भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को भारत सरकार ने बड़ी राहत दी है। केंद्र सरकार ने अगले आदेश तक वाघा-अटारी सीमा के रास्ते वापस जाने की अनुमति दे दी है। गृह मंत्रालय के ताजा आदेश में पिछले निर्देश में कहा गया था कि 30 अप्रैल को सीमा बंद रहेगी। नए आदेश में कहा गया है, 'आदेश की समीक्षा की गई है और आंशिक संशोधन के साथ अब यह आदेश दिया गया है कि पाकिस्तानी नागरिकों को उचित मंजूरी के साथ अटारी में एकीकृत चेक पोस्ट से अगले आदेश तक भारत से बाहर निकलने और पाकिस्तान जाने की अनुमति दी जा सकती है।' केंद्र के निर्देश के बाद से 6 दिनों में 55 राजनायिकों और उनके सहायक कर्मचारियों सहित 786 पाकिस्तानी नागरिक अटारी-वाघा सीमा पार कर भारत छोड़ चुके हैं। यह निर्देश पहलगाम हमले के बाद आया था जिसमें 25 पर्यटकों और एक कश्मीरी स्थानीय नागरिक की पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
24 अप्रैल को भारत ने की थी घोषणा
भारत सरकार ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद 24 अप्रैल को पाकिस्तानी नागरिकों के सभी वीजा रद्द करने की घोषणा की थी। SAARC वीजा धारक को 26 अप्रैल तक भारत छोड़ना था। मेडिकल वीजा धारक को 29 अप्रैल तक की समयसीमा दी गई। बता दें कि 30 अप्रैल तक अटारी-वाघा सीमा खुली रहेगी ताकि पाकिस्तानी नागरिक भारत छोड़ सकें। बता दें कि अब तक 786 पाकिस्तानी नागरिक (55 राजनयिकों, उनके आश्रितों, और सहायक कर्मचारियों सहित) 24 से 29 अप्रैल 2025 तक अटारी-वाघा सीमा के माध्यम से भारत से जा चुके है। 537 पाकिस्तानी 24 से 27 अप्रैल तक अटारी-वाघा सीमा के माध्यम से चले गए, जिसमें 9 राजनयिक भी शामिल थे।
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6 दिनों में 786 पाकिस्तानी ने छोड़ा भारत
केंद्र के निर्देश के बाद से छह दिनों में 55 राजनयिकों और उनके सहायक कर्मचारियों सहित 786 पाकिस्तानी नागरिक अटारी-वाघा सीमा पार करके भारत छोड़ चुके हैं। पाकिस्तान से 1,465 भारतीय भारत आए हैं। पिछले हफ्ते केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को फोन करके यह सुनिश्चित करने को कहा कि कोई भी पाकिस्तानी निर्धारित समय सीमा से आगे भारत में न रहे। पिछले 30-40 वर्षों से भारत में रह रहे कई पाकिस्तानी भी निर्वासित लोगों में शामिल हैं, जिसके कारण कल्याण समूहों और राजनेताओं ने कुछ श्रेणियों को छूट देने की अपील की है।
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महबूबा मुफ्ती की केंद्र से अपील
इस सप्ताह की शुरुआत में, जम्मू और कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने केंद्र से उन पाकिस्तानी नागरिकों को निर्वासित करने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया, जिन्होंने भारतीयों से शादी की है। पीडीपी प्रमुख ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'कई प्रभावित महिलाएं हैं जो 30-40 साल पहले भारत आईं, भारतीय नागरिकों से शादी की, परिवार बनाए और लंबे समय से हमारे समाज का हिस्सा रहीं'।