पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले में कुल 26 लोगों की जान गई। आतंकियों ने इन निर्दोष लोगों को बैसरन के मैदान में सरेआम गोलियों से भून डाला। अब इन लोगों के शव इनके घरों तक पहुंचने लगे हैं। इस हमले ने पूरे देश को कभी न भुलाया जाने वाला दर्द दिया है। अभी भी कई लोग ऐसे भी हैं जो अस्पताल में भर्ती हैं और उनका इलाज चल रहा है। इस हमले में मारे गए लोगों की लाशें उनके घर पहुंचने के साथ ही उनके घर का माहौल गमगीन हो गया है। कहीं किसी की मासूम बेटी को अपने पिता की लाश को कंधा देना पड़ा है तो कहीं नाबालिग बेटे को अपने पिता को मुखाग्नि देनी पड़ी। कहीं किसी का सुहाग उजड़ गया तो कहीं मां-बाप से उनका बेटा छिन गया। 

 

इस हमले में महराष्ट्र के 6, कर्नाटक के 3, गुजरात के 3, पश्चिम बंगाल के 2, मध्य प्रदेश के 1, उत्तर प्रदेश के 1, बिहार के 1 अरुणाचल प्रदेश के 1, ओडिशा के 2, केरल के 1, चंडीगढ़ के 1, उत्तराखंड के 1, हरियाणा के 1, जम्मू-कश्मीर के 1 और नेपाल के एक शख्स की हत्या कर दी गई है। अब इन्हीं लोगों के शव जब घर पहुंच रहे हैं तो आंसुओं का सैलाब रुकने का नाम नहीं ले रहा है।

 

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1. रो पड़ा संतोष जगदाले का परिवार (पुणे)

 

 

महाराष्ट्र के पुणे के निवासी संतोष जगदाले और उनका परिवार हमले के वक्त एक टेंट में छिप गया है। आतंकियों ने संतोष को टेंट से बाहर खींचकर गोली मार दी। जब उनका शव उनके घर पहुंचा तो मातम पसर गया। यह वही संतोष जगदाले थे जिनके लिए आतंकियों ने कहा, 'चौधरी, तू बाहर आ जा।'

 

साथ में मौजूद रही उनकी बेटी असवरी ने बताया, 'उन लोगों ने मेरे पापा को बाहर खींचा और कलमा पढ़ने को कहा। जब वह नहीं पढ़ पाए तो उन्हें तीन गोलियां मार दीं।' 

 

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2. सुशील नथानियल के घर शोक (इंदौर)

 

 

मध्य प्रदेश के इंदौर के रहने वाले सुशील नथानियल अपनी पत्नी के साथ घूमने गए थे। उनकी पत्नी के सामने ही आतंकियों ने उन्हें गोली मार दी। उनकी पत्नी कहती हैं, 'मेरी जान बचाने के लिए उन्होंने अपने सीने पर गोली खाई।' उनकी पत्नी ने बताया कि सुशील अपने बच्चों के साथ उन्हीं का (सुशील की पत्नी का) जन्मदिन मनाने गए थे। आज जब सुशील का शव घर पहुंचा तो परिवार के लोगों की चीखों ने माहौल गमगीन कर दिया।

 

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3. चीखों से भर गया शैलेश कथालिया का घर (सूरत)

 

 

गुजरात के सूरत के रहने वाले शैलेश कथालिया अपने परिवार के संग छुट्टियां मनाने गए थे। उनके बच्चे तो इस हमले में बच गए लेकिन उनका शव ही पहलगाम से लौटा है।

 

4. नीरज उधवानी (जयपुर)

 

 

राजस्थान की राजधानी जयपुर के रहने वाले नीरज उधवानी के घर जब उनका शव पहुंचा तो राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा समेत कई नेता भी मौजूद थे। पेश से चार्टर्ड अकाउंटेंट कई सालों से दुबई में रहते थे। हाल ही में वह अपनी पत्नी के साथ 5 दिन के लिए दुबई से भारत आए थे। इसी बीच वह अपनी पत्नी के साथ घूमने पहलगाम गए और उन्हें पत्नी के सामने ही गोली मार दी गई। घर पर शव पहुंचने के बाद उनकी पत्नी का रोकर बुरा हाल हो गया।  

 

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5. प्रशांत सत्पती को बेटे ने दी मुखाग्नि (बालासोर)

 

 

ओडिशा के बालासोर के रहने वाले प्रशांत सत्पती कई महीनों तक पैसे जुटाने के बाद अपने परिवार के साथ कश्मीर घूमने गए थे। जब हमला हुआ तो आतंकियों ने उन्हें भी उनके परिवार के सामने ही गोली मार दी। अब जब उनका शव उनके घर पहुंचा तो उनके मासूम बेटे को ही अपने पिता को मुखाग्नि देनी पड़ी।

 

फिलहाल, इस मामले में भारत सरकार काफी सक्रिय है। भारत सरकार का मानना है कि इस तरह का हमला बिना पाकिस्तानी शह के नहीं हुआ है। यही वजह है कि भारत के सिंधु नदी समझौते को निलंबित कर दिया है और पाकिस्तानियों को भारत छोड़ने को कहा गया है। जम्मू-कश्मीर की पुलिस राष्ट्रीय जांच एजेंसी की मदद से इस हमले की जांच कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी भरोसा दिलाया है कि इस तरह का हमला करने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा।