मुंबई को आतंकी हमलों से दहलाने वाले तहव्वुर राणा को 18 दिन की NIA की कस्टडी में भेज दिया है। देर रात 2 बजे दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने उसकी कस्टडी पर फैसला सुनाया। हालांकि, NIA ने उसकी 20 दिन की कस्टडी की मांग की थी।
गुरुवार शाम को इंदिरा गांधी इंटरनेशनल (IGI) एयरपोर्ट पर लैंड करने के बाद ही NIA ने तहव्वुर राणा को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद देर रात उसे स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया।
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NIA हेडक्वार्टर में रहेगा तहव्वुर राणा
कस्टडी मिलने के बाद देर रात तहव्वुर राणा को NIA के हेडक्वार्टर में लाया गया। इस दौरान दिल्ली पुलिस की SWAT टीम और कई सुरक्षाकर्मी भी मौजूद थे। अधिकारियों ने बताया कि उसे NIA के हेडक्वार्टर के अंदर एक हाई सिक्योरिटी सेल में रखा जाएगा।
कोर्ट से कस्टडी मिलने के बाद NIA ने एक बयान जारी कर बताया, 'तहव्वुर राणा 18 दिन तक एजेंसी की हिरासत में रहेगा। इस दौरान उससे पूछताछ की जाएगी, ताकि 2008 के हमलों के पीछे की पूरी साजिश का पता लगाया जा सके।'
NIA ने कोर्ट में क्या-क्या दलीलें दीं?
NIA की तरफ से सीनियर एडवोकेट दयान कृष्णन और स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर नरेंद्र मान ने दलीलें रखीं। वहीं, तहव्वुर राणा के पास अपना वकील नहीं होने के बाद उसकी तरफ से दलीलें रखने के लिए एडवोकेट पीयूष सचदेवा को नियुक्त किया गया।
कोर्ट से NIA ने कहा, 2008 के हमलों के पीछे की बड़ी साजिश का पता लगाने के लिए तहव्वुर राणा से पूछताछ करना जरूरी है। एजेंसी ने यह भी कहा कि हमले की प्लानिंग करने में उसकी भूमिका की भी जांच की जानी है।
NIA ने कोर्ट में कहा, 'आरोपी नंबर-1 डेविड कोलमैन हेडली ने भारत आने से पहले राणा के साथ पूरे ऑपरेशन की चर्चा की थी। हेडली ने राणा को एक ईमेल भी भेजा था, जिसमें उसने अपने सारे सामान और संपत्तियों की जानकारी दी थी।' एजेंसी ने कहा कि 'हेडली ने राणा को पाकिस्तानी नागरिक इलियास कश्मीरी और अब्दुर रहमान के शामिल होने की जानकारी भी दी थी, जो इस केस में आरोपी भी हैं।'
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कोर्ट ने क्या आदेश दिया है?
स्पेशल कोर्ट के जज चंद्रजीत सिंह ने देर रात 2 बजे तहव्वुर राणा केस पर आदेश दिया। उन्होंने राणा को 18 दिन की कस्टडी में NIA को सौंपने का आदेश दिया था।
तहव्वुर राणा की तरफ से केस लड़ रहे वकील पीयूष सचदेवा ने बताया, 'NIA ने 20 दिन की कस्टडी मांगी थी। कोर्ट ने जांच के लिए 18 दिन की कस्टडी दी है। कोर्ट ने निर्देश दिए हैं कि हिरासत में लेने से पहले और अगली तारीख पर पेश होने से पहले भी मेडिकल टेस्ट होंगे और बीच में जो भी मेडिकल जरूरतें हैं उसे पूरा किया जाएगा। आने वाले समय में तहव्वुर राणा को शारीरिक रूप से ही कोर्ट के सामने पेश किया गया जाएगा।'
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अमेरिका से ऐसे भारत आया राणा
अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट से सारी अर्जियां खारिज होने के बाद राणा को भारत को प्रत्यर्पित कर दिया गया। राणा ने आखिरी मौके तक प्रत्यर्पण से बचने की कोशिशें कीं लेकिन अदालत ने उसकी एक न सुनी।
तहव्वुर राणा को बुधवार को गल्फस्ट्रीम G5550 जेट से अमेरिका से भारत लाया गया। यह एक प्राइवेट जेट है, जिसे ऑस्ट्रिया के विएना में स्थित एक चार्टर कंपनी से किराये पर लिया गया था। इसने बुधवार को अमेरिका से उड़ान भरी थी। उसी रात 9.30 बजे विमान ने रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट में लैंडिंग की। करीब 11 घंटे तक यहां रुकने के बाद अगले दिन विमान ने नई दिल्ली के लिए उड़ान भरी। गुरुवार सुबह 8.45 बजे विमान ने उड़ान भरी और शाम करीब 6.30 बजे नई दिल्ली पहुंचा।
जब तहव्वुर राणा को अमेरिका से भारत लाया जा रहा था, तब सुरक्षा की जिम्मेदारी NSG, NIA और अमेरिकी स्काई मार्शल के पास थी। दिल्ली में लैंड होते ही NIA ने तहव्वुर राणा को औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया।
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मुंबई हमलों में क्या थी राणा की भूमिका?
मुंबई हमलों के लगभग एक साल बाद 11 नवंबर 2009 को NIA ने तहव्वुर राणा और डेविड कोलमेन हेडली के खिलाफ केस दर्ज किया था। इसके मुताबिक, तहव्वुर राणा और डेविड हेडली ने दिल्ली और भारत की कई जगहों पर आतंकी हमलों को अंजाम देने के लिए पाकिस्तानी आतंकी संगठ लश्कर-ए-तैयबा और हरकत-उल जिहादी इस्लामी (HUJI) के आतंकियों के साथ मिलकर साजिश रची थी।
जांच एजेंसी के मुताबिक, तहव्वुर राणा ने ही डेविड हेडली के लिए भारत के वीजा का इंतजाम किया था। आरोप है कि हेडली भारत आया था और उसने दिल्ली के नेशनल डिफेंस कॉलेज और मुंबई के चबाड हाउस पर हमले की प्लानिंग में राणा की मदद की थी। जून 2006 में डेविड हेडली और तहव्वुर राणा के बीच अमेरिका में मुलाकात हुई थी, जहां उन्होंने भारत पर हमला करने पर चर्चा की थी।
एजेंसी ने बताया कि 13 से 21 नवंबर 2008 के तहव्वुर राणा अपनी पत्नी समराज राणा के साथ उत्तर प्रदेश, दिल्ली, आगरा, कोच्चि, अहमदाबाद और मुंबई आया था। 2007 और 2008 में हेडली भी 5 बार मुंबई आया था। इतना ही नहीं, तहव्वुर राणा 26/11 अटैक के लिए मेजर इकबाल से भी संपर्क में था, जो कथित तौर पर ISI से जुड़ा था।
जांच एजेंसी के मुताबिक, हेडली जब पहली बार भारत आया था तो उसने 32 से ज्यादा बार राणा से फोन पर बात की थी। इसके बाद दूसरी यात्री के दौरान 32 बार, तीसरी यात्रा के दौरान 40 बार, पांचवीं यात्रा के दौरान 37 बार, छठी यात्रा के दौरान 33 बार और आठवीं यात्रा के दौरान 66 बार राणा से फोन पर बात की थी।