चाय से खास रिश्ता रखने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के 127वें एपिसोड में कॉफी पर रोशनी डाली। उन्होंने कहा, ‘आप सब जानते हैं मेरा चाय से नाता है, लेकिन आज मैंने सोचा क्यों न 'मन की बात' में कॉफी की बात करें।’

 

पीएम मोदी ने भारतीय कॉफी की बढ़ती वैश्विक लोकप्रियता पर जोर दिया और खास तौर पर ओडिशा के कोरापुट इलाके का जिक्र किया। उन्होंने पिछले साल के कार्यक्रम को याद करते हुए कहा कि तब उन्होंने आंध्र प्रदेश के अराकू कॉफी की चर्चा की थी। मोदी ने कहा, ‘कुछ समय पहले ओडिशा के कई लोगों ने मुझे पत्र लिखकर कोरापुट कॉफी के बारे में 'मन की बात' में बताने की गुजारिश की थी।’

 

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कोरापुट कॉफी है 'बस कमाल की'

प्रधानमंत्री ने कोरापुट कॉफी के स्वाद को ‘बस कमाल का’ बताया। सिर्फ स्वाद ही नहीं, कॉफी की खेती से स्थानीय लोगों की जिंदगी में भी बड़ा बदलाव आ रहा है। उन्होंने कुछ किसानों की मिसाल दी जो अच्छी-खासी नौकरी छोड़कर कॉफी की खेती करने लगे। 

 

पीएम ने कहा, ‘उनका कॉफी से इतना प्यार है कि उन्होंने नौकरियां छोड़ दीं और अब इस क्षेत्र में सफल हो रहे हैं।’ खासकर महिलाओं की जिंदगी में कॉफी ने सम्मान और समृद्धि लाई है। "सच में, कोरापुट कॉफी बेहद स्वादिष्ट है," मोदी ने जोड़ा।

कॉफी उत्पादन और निर्यात

कोरापुट की अनोखी जलवायु अरेबिका कॉफी के लिए परफेक्ट है। ओडिशा में करीब 5,000 हेक्टेयर जमीन पर कॉफी की खेती हो रही है। ट्राइबल डेवलपमेंट को-ऑपरेटिव कॉर्पोरेशन ऑफ ओडिशा लिमिटेड (टीडीसीसीओएल) खरीद से लेकर सुखाने, ग्रेडिंग और मार्केटिंग तक सब संभालता है, ताकि गुणवत्ता बनी रहे।

 

भारत में मुख्य रूप से अरेबिका और रोबस्टा कॉफी उगाई जाती है। कर्नाटक देश का लगभग 70% उत्पादन करता है, उसके बाद केरल और तमिलनाडु आते हैं। लेकिन आंध्र प्रदेश और ओडिशा जैसे गैर-पारंपरिक इलाके अब नए केंद्र बन रहे हैं। इस वित्त वर्ष के अप्रैल-सितंबर में भारत के कॉफी निर्यात 12.5% बढ़कर 1.05 अरब अमेरिकी डॉलर हो गए।

किसानों को दिया प्रोत्साहन

पीएम मोदी ने उत्तर-पूर्व के कॉफी उत्पादन की प्रगति पर भी प्रकाश डाला, जो भारतीय कॉफी की वैश्विक पहचान को मजबूत कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘भारतीय कॉफी दुनिया भर में मशहूर हो रही है। कर्नाटक के चिकमंगलूर, कोडागू और हासन; तमिलनाडु के पुलनी, शेवरॉय, नीलगिरि और अन्नामलाई; कर्नाटक-तमिलनाडु बॉर्डर का नीलगिरि क्षेत्र; या केरल के वायनाड, ट्रावणकोर और मालाबार—भारतीय कॉफी की विविधता सच में कमाल की है।’

 

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'मन की बात' के जरिए पीएम मोदी ने एक बार फिर किसानों और स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहन दिया, जो भारत की कॉफी को वैश्विक स्तर पर चमकाने में मदद कर रहा है।