता डी राजा ने कहा है, 'एक देश के तौर पर भारत आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है लेकिन प्रधानमंत्री को कुछ सवालों के जवाब देने चाहिए थे। आखिर पहलगाम हमला कैसे हुआ? हमारी तरफ से कहां चूक हो गई? भारत और पाकिस्तान के बीच सहमति कैसे बनी और अमेरिका ने क्या भूमिका निभाई? क्या सच है? आगे क्या होगा किसी को नहीं पता। हमारी पार्टी मांग कर रही है कि संसद का विशेष सत्र बुलाया जाए और प्रधानमंत्री अपनी सरकार का रुख स्पष्ट है।'
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इसी बारे में सवाल पूछे जाने पर कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 'यह एक कॉन्फिडेंशियल मामला है। हम इस सब पर सर्वदलीय मीटिंग में चर्चा करेंगे। इसके बारे में यहां बोलना ठीक नहीं रहेगा।' इससे पहले, सोमवार को मल्लिकार्जुन खड़गे ने ही कहा था कि सर्वदलीय मीटिंग और संसद का विशेष सत्र बुलाया जाए। उन्होंने कहा था, 'संसद सत्र में हम सभी चर्चा करें कि अभी भारत-पाकिस्तान के बीच क्या स्थिति है और क्या चल रहा है। इसी के साथ इस बारे में भी चर्चा हो कि जनता की सुरक्षा के लिए हम क्या कर रहे हैं।'
शिवसेना (UBT) बोली- उम्मीद है सारे जवाब मिलेंगे
शिवसेना (उद्धव बाला साहब ठाकरे) की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने इस बारे में कहा है, 'जिस तरीके से पाकिस्तान एकदम घबराकर अमेरिका के पास गया कि हमें सीजफायर चाहिए और जो खबरें वहां से निकलकर आ रही हैं कि उनका कोई न्यूक्लियर ठिकाना था जहां मिसाइल पड़ी है और इसके चलते सीजफायर हुआ।' कांग्रेस की ओर से पूछे जा रहे सवालों पर प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि कांग्रेस सवाल उठा रही है। कांग्रेस ने सुझाव दिया है कि एक संसद सत्र बुलाया जाना चाहिए और इस पर चर्चा होनी चाहिए। अलग-अलग तरीके हो सकते हैं। मुझे उम्मीद है कि आने वाले समय में फिर से सर्वदलीय मीटिंग होगी और सबको बताया जाएगा कि क्यों इस सीजफायर का ऐलान डोनाल्ड ट्रंप ने किया, क्यों यह सीजफायर हो रहा था जबकि पूरी सेना उन्हें सबक सिखाने को तत्पर थी? हमें उम्मीद है कि सरकार हर सवाल का जवाब देगी। फिलहाल, हम देश के साथ खड़े हैं।'
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बता दें कि भारत और पाकिस्तान के बीच फिलहाल सीजफायर हो गया है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अपने संबोधन में कहा है कि भारत किसी भी तरह के परमाणु हमले वाली ब्लैकमेलिंग बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने यह भी साफ किया कि पाकिस्तान से अगर कोई बातचीत होगी तो आतंकवाद और पाक अधिकृत कश्मीर पर भी होगी। उन्होंने भारतीय सेनाओं और सुरक्षा बलों की भी जमकर तारीफ की।