जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने स्थानीय अर्थव्यवस्था खासकर टूरिज्म से जुड़े व्यवसायों जैसे टैक्सी, घुड़सवारी, होटल और ट्रैवल एजेंसियों को गंभीर नुकसान पहुंचाया है। इस हमले में 26 लोगों की मौत हुई जिसमें दो विदेशी टूरिस्ट भी शामिल थे और 17 लोग घायल हुए। इस आंतकी हमले के कारण पर्यटकों में दहशत फैल गई है और इसकी वजह से पर्यटन गतिविधियां लगभग ठप हो गई है। टैक्सी, सेवाएं, घुड़सवारी, होटल और टैक्सी एजेंसियां पूरी तरह से बंद हो चुकी है। आतंकी हमले के बाद पहलगाम को कितना नुकसान हुआ और होगा, आइये समझें...
टैक्सी सेवाएं
पहलगाम टैक्सी एसोसिएशन के अध्यक्ष गुलजार अहमद वानी ने कहा कि यह हमला उनकी आजीविका पर सीधा प्रहार है। पर्यटकों के अचानक पलायन के कारण टैक्सी सेवाएं ठप हो गईं। बुधवार सुबह करीब 200 प्राइवेट गाड़ियां पर्यटकों को लेकर पहलगाम से निकलीं जिससे टैक्सी चालकों की इनकम बिल्कुल जीरो हो गई।
घुड़सवारी
पहलगाम के बैसरन घाटी में घुड़सवारी पर्यटकों के लिए प्रमुख आकर्षण थी लेकिन हमले के बाद यह व्यवसाय पूरी तरह बंद हो गया। स्थानीय घोड़े वालों ने डर के माहौल में पर्यटकों से पैसे नहीं लिए और उन्हें सुरक्षित निकलने को कहा। कुछ घोड़े भी हमले में घायल हुए जिससे इस व्यवसाय को और नुकसान हुआ है।
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होटल
पहलगाम और पूरे जम्मू-कश्मीर में होटल इंडस्ट्री को भारी झटका लगा। इंडियन एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स के नासिर शाह के अनुसार, मंगलवार रात से ही पर्यटकों ने होटलों की एडवांस बुकिंग कैंसिल करानी शुरू कर दीं। गुलमर्ग और श्रीनगर के फाइव-स्टार होटलों में एक रात का किराया 30,000 से 70,000 रुपये है और कैंसिलेशन से होटल संचालकों को लाखों का नुकसान हुआ। हमले के बाद पहलगाम के होटल लगभग खाली हो गए। कुछ होटल मालिकों ने पर्यटकों से बकाया पैसे भी नहीं लिए और उन्हें जल्दी निकलने की सलाह दी।
ट्रैवल एजेंसियां
श्रीनगर के ट्रैवल ऑपरेटर ऐजाज अली ने बताया कि लगभग 80% बुकिंग्स रद्द हो चुकी हैं और अगले एक महीने तक के पैकेज कैंसिल किए जा रहे हैं। पर्यटकों के लौटने और नई बुकिंग्स रद्द होने से ट्रैवल एजेंसियों की वर्षों की मेहनत पर पानी फिर गया। इस हमले ने गर्मियों के पीक सीजन में पर्यटन को गहरी चोट पहुंचाई है।
एक दिन में पहलगाम की स्थिती
हमले के 24 घंटे के भीतर पहलगाम से पर्यटकों का बड़े पैमाने पर पलायन शुरू हो गया। श्रीनगर हवाई अड्डे से छह घंटे में 3,337 यात्री अपने गंतव्यों को रवाना हुए। पहलगाम में दुकानें बंद रहीं, यानर राफ्टिंग पॉइंट जैसे पर्यटक स्थल सुनसान हो गए और स्थानीय रेस्तरां मालिकों जैसे उमर मजीद ने बताया कि उनका व्यवसाय पूरी तरह ठप हो गया। पर्यटकों के डर से पहलगाम में सामान्य गतिविधियां रुक गईं और स्थानीय लोगों ने पर्यटकों को मुफ्त सेवाएं देकर उनकी सुरक्षित वापसी में मदद की है।
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2024 में पहुंचे थे 22 लाख टूरिस्ट
बता दें कि 2024 में पहलगाम में लगभग 22 लाख पर्यटक पहुंचे। इसके अलावा, 2025 के पहले तीन महीनों में ही 6 लाख पर्यटक पहलगाम आए थे। 22 लाख पर्यटकों के साथ होटल (30,000-70,000 रुपये प्रति रात), टैक्सी, घुड़सवारी, और स्थानीय दुकानों ने भारी मुनाफा कमाया होगा। एक अनुमान लगाए तो अगर प्रत्येक टूरिस्ट औसतन 10,000 रुपये खर्च करता है तो कुल राजस्व 2,200 करोड़ रुपये के आसपास हो सकता है। हालांकि, यह महज अनुमानित आंकड़ा है।
पहलगाम में अब सन्नाटा
इस आतंकी हमले ने पहलगाम की शांतिपूर्ण तस्वीर और टूरिज्म की अर्थव्यवस्था को बेहद नुकसान पहुंचाया है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने पर्यटकों के लौटने पर दुख जताया और इसे पर्यटन उद्योग के लिए बड़ा झटका बताया। विशेषज्ञों के अनुसार, कश्मीर में पर्यटकों का विश्वास दोबारा हासिल करने में लंबा समय लगेगा।