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16 साल, 4 महीने और 15 दिन, तहव्वुर राणा के भारत आने की पूरी कहानी

तहव्वुर राणा कुछ ही देर में भारत आ जाएगा। मुंबई हमलों के 16 साल, 4 महीने और 15 दिन बाद उसकी वापसी हो रही है। 26/11 से लेकर अब तक क्या-क्या हुआ? पढ़ते हैं।

tahawwur rana

तहव्वुर राणा। (File Photo)

तहव्वुर राणा आखिरकार भारत आने ही वाला है। पिछले हफ्ते उसकी प्रत्यर्पण की सारी अपीलें खारिज होने के बाद अब उसे अमेरिका से भारत लाया जा रहा है। तहव्वुर राणा वही है, जिसने मुंबई हमलों की सारी प्लानिंग की थी। इस हमले का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा ही है। 


NIA ने तहव्वुर राणा के खिलाफ नवंबर 2009 में केस दर्ज किया था। तहव्वुर राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है। उसने अमेरिकी नागरिक डेविड कोलमेन हेडली के साथ मिलकर 26/11 के हमलों की प्लानिंग की थी। तहव्वुर राणा ने ही डेविड हेडली के लिए भारतीय वीजा का इंतजाम किया था, ताकि वह भारत आ सके और हमला करने वाली जगहों की पहचान कर सके। 


मुंबई अटैक से पहले कई बार डेविड हेडली भारत आया था। तहव्वुर राणा ने भी अपनी पत्नी समराज राणा के साथ भारत के कई शहरों का दौरा किया था। वही 13 से 21 नवंबर 2008 तक भारत में ही था। मुंबई हमलों से पांच दिन पहले वह वापस चला गया था। हालांकि, सालभर बाद ही उसे अमेरिका में गिरफ्तार कर लिया गया। मुंबई हमले के मामले में ट्रायल का सामना करने के लिए अमेरिका ने अब उसे भारत को सौंप दिया है।


उस पर ट्रायल चलाने के लिए भारत को लंबी लड़ाई लड़नी पड़ी है। 26 नवंबर 2008 से 10 अप्रैल 2025 तक यानी 16 साल, 4 महीने और 15 दिन बाद तहव्वुर राणा भारत आ रहा है। इस दौरान हमलों से लेकर अमेरिका में उसकी गिरफ्तारी और अब भारत आने की पूरी कहानी जानते हैं।

 

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कब-कब क्या हुआ?

  • 26 नवंबर 2008: लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने मुंबई में कई जगहों पर आतंकी हमला किया। इनमें ताज होटल, ओबेरॉय होटल, छत्रपति शिवाजी टर्मिनल, नरीमन हाउस और लियोपोल्ड कैफे शामिल है। इन हमलों में 166 लोगों की मौत हो गई थी। पाकिस्तान से आए इन आतंकियों ने 60 घंटे तक मुंबई को दहलाया था। हमला करने वाले 9 आतंकियों को मार गिराया गया था। एकमात्र आतंकी अजमल कसाब ही जिंदा पकड़ाया था, जिसे नवंबर 2012 में फांसी दे दी गई थी।
  • 18 अक्टूबर 2009: अमेरिकी जांच एजेंसी FBI ने तहव्वुर राणा और डेविड कोलमेन हेडली को गिरफ्तार किया। दोनों पर तीन आरोप थे। पहला- डेनमार्क के अखबार जेलैंड्स-पोस्तेन पर हमले की साजिश रचना। दूसरा- लश्कर-ए-तैयबा की मदद करना। और तीसरा- मुंबई हमलों की साजिश रचना।
  • 30 नवंबर 2009: अमेरिकी कोर्ट में तहव्वुर राणा ने मुंबई हमले में हाथ होने के आरोपों से इनकार कर दिया। हालांकि, मई 2011 में डेविड कोलमेन हेडली ने गवाही देते हुए कहा कि मुंबई में हमलों में पाकिस्तान और तहव्वुर राणा का हाथ था।
  • 7 जनवरी 2013: शिकागो की इलिनॉइस कोर्ट ने तहव्वुर राणा को दोषी पाते हुए 14 साल जेल की सजा सुनाई। हालांकि, मुंबई हमले में उसके शामिल होने के आरोपों से उसे बरी कर दिया लेकिन लश्कर-ए-तैयबा की मदद करने के मामले में दोषी माना। 
  • 10 जून 2020: भारत की ओर से राणा के प्रत्यर्पण के लिए की गई अपील पर कैलिफोर्निया की मजिस्ट्रेट कोर्ट ने उसके खिलाफ प्रोविजनल अरेस्ट वारंट जारी किया। 
  • 16 मई 2023: अमेरिका की एक अदालत ने तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण को मंजूरी दी। कोर्ट ने माना कि भारत ने राणा पर जो आरोप लगाए हैं, वह उसके प्रत्यर्पण के लिए काफी हैं।
  • 15 अगस्त 2024: प्रत्यर्पण के खिलाफ तहव्वुर राणा की अपील को कैलिफोर्निया कोर्ट ने खारिज कर दिया। कोर्ट ने राणा की सभी अपीलों को खारिज करते हुए कहा कि उसने वह सारे अपराध किए हैं और इसलिए उसे भारत को सौंप दिया जाना चाहिए।
  • 21 जनवरी 2025: कैलिफोर्निया कोर्ट के फैसले के खिलाफ तहव्वुर राणा की अपील को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। राणा ने 13 नवंबर 2024 को इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। इसके साथ ही राणा के प्रत्यर्पण के रास्ता साफ हो गया।
  • 10 अप्रैल 2025: सारे कानूनी रास्ते बंद होने के बाद आखिरकार तहव्वुर राणा को भारत लाया जा रहा है। उसे अब NIA की हिरासत में रखा जाएगा। बताया जा रहा है कि तहव्वुर राणा दिल्ली की तिहाड़ जेल में हाई सिक्योरिटी सेल में रहेगा।

