22 अप्रैल को पहलगाम में हुआ आतंकी हमले ने भारत को ऐसे जख्म दिए हैं, जिसका खामियाजा सैकड़ों लोगों को भुगतना पड़ रहा है। भारत ने पाकिस्तानियों को अपने घर लौटने का निर्देश दिया, जिसके बाद से अटारी बॉर्डर के रास्ते पाकिस्तानी अपने घर लौट रहे हैं। भारत से पाकिस्तान जाने वाले लोगों की आंखे नम हैं, परिवार से बिछड़ने का गम है और भविष्य को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। 

पाकिस्तान लौट रहे ज्यादातर लोगों का कहना है कि गलती आतंकियों ने की है, जिसका खामियाज आम आदमी क्यों भुगत रहा है। आतंकियों को सजा मिले, हमें इस बात की सजा क्यों मिल रही है। ज्यादातर पाकिस्तानी, इस आतंकी हमले की निंदा कर रहे हैं। मुफजला 41 दिनों पहले मां बनी हैं, उन्हें भी लौटना पड़ा। ऐसे ही कई महिलाएं हैं, जिन्हें बेमन से पाकिस्तान लौटना पड़ रहा है। 

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने आदेश दिया था कि शॉर्ट और लॉन्ग टर्म वीजा होल्डर, पाकिस्तान लौट जाएं। बीते 6 दिनों में 887 पाकिस्तानी नागरिक अटारी-वाघा बॉर्डर के रास्ते पाकिस्तान लौट चुके हैं। 

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14 दिन पहले पैदा हुआ था बच्चा, मां डिपोर्ट
पाकिस्तानी नागरिक सना खान ने 14 दिन पहले ही अपने बच्चे को जन्म दिया है। अब उन्हें डिपोर्ट किया गया। उनका कहना है कि सरकार उन्हें डिपोर्ट न करे। दो बच्चों की मां सीमा पर गिड़गिड़ाती नजर आईं। अधिकारियों ने नहीं सुनी, उन्हें डिपोर्ट कर दिया गया। पाकिस्तान की रहने वाली एक महिला को 41 साल बाद डिपोर्ट किया जा रहा है। महिला ने कहा कि उसे जरा भी नहीं पता है कि सरकार डिपोर्ट क्यों कर रही है, अब पाकिस्तान में अपने भविष्य को लेकर कई महिलाएं डरी हुई हैं।  

मुफजला ने 40 दिन पहले अपने बच्चे को जन्म दिया है। (Photo Credit: PTI)

 





'51 साल हो गए, अब पाकिस्तान क्यों भेज रही सरकार'

कराची की रहने वाली एक महिला को भी डिपोर्ट होना पड़ा। उसने कहा, 'आतंकियों ने कश्मीर में गोलीबारी की लेकिन इसकी सजा हमें क्यों मिल रही है। मैं 51 साल से यहां रह रही हूं। जो भी हो रहा है,सही नहीं हो रहा है। हम उनके साथ नहीं हैं। आतंकियों का पैर तोड़ दना चाहिए, फांसी देना चाहिए। मैं सरकार से कहना चाहूंगी कि जो भी हमारे साथ हो रहा है, गलत हो रहा है।' 

 

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'परिवार हिंदुस्तान में, बच्चे हिंदुस्तानी, मां को किया डिपोर्ट'

पाकिस्तान की रहने वाली एक महिला ने कहा, 'मैंने 15 साल भारत में बिताए हैं। हम यहां अपना भविष्य बना रहे थे। हमें यहां जमने में 15 साल लग गए, अब हमें फिर से शुरू करना होगा। हमें उन सवालों का जवाब देना होगा, जो हमारे बच्चे हमसे पूछ रहे हैं।'


'हमला आतंकियों ने किया, हम पर जुल्म क्यों'

पाकिस्तानी नागरिक मुफजला की सादी बारामुला में 6 साल पहले हुई। उनके दोनों बच्चे भारत में पैदा हुए। उन्हें भी निकलने के लिए कहा गया। उन्होंने कहा, 'हम 3 साल से वीजा बढ़ाने की अपील कर रहे हैं, इसे कभी स्वीकार नहीं किया गया। एक दिन पहले, अचानक हमें निकलने के लिए कह दिया गया। जो पहलगाम में हुआ वह आतंकी हमला था। आतंकियों को सजा मिलनी चाहिए। हमें उनकी वजह से क्यों परेशान होना पड़ रहा है। हम अपने घर में रहना चाहते हैं।'

 

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पाकिस्तान में अधर में भविष्य 
पाकिस्तान में लौट रहे एक और शख्स ओसामा ने कहा, 'मैंने 10वीं और 12वीं की पढ़ाई भारत में की है। मैं बैचलर की पढ़ाई कर रहा हूं। परीक्षा के बाद नौकरियों के लिए अप्लाई करने वाला था लेकिन डिपोर्ट होना पड़ रहा है। पहलगाम में हुआ वह शर्मनाक है लेकिन अब हम कहां जाएं? पाकिस्तान में मेरा भविष्य क्या होगा?'  यह आपबीती पाकिस्तान के कई लोगों की है, जिन्होंने भारत को चुना है। अब उन्हें भारत से डिपोर्ट किया जा रहा है।