भारत और पाकिस्तान संघर्ष के बाद सबसे अधिक चर्चा पाकिस्तान के किराना हिल्स की हो रही है। सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हैं। इसमें दावा किया जा रहा है कि किराना हिल्स पर हमला किया गया है। वीडियो में धमाके के बाद धुआं उठता दिख रहा है। मगर सोमवार को भारतीय सशस्त्र बलों ने अपनी प्रेस ब्रीफिंग में साफ कर दिया कि किराना हिल्स पर भारत ने कोई हमला नहीं किया। किराना हिल्स पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के उत्तर में सरगोधा जिले में पड़ती हैं। यहां पर 1980 के दशक में पाकिस्तान ने अपना परमाणु परीक्षण करने की कोशिश की थी। पहाड़ों के नीचे पाकिस्तान ने सुरंगों का जाल बिछा रखा है। माना जाता है कि यहां खतरनाक मिसाइलें और पाकिस्तान सेना के परमाणु हथियार रखे हैं। 

 

पाकिस्तान ने इस पूरे इलाके को अभेद्य किले में तब्दील कर रखा है। सुरंगों को बम फ्रूफ बनाया है। इसमें चीन ने तकनीकी मदद पहुंचाई है। पहाड़ों के नीचे मिसाइलों और हथियारों को निशाना बनाना मुश्किल है। इसलिए पाकिस्तान ने किराना हिल्स को चुना। मगर अब युद्ध की रणनीति बदल चुकी है। कई देशों की सेनाओं के पास जमीन को भेदने वाली मिसाइलें भी आ चुकी हैं। पाकिस्तान की सरकार किराना हिल्स के आसपास के पूरे क्षेत्र को अपने नियंत्रण में रखती है। इसे सड़क, रेल और हवाई मार्ग से भी जोड़ा गया है। पाकिस्तान का सरगोधा एयरबेस भी महज 8 किमी की दूरी पर है। 

 

किराना हिल्स पर क्यों थी अमेरिका की निगाह?

पाकिस्तान के किराना हिल्स पर अमेरिका की नजर साल 1883 से थी। यहां पाकिस्तान परमाणु टेस्टिंग की तैयारी कर रहा था। मगर साल 1990 में अमेरिका के दबाव में आने के बाद पाकिस्तान ने परीक्षण कैंसिल कर दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यहां चीन की एम-11 मिसाइलों का भंडार भी है। यह पूरा क्षेत्र 39 किमी में फैला है। 

 

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कर्नल विनायक भट (सेवानिवृत्त) ने नवंबर 2017 में द प्रिंट में एक लेख लिखा था। उसके मुताबिक 2004 से 2016 तक पाकिस्तान के वर्क्स डेवलपमेंट ने किराना हिल्स के अंदर 10 सुरंगों का निर्माण किया। पहाड़ों के नीचे एक बहुत बड़ा क्षेत्र बनाया गया है। अंदर बनी इमारतें तीन मंजिला ऊंची हैं। दरवाजे 5 से 15 मीटर तक चौड़े हैं। पाकिस्तान ने सुरंगों के दरवाजों को बेहद सुरक्षित बनाने की कोशिश की ताकि किसी भी हमले से इस ठिकाने को बचाया जा सके। दीवारों को कंक्रीट और सरिया की मदद से बेहद मजबूत बनाया गया है। इनकी चौड़ाई ढाई से 5 मीटर तक हो सकती है। 

 

भारत ने क्यों किया नूर खान और सरगोधा पर हमला? 

भारत ने पाकिस्तान के नूर खान और सरगोधा एयरबेस पर हमला किया। इसके रनवे को काफी डैमेज किया। भारत इन हमलों के माध्यम से पाकिस्तान की सेना को सीधा मैसेज देना चाहता था कि अगर संघर्ष बढ़ा तो भारत पाकिस्तान के परमाणु ठिकानों को निष्क्रिय करने की क्षमता रखता है।

 

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किराना हिल्स रणनीतिक रूप से बेहद अहम सैन्य ठिकाना है। पाकिस्तान का कुशाब परमाणु संयंत्र यहां से 75 किमी दूर है। विश्व परमाणु संघ की एक रिपोर्ट के अनुसार इस्लामाबाद से 200 किमी दक्षिण में स्थित खुशाब में चार भारी रिएक्टर हैं। यहां हथियार ग्रेड प्लूटोनियम का उत्पादन होता है। रावलपिंडी में पाकिस्तान सेना का मुख्यालय हैं। यहां के चकलाला में नूर खान एयरबेस है। यह बेस राजधानी इस्लामाबाद से भी बेहद करीब है। यहां भारत के हमलों से पूरी पाकिस्तानी सेना हिल उठी।

 

हल्के अंदाज में एयर मार्शल ने क्या कहा?

भारतीय वायु संचालन महानिदेशक एयर मार्शल एके भारती से जब पूछा गया कि क्या किराना हिल्स पर हमला किया गया? जहां पर पाकिस्तान के परमाणु हथियार हैं। इस पर उन्होंने कहा कि हमें यह बताने के लिए धन्यवाद कि किराना हिल्स में कुछ परमाणु प्रतिष्ठान हैं। हमें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं थी। इसके बाद उन्होंने कहा कि हमने किराना हिल्स पर हमला नहीं किया है, वहां जो कुछ भी हो। मैंने कल अपनी ब्रीफिंग में इसकी जानकारी नहीं दी थी।