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दिल्ली में ही चलेगा इसका ट्रायल?

मुंबई हमलों का पूरा ट्रायल अब तक मुंबई में चल रहा था लेकिन तहव्वुर राणा का ट्रायल दिल्ली में होगा। न्यूज एजेंसी ANI की रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी 2025 में ही दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने इस मामले से जुड़े सारे रिकॉर्ड्स मुंबई से दिल्ली बुलवा लिए थे। इस कारण अब तहव्वुर राणा से जुड़े मामले की सुनवाई दिल्ली में ही होगी।

 

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नवंबर 2009 में NIA ने दर्ज किया था केस

26 नवंबर 2008 को मुंबई में कई जगह आतंकी हमले हुए थे। इस सिलसिले में 11 नवंबर 2009 को NIA ने IPC की धारा 121A, UAPA की धारा 18 और SAARC कन्वेंशन की धारा 6(2) के तहत डेविड कोलमेन हेडली उर्फ दाऊद गिलानी और तबव्वुर राणा के तहत केस दर्ज किया था। 


NIA की FIR के मुताबिक, अमेरिकी नागरिक डेविड हेडली और पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक तहव्वुर राणा ने आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और हरकत-उल जिहादी इस्लामी (HUJI) के साथ मिलकर नई दिल्ली समेत भारत की कई जगहों पर आतंकी हमलों की साजिश रची थी। 

 

जांच एजेंसी के मुताबिक, तहव्वुर राणा ने ही डेविड हेडली के लिए भारत के वीजा का इंतजाम किया था। आरोप है कि हेडली भारत आया था और उसने दिल्ली के नेशनल डिफेंस कॉलेज और मुंबई के चबाड हाउस पर हमले की प्लानिंग में राणा की मदद की थी। जून 2006 में डेविड हेडली और तहव्वुर राणा के बीच अमेरिका में मुलाकात हुई थी, जहां उन्होंने भारत पर हमला करने पर चर्चा की थी।


एजेंसी ने बताया कि 13 से 21 नवंबर 2008 के तहव्वुर राणा अपनी पत्नी समराज राणा के साथ उत्तर प्रदेश, दिल्ली, आगरा, कोच्चि, अहमदाबाद और मुंबई आया था। 2007 और 2008 में हेडली भी 5 बार मुंबई आया था। इतना ही नहीं, तहव्वुर राणा 26/11 अटैक के लिए मेजर इकबाल से भी संपर्क में था, जो कथित तौर पर ISI से जुड़ा था।

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